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विद्यालय में मनरेगा योजना से काम कराने के लिए दो बार निकाली राशि और कर लिया गबन - Loot in school

एक विद्यालय के नाम पर दो-दो बार रुपये की निकासी की गयी. पर एक बार भी काम नहीं किया. मामला पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित राजेपुर नवादा पंचायत का है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 10, 2021, 9:29 AM IST

Updated : Sep 10, 2021, 11:10 AM IST

मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के पकड़ीदयाल प्रखंड (Pakridayal Block) स्थित राजेपुर नवादा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कागज पर काम दिखाकर हुए लूट खसोट के मामले का खुलासा हुआ है. स्कूल के मैदान में मनरेगा योजना से मिट्टी भराई और वृक्षारोपण करने के नाम पर दो बार राशि की निकासी कर ली गई. लेकिन उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के मैदान में एक टोकरी मिट्टी भी नहीं डाला गया है.

ये भी पढ़ें- मुखिया जी का 'रुपये' के लिए खेल! अगल-बगल खेत... नहर पर सड़क... कीमत 'HIGH'

मिट्टी भराई के नाम पर लगभग सात लाख रुपया की निकासी कर गबन कर लेने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है. पकड़ीदयाल प्रखंड जदयू के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने आरटीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर इसका भंडाफोड़ किया है. मनरेगा के तहत बिना काम कराये पैसे की निकासी कर लेने के बारे में जानकारी देते हुए जदयू प्रखंड उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि ''आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय राजेपुर नवादा और उत्क्रमित उच्च विद्यालय राजेपुर नवादा एक ही स्कूल है. जिसके ग्राउंड में मिट्टी भराई के नाम पर दो बार में लगभग सात लाख रुपए की निकासी हुई है. लेकिन एक टोकरी मिट्टी स्कूल के मैदान में नहीं डाला गया है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राशि निकासी की जानकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को भी नहीं है और ना ही विद्यालय के प्रधानाध्यापक से इस कार्य की अनुमति ली गई है.''

वहीं मनरेगा पीओ मो. अजरुद्दीन को जब इसकी जानकारी दी गई,तो उन्होंने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.


ये भी पढ़ें- मनरेगा के तहत कूप निर्माण के लिए राशि निकासी के बावजूद नहीं हुआ काम


दरअसल, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय राजेपुर नवादा के फील्ड में एक हीं वित्तीय वर्ष में मिट्टी भराई के नाम पर एक ही विद्यालय का दो अलग-अलग नाम दिखाकर दो बार राशि की निकासी की गई है. पहली बार 4 लाख 10 हजार पंद्रह रुपया उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय और दूसरी बार 2 लाख 65 हजार 727 रुपया उत्क्रमित उच्च विद्यालय के नाम पर निकासी कर ली गई है. लेकिन काम नहीं कराया गया है. जिस संबंध में आरटीआई से जानकारी मिलने के बाद सुनील कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को आवेदन देकर कार्रवाई करने के लिए गुहार लगाई थी. लेकिन उनके आवेदन को अधिकारियों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया. जिसकारण अधिकारियों की भूमिका पर भी अब लोग सवाल उठने लगे हैं.

मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के पकड़ीदयाल प्रखंड (Pakridayal Block) स्थित राजेपुर नवादा पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कागज पर काम दिखाकर हुए लूट खसोट के मामले का खुलासा हुआ है. स्कूल के मैदान में मनरेगा योजना से मिट्टी भराई और वृक्षारोपण करने के नाम पर दो बार राशि की निकासी कर ली गई. लेकिन उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के मैदान में एक टोकरी मिट्टी भी नहीं डाला गया है.

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मिट्टी भराई के नाम पर लगभग सात लाख रुपया की निकासी कर गबन कर लेने के मामले का भंडाफोड़ हुआ है. पकड़ीदयाल प्रखंड जदयू के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने आरटीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर इसका भंडाफोड़ किया है. मनरेगा के तहत बिना काम कराये पैसे की निकासी कर लेने के बारे में जानकारी देते हुए जदयू प्रखंड उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि ''आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय राजेपुर नवादा और उत्क्रमित उच्च विद्यालय राजेपुर नवादा एक ही स्कूल है. जिसके ग्राउंड में मिट्टी भराई के नाम पर दो बार में लगभग सात लाख रुपए की निकासी हुई है. लेकिन एक टोकरी मिट्टी स्कूल के मैदान में नहीं डाला गया है. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राशि निकासी की जानकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को भी नहीं है और ना ही विद्यालय के प्रधानाध्यापक से इस कार्य की अनुमति ली गई है.''

वहीं मनरेगा पीओ मो. अजरुद्दीन को जब इसकी जानकारी दी गई,तो उन्होंने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.


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दरअसल, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय राजेपुर नवादा के फील्ड में एक हीं वित्तीय वर्ष में मिट्टी भराई के नाम पर एक ही विद्यालय का दो अलग-अलग नाम दिखाकर दो बार राशि की निकासी की गई है. पहली बार 4 लाख 10 हजार पंद्रह रुपया उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय और दूसरी बार 2 लाख 65 हजार 727 रुपया उत्क्रमित उच्च विद्यालय के नाम पर निकासी कर ली गई है. लेकिन काम नहीं कराया गया है. जिस संबंध में आरटीआई से जानकारी मिलने के बाद सुनील कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को आवेदन देकर कार्रवाई करने के लिए गुहार लगाई थी. लेकिन उनके आवेदन को अधिकारियों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया. जिसकारण अधिकारियों की भूमिका पर भी अब लोग सवाल उठने लगे हैं.

Last Updated : Sep 10, 2021, 11:10 AM IST
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