मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण में सुबह टहलने के लिए निकले किसान की गोली मारकर हत्या (Murder Of Farmer In Motihari) कर दी. मधुबन थाना क्षेत्र में मॉर्निंग वॉक पर निकले किसान को अपराधियों ने गोली मार दी, जिसके बाद इलाज के लिए स्थानीय लोगों ने जख्मी किसान को स्थानीय सीएचसी लेकर गये. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आगजनी करते हुए सड़क जामकर हंगामा शुरू कर दिया. वहीं सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन लोगों ने वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग की.
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किसान को अपराधियों ने गोली मारी: दरअसल यह मामला मोतिहारी का है. जहां कृष्णानगर निवासी विश्वनाथ राय को सुबह में गांव के सड़कों पर घुमते हुए बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार दी जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया फिर डॉक्टरों ने जख्मी हुए किसान विश्वनाथ को देखते ही मृत घोषित कर दिया.
वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग: मौत की सूचना मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने लाश के साथ गांव के सड़क को जाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और ग्रामीणों ने आगजनी भी की है. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत करने की कोशिश की. लेकिन वे लोग वरीय अधिकारियों को घटनास्थल पर बात कह नहीं माने.
पैरालायसिस का शिकार था किसान: बताया जाता है कि किसान विश्वनाथ राय का एक भी संतान नहीं है और वह अपने भतीजे के साथ गांव में रहते थे. पिछले दो महीने से पैरालायसिस के शिकार हो गए थे. जिसके इलाज के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था और चिकित्सकों ने विश्वनाथ राय को ज्यादा से ज्यादा टहलने की सलाह दी थी. इसीलिए विश्वनाथ राय अहले सुबह टहलने के लिए निकलते थे.
बाइक सवार दो अपराधियों ने चलाई गोली: उसी दौरान पल्सर बाइक से आए दो अपराधियों ने विश्वनाथ राय पर फायरिंग कर दी जिससे सड़क पर गिर पड़े और उन्हें सीएचसी में इलाज के लिए लाया गया. लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. बताया जाता है कि विश्वनाथ राय को दो गोलियां लगी थी. विश्वनाथ राय को गोली मारने के बाद अपराधी शिवहर की ओर फरार हो गए थे. मधुबन थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है. घटनास्थल के आसपास मौजूद लोगों से इस मामले की जानकारी ली जा रही है.
'पिछले दो महीने से पैरालायसिस के शिकार हो गए थे. जिसके इलाज के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था और चिकित्सकों ने विश्वनाथ राय को ज्यादा से ज्यादा टहलने की सलाह दी थी. इसीलिए विश्वनाथ राय अहले सुबह टहलने के लिए निकलते थे'- विकास कुमार,मृतक का भतीजा
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