ETV Bharat / state

बढ़ रहा गंडक नदी का जलस्तर... पानी का दबाव बढ़ने से बाढ़ की चपेट में मोतिहारी में दर्जनों गांव - Rising water level of Gandak

गंडक बराज से लगातार पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. जिस कारण जिला से होकर बहने वाली गंडक नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तोरी हो रही है और तटबंध के अंदर बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. डीएम शीर्षत कपिल अशोक संग्रामपुर प्रखंड पहुंचे. जहां उन्होने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया.

गंडक नदी का बढ़ रहा है जलस्तर
गंडक नदी का बढ़ रहा है जलस्तर
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 8:40 AM IST

मोतिहारी: मानसून (Monsoon) की लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर ( Rising River Level ) बढ़ने लगी है. वाल्मीकि नगर गंडक बराज ( Valmiki Nagar Gandak Barrage) से लगातार पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. जिस कारण जिले से होकर बहने वाली गंडक नदी के जलस्तर में ( Water Level of Gandak River ) लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और तटबंध के अंदर बसे गांवों में खतरा मंडराने लगा है.

ये भी पढ़ें- बेतिया: DM ने किया वाल्मीकिनगर गंडक बराज का निरीक्षण, कहा- 'किसी भी तरह की नहीं बरती जाए लापरवाही'

डीएम ने बांध का लिया जायजा
गंडक नदी के बढ़ रहे जलस्तर के कारण संभावित बाढ़ को देखते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक संग्रामपुर प्रखंड पहुंचे. उन्होंने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने स्थानीय लोगों से बात की साथ ही कार्यपालक अभियंता से तटबंध के मरम्मती कार्य की जानकारी ली.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- सारण: जलस्तर बढ़ने से गंडक किनारे कटाव जारी, पानापुर के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा

नदी में पानी बढ़ने की संभावना
जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि गंडक बराज से पानी छोड़ा गया है और नदी का पानी तटबंध के नजदीक आ चुका है. इसलिए हमलोगों को विशेष रुप से सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि नदी में पानी बढ़ने की संभावना है. इसलिए पुछरिया गांव को खाली कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही केसरिया के कुछ गांवों के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

डीएम ने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया
डीएम ने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया

बांध पर प्रत्येक किलोमीटर पर रहेगा गश्ती दल
बता दें कि, जिला में गंडक नदी पर 60 किलोमीटर लंबा तटबंध है. जिसके निगरानी के लिए प्रत्येक किलोमीटर पर गश्ती दल के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति होगी. तटबंध की लगातार निगरानी के लिए गंडक नदी के बांध पर लाइट और जनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें- बाढ़ का खतरा: नेपाल में हो रही बारिश से उफनाई नदियां, गंडक खतरे के निशान के करीब

सूबे में एक बार फिर बाढ़ की आहट
राज्य में एक बार फिर बाढ़ की आहट आने लगी है. मानसून की पहली बारिश में ही पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर के आसपास के इलाके नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी से जलमग्न हो गए. और एक बार फिर बाढ़ की पुरानी कहानी शुरू हो गई है. पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, गोपालगंज, पूर्णिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, किशनगंज, सहरसा और सुपौल समेत करीब दो दर्जन जिले एक बार फिर बाढ़ की त्रासदी झेलने के कगार पर हैं. सरकार के तमाम दावे एक बार फिर कसौटी पर हैं.

गंडक नदी का बढ़ रहा है जलस्तर
गंडक नदी का बढ़ रहा है जलस्तर

पिछले 2 महीने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना महामारी के वक्त भी बाढ़ से बचाव के कार्य की समीक्षा करते रहे हैं. लेकिन इस बात का जवाब शायद ही सरकार के किसी अधिकारी या मंत्री के पास हो कि आखिर डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बाढ़ के मामले में नेपाल और बांग्लादेश के साथ कितनी बार बातचीत हुई है.

ये भी पढ़ें- गंडक में उफानः कहीं फिर टूट ना जाए 70 घाट पुल की सड़क, बचाने के लिए यह है तैयारी

नदियों में जमा हो गया है सिल्ट
बिहार में हिमालय से आने वाली गंगा की सहायक नदियां विशेष रूप से कोसी, गंडक और घाघरा में बहुत ज्यादा सिल्ट रहता है. इसे वे गंगा में अपने मुहाने पर जमा करती हैं. सिल्ट की वजह से पानी नदी की मुख्यधारा की जगह आसपास के इलाकों में फैलता है. इसकी वजह से बाढ़ की समस्या गंभीर हो जाती है. बाढ़ की एक मुख्य वजह बिहार में जलग्रहण क्षेत्रों में पेड़ों की लगातार अंधाधुंध कटाई भी है. इसकी वजह से केचमेंट एरिया में बाढ़ का पानी नहीं रुकता है.

मोतिहारी: मानसून (Monsoon) की लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर ( Rising River Level ) बढ़ने लगी है. वाल्मीकि नगर गंडक बराज ( Valmiki Nagar Gandak Barrage) से लगातार पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. जिस कारण जिले से होकर बहने वाली गंडक नदी के जलस्तर में ( Water Level of Gandak River ) लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और तटबंध के अंदर बसे गांवों में खतरा मंडराने लगा है.

ये भी पढ़ें- बेतिया: DM ने किया वाल्मीकिनगर गंडक बराज का निरीक्षण, कहा- 'किसी भी तरह की नहीं बरती जाए लापरवाही'

डीएम ने बांध का लिया जायजा
गंडक नदी के बढ़ रहे जलस्तर के कारण संभावित बाढ़ को देखते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक संग्रामपुर प्रखंड पहुंचे. उन्होंने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने स्थानीय लोगों से बात की साथ ही कार्यपालक अभियंता से तटबंध के मरम्मती कार्य की जानकारी ली.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- सारण: जलस्तर बढ़ने से गंडक किनारे कटाव जारी, पानापुर के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा

नदी में पानी बढ़ने की संभावना
जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि गंडक बराज से पानी छोड़ा गया है और नदी का पानी तटबंध के नजदीक आ चुका है. इसलिए हमलोगों को विशेष रुप से सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि नदी में पानी बढ़ने की संभावना है. इसलिए पुछरिया गांव को खाली कराने का निर्देश दिया गया है. साथ ही केसरिया के कुछ गांवों के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

डीएम ने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया
डीएम ने गंडक नदी के जलस्तर और तटबंध का जायजा लिया

बांध पर प्रत्येक किलोमीटर पर रहेगा गश्ती दल
बता दें कि, जिला में गंडक नदी पर 60 किलोमीटर लंबा तटबंध है. जिसके निगरानी के लिए प्रत्येक किलोमीटर पर गश्ती दल के साथ दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति होगी. तटबंध की लगातार निगरानी के लिए गंडक नदी के बांध पर लाइट और जनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें- बाढ़ का खतरा: नेपाल में हो रही बारिश से उफनाई नदियां, गंडक खतरे के निशान के करीब

सूबे में एक बार फिर बाढ़ की आहट
राज्य में एक बार फिर बाढ़ की आहट आने लगी है. मानसून की पहली बारिश में ही पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर के आसपास के इलाके नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी से जलमग्न हो गए. और एक बार फिर बाढ़ की पुरानी कहानी शुरू हो गई है. पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, गोपालगंज, पूर्णिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, किशनगंज, सहरसा और सुपौल समेत करीब दो दर्जन जिले एक बार फिर बाढ़ की त्रासदी झेलने के कगार पर हैं. सरकार के तमाम दावे एक बार फिर कसौटी पर हैं.

गंडक नदी का बढ़ रहा है जलस्तर
गंडक नदी का बढ़ रहा है जलस्तर

पिछले 2 महीने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना महामारी के वक्त भी बाढ़ से बचाव के कार्य की समीक्षा करते रहे हैं. लेकिन इस बात का जवाब शायद ही सरकार के किसी अधिकारी या मंत्री के पास हो कि आखिर डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बाढ़ के मामले में नेपाल और बांग्लादेश के साथ कितनी बार बातचीत हुई है.

ये भी पढ़ें- गंडक में उफानः कहीं फिर टूट ना जाए 70 घाट पुल की सड़क, बचाने के लिए यह है तैयारी

नदियों में जमा हो गया है सिल्ट
बिहार में हिमालय से आने वाली गंगा की सहायक नदियां विशेष रूप से कोसी, गंडक और घाघरा में बहुत ज्यादा सिल्ट रहता है. इसे वे गंगा में अपने मुहाने पर जमा करती हैं. सिल्ट की वजह से पानी नदी की मुख्यधारा की जगह आसपास के इलाकों में फैलता है. इसकी वजह से बाढ़ की समस्या गंभीर हो जाती है. बाढ़ की एक मुख्य वजह बिहार में जलग्रहण क्षेत्रों में पेड़ों की लगातार अंधाधुंध कटाई भी है. इसकी वजह से केचमेंट एरिया में बाढ़ का पानी नहीं रुकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.