मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में बारिश नहीं होने से सुखे की स्थिति हो गई है. खेतों के फसल जल गई है और खेतों में दरार पड़ गई है. तो जिला के मेहसी में पानी के दबाब को नहर का तटबंध बर्दास्त नहीं कर सका और लगभग 200 फीट में तटबंध टूट गया. जिस कारण पहले सूखे से फसल बर्बाद हो रही थी और अब तटबंध टूटने के कारण अत्यधिक पानी से फसल नष्ट हो रही है.
ये भी पढ़ें- मोतिहारी में उफान पर गंडक नदी, संग्रामपुर प्रखंड के कई गांव के घरों में घुसा पानी
उप वितरणी का तटबंध टूटा: मेहसी के परतापुर गांव में उप वितरणी का तटबंध टूटने के बाद ग्रामीण पानी का बहाव रोकने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन विभागीय स्तर पर अभी तक किसी तरह का कार्य शुरु नहीं किया गया है. जबकि गंडक प्रोजेक्ट के जूनियर इंजीनियर मौके पर पहुंचे हुए हैं.
"छोटी नहर के बांध का निर्माण कार्य हुआ था. लेकिन बांध के निर्माण में काफी घटिया किस्म के मैटेरियल लगाए गए. काम में अनियमितता हुई है. जिस कारण बांध टूटा है. बांध टूटने से खेतों में पानी फैल गया और फसलें डूब गई है. साथ हीं सड़क भी क्षतिग्रस्त हुआ है. जिसकारण आने जाने में लोगों को परेशानी हो रहा है."- मो. अजमल, ग्रामीण
"पानी के दबाब से उपवितरणी का बांध टूटा है. बांध का मरम्मत हो जाने के बाद खेतों के पानी सूख जाएगा. फसलें बर्बाद नहीं होगी."- प्रीत कुमार, जूनियर इंजीनियर, गंडक प्रोजेक्ट
कई गांवों से गुजरती है उपवितरणी: दरअसल, मेहसी में गंडक नहर की उपवितरणी कई गांवों से होकर बहती है. जिस उपवितरणी में किसानों के आवश्यकतानुसार पानी छोड़ा जाता है. जिससे किसान अपने खेत में पटवन करते हैं. हाल हीं में इस उपवितरणी के बांधों का मरम्मत हुआ था. लेकिन उपवितरणी में पानी छोड़े जाने के बाद बांध से कई जगह रिसाव होने लगा है.
बांध टूटने से लोगों की बढ़ी परेशानी: बांध में रिसाव होने की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को लगी. लोगों ने इसकी सूचना विभाग को दी. लेकिन सूचना दिए जाने के बावजूद विभागीय स्तर पर रिसाव स्थल पर कोई मरम्मत नहीं करायी गई. जिसकारण बांध पानी का दबाब नहीं झेल पाया और परतापुर गांव के पास बांध टूट गया.