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मोतिहारी में ट्रस्ट बनाकर 137 करोड़ की ठगी, 60 हजार महिलाओं से ऐंठ लिए पैसे

मोतिहारी के मधुबन और चकिया थाना इलाके में मदर टेरेसा ट्रस्ट ( Mother Teresa Trust ) के नाम से संचालित चिटफंड कंपनी पर हजारों महिलाओं से लगभग 137 करोड़ रुपये ठगी करने का मामला सामने आया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. पढ़ें पूरी खबर

Fraud of 137 crores
Fraud of 137 crores
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Published : Jul 15, 2021, 10:12 PM IST

मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन और चकिया थाना क्षेत्र में 'मदर टेरेसा ट्रस्ट' के नाम से संचालित चिटफंड कंपनी ( Chit Fund company ) पर हजारों महिलाओं से लगभग 137 करोड़ रुपये ठगी करके फरार हो जाने का आरोप लगा है. स्थानीय लोग भारत फाइनेंस कंपनी ( Bharat Finance Company ) के मिली भगत से रुपया गबन करने का आरोप लगाया है. जिसकी जानकारी मिलने के बाद कंपनी में पैसा जमा कराने वाली सैकड़ों महिलाओं ने मदर टेरेसा चिट फंड के कार्यालय और स्थानीय थाना पर जमकर हंगामा किया.

बताया जाता है कि मदर टेरेसा चिटफंड कंपनी महिलाओं को विभिन्न माइक्रो फाइनांस कंपनी से ऋण दिलवाती थी. कंपनी के माध्यम से मिलने वाले ऋण और किस्त जमा करने के नियम भी अजीब थे.कंपनी 20 महिलाओं का समूह बनाकर 22 हजार 5 सौ रुपया प्रत्येक महिला के हिसाब से साढ़े चार लाख रुपया संबंधित समूह से पहले जमा कराती थी. फिर किसी महिला को 25 हजार, तो किसी महिला को 30 हजार रुपये लोन भारत फाइनांस कंपनी से दिलवाया जाता था. ऋण की राशि में से 22500 रुपये मदर टेरेसा ट्रस्ट अपने कंपनी में जमा करा लेती थी.

ये भी पढ़ें: अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी

मदर टेरेसा ट्रस्ट उसके बाद प्रत्येक महिला को 2500 रुपये प्रति महीना नकद देती थी और फिर प्रति सप्ताह 550 रुपये जमा करा लेती थी. यह सारा खेल भारत माइक्रो फाइनांस और मदर टेरेसा ट्रस्ट के सांठगांठ से चल रहा था.कंपनी गांव की भोली भाली महिलाओं को इस तरह से नेटवर्किंग के हिसाब से एक साल में ऋण चुकता हो जाने की बात बताती थी. साथ ही कंपनी महिलाओं को उनके बेटियों के शादी में ढ़ाई से तीन लाख रुपया इसी इंवेस्टमेंट से मिल जाने का सुनहरा सपना दिखाती थी, जिसके झांसे में जिले की हजारों महिलाएं आ गईं थी.

मदर टेरेसा ट्रस्ट नाम से कंपनी ने जिला के चकिया और मधुबन में कार्यालय खोल रखा था. कंपनी से तीन हजार समूह जुड़े हुए थे और प्रत्येक समूह में बीस-बीस महिलायें थी. बुधवार को जब महिलायें मदर टेरेसा ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची, तो कार्यालय में ताला लटका था और सभी कर्मियों का मोबाइल ऑफ था. काफी देर बाद जब कंपनी का कोई नहीं आया, तो लोगों को शंका होने लगी. फिर कंपनी के फरार हो जाने की बात जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई.

ये भी पढ़ें: कैमूर: थानों में डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले दो युवक गिरफ्तार

मदर टेरेसा ट्रस्ट से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. महिलाएं कंपनी के चकिया और मधुबन कार्यालय के अलावा मधुबन थाना पर हंगामा करने लगी. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद देर शाम में जाकर आक्रोशित महिलाओं को शांत करने में सफलता पाई. पीड़ित महिलाओं ने थाना में आवेदन देकर मदर टेरेसा ट्रस्ट और भारत फाइनांस कम्पनी के कर्मियों पर ठगी करने का आरोप लगाया है.

मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मधुबन और चकिया थाना क्षेत्र में 'मदर टेरेसा ट्रस्ट' के नाम से संचालित चिटफंड कंपनी ( Chit Fund company ) पर हजारों महिलाओं से लगभग 137 करोड़ रुपये ठगी करके फरार हो जाने का आरोप लगा है. स्थानीय लोग भारत फाइनेंस कंपनी ( Bharat Finance Company ) के मिली भगत से रुपया गबन करने का आरोप लगाया है. जिसकी जानकारी मिलने के बाद कंपनी में पैसा जमा कराने वाली सैकड़ों महिलाओं ने मदर टेरेसा चिट फंड के कार्यालय और स्थानीय थाना पर जमकर हंगामा किया.

बताया जाता है कि मदर टेरेसा चिटफंड कंपनी महिलाओं को विभिन्न माइक्रो फाइनांस कंपनी से ऋण दिलवाती थी. कंपनी के माध्यम से मिलने वाले ऋण और किस्त जमा करने के नियम भी अजीब थे.कंपनी 20 महिलाओं का समूह बनाकर 22 हजार 5 सौ रुपया प्रत्येक महिला के हिसाब से साढ़े चार लाख रुपया संबंधित समूह से पहले जमा कराती थी. फिर किसी महिला को 25 हजार, तो किसी महिला को 30 हजार रुपये लोन भारत फाइनांस कंपनी से दिलवाया जाता था. ऋण की राशि में से 22500 रुपये मदर टेरेसा ट्रस्ट अपने कंपनी में जमा करा लेती थी.

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मदर टेरेसा ट्रस्ट उसके बाद प्रत्येक महिला को 2500 रुपये प्रति महीना नकद देती थी और फिर प्रति सप्ताह 550 रुपये जमा करा लेती थी. यह सारा खेल भारत माइक्रो फाइनांस और मदर टेरेसा ट्रस्ट के सांठगांठ से चल रहा था.कंपनी गांव की भोली भाली महिलाओं को इस तरह से नेटवर्किंग के हिसाब से एक साल में ऋण चुकता हो जाने की बात बताती थी. साथ ही कंपनी महिलाओं को उनके बेटियों के शादी में ढ़ाई से तीन लाख रुपया इसी इंवेस्टमेंट से मिल जाने का सुनहरा सपना दिखाती थी, जिसके झांसे में जिले की हजारों महिलाएं आ गईं थी.

मदर टेरेसा ट्रस्ट नाम से कंपनी ने जिला के चकिया और मधुबन में कार्यालय खोल रखा था. कंपनी से तीन हजार समूह जुड़े हुए थे और प्रत्येक समूह में बीस-बीस महिलायें थी. बुधवार को जब महिलायें मदर टेरेसा ट्रस्ट के कार्यालय पहुंची, तो कार्यालय में ताला लटका था और सभी कर्मियों का मोबाइल ऑफ था. काफी देर बाद जब कंपनी का कोई नहीं आया, तो लोगों को शंका होने लगी. फिर कंपनी के फरार हो जाने की बात जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई.

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मदर टेरेसा ट्रस्ट से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. महिलाएं कंपनी के चकिया और मधुबन कार्यालय के अलावा मधुबन थाना पर हंगामा करने लगी. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद देर शाम में जाकर आक्रोशित महिलाओं को शांत करने में सफलता पाई. पीड़ित महिलाओं ने थाना में आवेदन देकर मदर टेरेसा ट्रस्ट और भारत फाइनांस कम्पनी के कर्मियों पर ठगी करने का आरोप लगाया है.

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