पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के प्रधान लिपिक कार्यालय में नियमित शिक्षकों ने दो महीने के बकाये वेतन समेत अपने तीन मांगों को लेकर खूब हो-हल्ला किया. सीएफएमएस के नोडल अधिकारियों के साथ भी शिक्षकों की गरमा गरम बहस हुई. एक समय तो माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म हो गया. इस दौरान कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों ने मामला शांत कराया. लिपिकों के व्यवहार से नाराज शिक्षकों ने डीईओ कार्यालय में धरना देना शुरू कर दिया और कार्यालय के लिपिकों के खिलाफ शिक्षक नारेबाजी करने लगे.
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बिना पैसा दिए नहीं सुनते हैं लिपिक
धरना पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि बकाये वेतन के अलावा अपनी कई समस्याओं को लेकर जब शिक्षक कार्यालय के क्लर्क के पास जाते हैं, तो बिना पैसा लिए कार्रवाई नहीं होती. आवेदन लेने की कौन कहे, शिक्षकों की बात तक सुनने को वे तैयार नहीं होते है. शिक्षकों ने बताया कि कार्यालय के क्लर्क फर्जी विभागीय लेटर दिखाकर लगातार वेतन में कटौती कर रहे हैं. इसके अलावा वे लोग शिक्षकों के एरियर भुगतान के फाइल पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं. शिक्षकों के अनुसार बिना कटौती नियमित वेतन भुगतान, एरियर का भुगतान और प्रमोशन को लेकर वे लोग धरना दे रहे हैं. जो लगातार जारी रहेगा.
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नाराज शिक्षक बैठ गए धरने पर
दरअसल, 1994 बैच के मध्य विद्यालय के नियमित शिक्षकों के वेतन में डीईओ कार्यालय से कटौती करके भुगतान हो रहा है. जबकि पिछले दो महीने से शिक्षकों का वेतन भुगतान रुका हुआ है. इसी मुद्दे को लेकर शिक्षक डीईओ कार्यालय पहुंचे थे. कार्यालय में वेतन संबंधी कार्य से जुड़े अधिकारी और कर्मियों से शिक्षकों की कहा सुनी हो गई.
जिसके बाद शिक्षक गुस्से में आ गए. कार्यालय में शिक्षकों और लिपिकों के बीच बातें बढ़ गई और स्थिति हिंसक होती. उसके पहले हीं वहां मौजूद अन्य शिक्षकों ने मामला शांत कराया. उसके बाद नाराज शिक्षकों ने डीईओ कार्यालय परिसर में धरना देना शुरू कर दिया. इधर, डीईओ कार्यालय के लिपिकों की कार्यशैली को टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ के नेता ओमप्रकाश सिंह ने निंदनीय बताया है.