मोतिहारी: बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. इन सबके बीच नीतीश सरकार के विधि विभाग ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है. वहीं, राजद कोटे से सरकार के विधि मंत्री डॉ. शमीम अहमद ने आनंद मोहन की रिहाई को नियम संगत बताया है.
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2012 की नियमावली में किया गया सुधारः विधि मंत्री डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पूर्व के नियमावली के अनुसार किसी भी सरकारी सेवक की हत्या होने पर आजीवन कारावास या फांसी की सजा होती थी. इस पर काफी विचार के बाद नियमावली में संशोधन हुआ. जो कैबिनेट से भी पास हुआ है, फिर परिहार की बैठक हुई. वैसे नियम है कि हर 26 जनवरी और 15 अगस्त को परिहार के माध्यम से ऐसे कैदियों को छोड़ा जाता है, जिनकी सजा पूर्ण होने से पहले जेल में आचरण अच्छा है और समाज में जाकर सेवा ठीक से दे सकते हैं.
"जो कैदी अपने में सुधार ला चुके हैं. वैसे कैदियों को लेकर कारा विभाग, मुख्य सचिव, गृह विभाग समेत सभी संबंधित विभागों से रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री के अनुमोदन से छोड़ा जाता है. ठीक इसी नियमावली के तहत जिला जज पटना, मुख्य सचिव, विधि विभाग के सचिव,अपर सचिव कारा और अभियोजन निदेशक के निर्णय के आलोक में मुख्यमंत्री के अनुमोदन से आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की जेल से रिहाई होगी"- डॉ. शमीम अहमद, विधि मंत्री
26 अन्य कैदियों को भी किया जाएगा रिहाः बतादें कि पूर्व सांसद के ज्येष्ठ पुत्र व शिवहर के राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई को लेकर आनंद मोहन 15 दिनों के परोल पर जेल से बाहर निकले हैं. इस बीच बिहार सरकार ने आनंद मोहन को रिहा करने का पत्र जारी कर दिया है. आनन्द मोहन के साथ अन्य 26 कैदियों को भी रिहा किया जा रहा है. आनंद मोहन की रिहाई 2012 के नियमावली को संशोधित करने के बाद अधिसूचना जारी किया गया है.