गयाः डोभी-पटना एनएच 83 पर पिछले दस सालों से फोरलेन बनने की बात कही जा रही है. लेकिन अब तक नहीं बन सकी. उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राज्यमार्ग की बदहाली को लेकर कई बार फटकार भी लगाई है. इस बार हाइकोर्ट के अल्टीमेटम पर जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण के लिए सक्रिय हुआ है. लेकिन जमीन अधिग्रहण बिना मुआवजे के ही किया जा रहा है.
किसानों को नहीं दिया जा रहा मुआवजा
कोर्ट के आदेश के बाद गया जिले के बोधगया प्रखण्ड के जिन्दापुर गांव में फोरलेन के लिए जमीन अधिग्रहण की जा रही है. लेकिन किसानों को उचित मुआवजा दिए बिना ही उनके घर को ध्वस्त कर दिया गया है. दरअसल एनएच- 83 का बजट 2010 में पास हुआ था. तब से लोगों को आस लगी थी कि एनएच 83 का चौड़ीकरण होने से पटना गया कि दूरी कम हो जाएगी. लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण दस सालों में डोभी टू पटना एनएच 83 फोरलेन नहीं बना.
फोरलेन में आएगी हजारों किसानों की जमीन
एनएच 83 के चौड़ीकरण में हजारों किसानों की जमीन और घर अधिग्रहण हो रहे हैं. बोधगया प्रखण्ड के जिन्दापुर में लगभग 20 घर के लोगों का आरोप है कि हमलोगों के घर का बिना सर्वे किये ही एनएचएआई ने खेतिहर आधार पर मुआवजा दिया. जबकि हमलोगों के बने हुए घर को भी बिना आवासीय जुर्माना दिए गिरा दिया गया.
सड़क निर्माण के लिए तोड़ा जा रहा है लोगों का घर
पीड़ित मोहम्मद जावेद ने बताया कि अपर समाहर्ता गया के जरिए आदेश दिया गया है कि हमलोगों की भूमि का मुआवजा आवसीय एमवीआर पर दिया जाए. इस आदेश की प्रतिलिपि एनएच 83 के परियोजना निदेशक और जिला भू अर्जन अधिकारी को दिया गया है. इसके बावजूद बिना मुआवजा दिए हमलोगों के घर को तोड़ा जा रहा है.
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वहीं, मोहम्मद असगर आलम ने बताया कि हमलोग विकास के विरुद्ध में नहीं हैं, हमारा घर, जमीन सब ले ले. लेकिन उसका उचित मुआवजा देना चाहिए. ये लोग पुलिस बल लेकर आते हैं और घर को तोड़ने लगते हैं. हमलोग असहाय बने रहते हैं. हमलोगों को आवसीय मुआवजा कब मिलेगा, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
कैमरे के सामने नहीं बोल रहे अधिकारी
ईटीवी भारत ने जब जिन्दापुर गांव के किसानों की समस्या के संबंध में बोधगया प्रखण्ड के सीओ शिव शंकर राय और जिला भू अर्जन पदाधिकारी राम निरंजन चौधरी से बात की. दोनों अधिकारियों ने इस संबंध में ऑन कैमरा कोई बात नहीं की. दोनो विभाग ने एक दूसरे पर इसकी जानकारी देने की बात कह कर जवाब टाल दिया.
कोर्ट ने दिया 45 दिन का समय
गौरतलब है कि एनएच 83 के बदहाली को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या राष्ट्रीय राजमार्ग 83 पर बैल गाड़ी चलेगी. हाईकोर्ट लगतार एनएच 83 के बदहाली को लेकर सरकार को फटकार लगाती रहती है. कोर्ट के जरिए इस बार सरकार को अल्टीमेट दिया गया है कि 45 दिनों में एनएच 83 का काम शुरू हो जाना चाहिए.