मोतिहारीः सरकार के तमाम दावों के बावजूद सदर अस्पताल मोतिहारी की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है. डिलेवरी के लिए सदर अस्पताल आई एक प्रसूता का टॉर्च की रोशनी में महिला चिकित्सक को ऑपरेशन करना पड़ा. गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ और सामान्य है. सीएस अंजनी कुमार से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने पहले सफाई दी. फिर जांच कराने की बात कही. मामला शुक्रवार की रात का बताया जा रहा है.
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टॉर्च की रौशनी में गर्भवती महिला का ऑपरेशन: मिली जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में एक गर्भवती महिला भर्ती थी. मेडिकल कारणों से महिला का ऑपरेशन करना जरुरी था. उस दौरान सदर अस्पताल की बिजली गायब थी. जेनरेटर भी नहीं चल रहा था. यहां तक कि इनवर्टर भी काम नहीं कर रहा था. गर्भवती महिला की स्थिति बिगड़ती जा रही थी. ऐसे में सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ. सुरुची स्मृति ने गर्भवती की स्थिति को देखते हुए तत्काल टॉर्च की रौशनी में ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.
सफलता पूर्वक हुआ ऑपरेशन: गनीमत रही कि इस परिस्थिति में भी महिला चिकित्सक ने सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद महिला और नवजात की स्थिति सामान्य और स्थिर है. तमाम सरकारी दावों के बावजूद सदर अस्पताल की यह स्थिति शासन और प्रशासन को आइना दिखाने के लिए काफी है. यह कोई पहली घटना नहीं है, पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई है और अस्पताल प्रशासन हर बार व्यवस्था ठीक करने की बात कहता तो है लेकिन व्यवस्था में सुधार की बातें हर बार हवा हवाई हीं साबित होती है.
"ऐसी बात नहीं है. लाइन कटने के बात जेनरेटर चलाने में जो टाइम गैप होगा. उसी दौरान ऑपरेशन किया गया होगा. जैसा पता चला है, लेकिन इसकी जांच करवायेंगे और उस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल में यूपीएस भी है, लेकिन पता लगा रहे हैं कि उसकी क्या स्थिति है."- अंजनी कुमार, सिविल सर्जन