गयाः बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन महात्मा गांधी जी की राह पर चलने का निर्णय लिया है. उन्होंने गांधी जी को याद करते हुए आनंद ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था 'दूर दूर तक अंधेरा दिखाई दे तो जनता के पास जाओ'. गांधी जी के इसी राह पर हमने चलने का निर्णय लिया है. आनंद ने कहा कि जिस तरह से मेरी छवि को धूमिल करने का काम किया गया है, इसके लिए पटना गांधी मैदान में 23 नवंबर को 10 लाख लोगों को बुलाया गया है. उसमें सब साफ हो जाएगा.
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गया पहुंचे आनंद मोहनः दरअसल, सोमवार को आनंद मोहन गया पहुंचे थे. इसी दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब मैं जेल में था तो कई पार्टियों ने मेरे लिए बात रखी, लेकिन एक पार्टी चुप थी. आज जब मैं बाहर आ गया तो सबसे ज्यादा मरोड़ उन्हीं के पेट में हो रहा है. उनसे सवाल किया गया कि एक पार्टी ने आपको फंसाया और जदयू ने सजा दिलवाई तो भाजपा के खिलाफ क्यों?, इसपर उन्होंने शायराना अंदाज में जबाव दिया. कहा कि युद्ध और प्यार में सब जायजा है. गद्दार वो है जो दोस्ती कर पीठ में खंजर भोंके.
जिसे मदद की वही पार्टी चुप रहीः आनंद मोहन ने कहा कि उन्होंने भाजपा को समाज के बीच लाया. जब जब जरूरत पड़ी तो मदद की. अटल जी को भी जरूरत पड़ी थी तो राजनाथ सिंह आए थे, तब भी हमने मदद की थी. किंतु 16 साल में सारी पार्टियां मंच से मेरे संबंध में बातें रखी, लेकिन एक पार्टी चुपचाप रही. किंतु जब जेल से निकला, मेरी रिहाई हुई तो सबसे ज्यादा मरोड़ इन्हीं को हुआ. उमा कृष्णैया को उकसाकर कोर्ट लाने का काम किया गया. दोबारा जेल भेजने की साजिश हो रही है.
"मेरे कंधे पर सवार होकर हटिया बाजार की पार्टी गांव तक पहुंची. जब जब जरूरत पड़ी हमने मदद की. जेल में था तो सारी पार्टी ने मंच से कहा कि आनंद मोहन निर्दोष हैं, लेकिन एक पार्टी चुप रही. जेल से बाहर आए तो सबसे ज्यादा उन्हीं को मरोड़ हो रहा है. गांधी जी ने कहा था कि जब कुछ दिखाई न दे, अंधेरा हो तो जनता के पास जाओ. गांधी जी के बताए राह पर 23 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में 10 लाख लोगों को बुलाया गया है. मेरी छवि को धूमिल किया गया है, उस दिन साफ होगा कि कौन झूठा है और कौन सच्चा है." - आनंद मोहन, पूर्व सांसद
गांधी मैदान में 23 नवंबर को सभाः आनंद ने कहा कि पटना के गांधी मैदान में 10 लाख लोगों को आमंत्रित किया गया है. मेरी छवि को धूमिल करने और फिर से जेल भेजने की कोशिश हुई है. ऐसे समय में हमने गांधीजी को याद किया. उन्होंने कहा था कि दूर दूर तक रोशनी नहीं दिखे, अंधेरा हो तो जनता के पास जाओ. इसलिए मैं जनता के पास जा रहा हूं. 23 नवंबर को पटना के गांधी मैदान से तय होगा कि सच्चा कौन झूठा कौन है?