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गयाः बकरी पालन कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं ऑटो चालक - सरकारी योजना का लाभ

एकराज ने बताया कि उनके पास उन्नत नस्ल की आठ बकरियां हैं. चार जमुनापारी और एक तोतापारी इसी में से दो के बच्चे भी हैं. उन्होंने बताया कि बकरियों के दूध और बकरियां बेचने से जो कमाई होती है, उसे वे बच्चों की पढ़ाई में लगा देते हैं.

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Published : Jul 4, 2020, 4:30 PM IST

गयाः मोक्ष और ज्ञान की नगरी गया विभिन्न कारणों से प्रसिद्ध है. ये भी माना जाता है कि यहां के लोग काफी मेहनती होते हैं. ऐसा ही एक शख्स है एकराज, जिसने अपनी मेहनत और लगन से युवाओं के सामने मिशाल पेश की है. पेशे से ऑटो चालक एकराज बकरी पालन कर बढ़ती आमदनी से खुशहील जिंदगी जी रहे हैं.

बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

शहर के बैरागी महादेव स्थान निवासी एकराज बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. एकराज पेशे से ऑटो चालक हैं. वो सुबह में ऑटो चलाते है और दोपहर के बाद बकरी पालन के काम में लग जाते हैं. पूरे शहर में एकराज के मेहनत की चर्चा हो रही है.

देखें रिपोर्ट

दो सालों से कर रहे हैं बकरी पालन
एकराज ने बताया कि तो इसमें उन्हें थकान महसूस नहीं होती है. उन्होंने बताया कि पहले वे मजदूरी करते थे फिर उन्होंने ठेला चलाने का काम शुरू किया. उसके बाद 1992 से वे ऑटो चला रहे हैं. जिससे बस भरण पोषण करने तक की कमाई होती थी. एकराज ने बताया कि इधर दो सालों से बकरी पालन कर रहा हूं और इससे काफी फायदा हो रहा है.

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बकरी को खिलाते एकराज

बकरियों से है अलग प्यार
ऑटो चालक के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं. बकरी पालन से ही वह बच्चों को उच्च तालीम दिलवा रहे हैं. एकराज का बकरियों से अलग प्यार दिखता है. बकरियां उनकी एक आवाज पर उनके पास आकर लाड करने लगती हैं.

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बकरियों से है अलग प्यार

उन्नत नस्ल की बकरियां
एकराज ने बताया कि उनके पास उन्नत नस्ल की आठ बकरियां हैं. चार जमुनापारी और एक तोतापारी इसी में से दो के बच्चे भी हैं. उन्होंने बताया कि बकरियों के दूध और बकरियां बेचने से जो कमाई होती है उसे वे बच्चों की पढ़ाई में लगा देते हैं.

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ऑटो में बैठी बकरी

सरकारी लाभ की जरूरत
पशुपालक ने बताया कि दो सालों में बकरी पालन के लिए उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि अब उन्हें बकरियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकारी लाभ की जरूरत है. इस संबंध जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि हमलोग पशुपालक की हौसला अफजाई करेंगे.

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बकरी के साथ एकराज

'दी जाएगी हरसंभव मदद'
डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पशुपालन विभाग से एकराज को जो मदद चाहिए, उन्हें वह हरसंभव मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकारी लाभ लेने के लिए पशुपालक को विभाग की तरफ से आयोजित पांच दिन की ट्रेनिंग पूरी करनी पड़ती है. एकराज इस काम का विस्तार करके कई लोगों को रोजगार दे सकते हैं.

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पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार सिंह

गयाः मोक्ष और ज्ञान की नगरी गया विभिन्न कारणों से प्रसिद्ध है. ये भी माना जाता है कि यहां के लोग काफी मेहनती होते हैं. ऐसा ही एक शख्स है एकराज, जिसने अपनी मेहनत और लगन से युवाओं के सामने मिशाल पेश की है. पेशे से ऑटो चालक एकराज बकरी पालन कर बढ़ती आमदनी से खुशहील जिंदगी जी रहे हैं.

बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

शहर के बैरागी महादेव स्थान निवासी एकराज बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. एकराज पेशे से ऑटो चालक हैं. वो सुबह में ऑटो चलाते है और दोपहर के बाद बकरी पालन के काम में लग जाते हैं. पूरे शहर में एकराज के मेहनत की चर्चा हो रही है.

देखें रिपोर्ट

दो सालों से कर रहे हैं बकरी पालन
एकराज ने बताया कि तो इसमें उन्हें थकान महसूस नहीं होती है. उन्होंने बताया कि पहले वे मजदूरी करते थे फिर उन्होंने ठेला चलाने का काम शुरू किया. उसके बाद 1992 से वे ऑटो चला रहे हैं. जिससे बस भरण पोषण करने तक की कमाई होती थी. एकराज ने बताया कि इधर दो सालों से बकरी पालन कर रहा हूं और इससे काफी फायदा हो रहा है.

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बकरी को खिलाते एकराज

बकरियों से है अलग प्यार
ऑटो चालक के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं. बकरी पालन से ही वह बच्चों को उच्च तालीम दिलवा रहे हैं. एकराज का बकरियों से अलग प्यार दिखता है. बकरियां उनकी एक आवाज पर उनके पास आकर लाड करने लगती हैं.

gaya
बकरियों से है अलग प्यार

उन्नत नस्ल की बकरियां
एकराज ने बताया कि उनके पास उन्नत नस्ल की आठ बकरियां हैं. चार जमुनापारी और एक तोतापारी इसी में से दो के बच्चे भी हैं. उन्होंने बताया कि बकरियों के दूध और बकरियां बेचने से जो कमाई होती है उसे वे बच्चों की पढ़ाई में लगा देते हैं.

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ऑटो में बैठी बकरी

सरकारी लाभ की जरूरत
पशुपालक ने बताया कि दो सालों में बकरी पालन के लिए उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि अब उन्हें बकरियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकारी लाभ की जरूरत है. इस संबंध जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि हमलोग पशुपालक की हौसला अफजाई करेंगे.

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बकरी के साथ एकराज

'दी जाएगी हरसंभव मदद'
डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पशुपालन विभाग से एकराज को जो मदद चाहिए, उन्हें वह हरसंभव मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकारी लाभ लेने के लिए पशुपालक को विभाग की तरफ से आयोजित पांच दिन की ट्रेनिंग पूरी करनी पड़ती है. एकराज इस काम का विस्तार करके कई लोगों को रोजगार दे सकते हैं.

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पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार सिंह
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