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Motihari News: खतरे में कछुआ! मोतिहारी में 34 दुर्लभ कछुए के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार - ईटीवी भारत बिहार

बिहार में धड़ल्ले से कछुए की तस्करी जारी है. विदेशों में कछुए की मांग काफी ज्यादा है. ऐसे में तस्कर सक्रिय हो गए हैं. कछुए के मीट और हड्डी से शक्तिवर्धक दवाइयां बनाई जाती है. मोतिहारी में भी 34 दुर्लभ कछुए के साथ तीन तस्करों को हिरासत में लिया गया है.

rare turtle in motihari
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Published : Feb 2, 2023, 12:20 PM IST

मोतिहारी में 34 दुर्लभ कछुए बरामद

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में कछुआ तस्करी के सिंडिकेट का भंडाफोड़ वन विभाग ने किया है.वन विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मिशन चौक पर कार्रवाई कर तीन व्यक्तियों को हिरासत में लेकर तलाशी की तो उनके पास से 34 कछुआ बरामद हुआ. तीनों तस्करों को हिरासत में लिया गया है.

पढ़ें-हाजीपुर स्टेशन पर ट्रेन से दुर्लभ प्रजाति के 30 कछुए बरामद, कोलकाता के रास्ते विदेश भेजने की थी तैयारी

दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए बरामद: वन विभाग को भारी संख्या में कछुआ तस्करी कर ले जाने की जानकारी मिली थी. सूचना के बाद वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो और मोतिहारी वन प्रमंडल की संयुक्त टीम ने शहर के मिशन चौक पर छापेमारी कर तीन व्यक्तियों को धर दबोचा. तीनों के पास रखे बैग की तलाशी लेने पर उसमें रखा कछुआ बरामद किया गया.

हिरासत में तीन तस्कर: दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए के साथ गिरफ्तार तीनों तस्कर को वन विभाग के कार्यालय लाया गया है. जहां तीनों तस्करों से पूछताछ की जा रही है. तस्करों से मोतिहारी वन प्रमंडल की पदाधिकारी श्वेता कुमारी और वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.

विदेशों में होती है सप्लाई : जानकार बताते हैं कि गंगा नदी में पाया जाने वाला कछुआ बेहद दुर्लभ प्रजाति का होता है. जिसको तस्करी कर विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता है. जहां से कछुए का मीट और इसके हड्डी को अलग किया जाता है. फिर इसकी विदेश सप्लाई हो जाती है. इसका एक पूरा गिरोह सक्रिय है.

नहीं रुक रही कछुओं की तस्करी : इन दिनों पूरे भारत से बड़ी संख्या में कछुओं की तस्करी कर विदेशों में भेजने के मामले सामने आ रहा है. इसके पीछे का बड़ा कारण है कछुए की हड्डी और मांस से बनने वाली दवाइयां हैं. खासकर सर्वाधिक आयु तक जीवित रहने वाले कछुओं की तस्करी काफी बढ़ गई है. क्योंकि इसके हड्डी और मांस का प्रयोग शक्तिवर्धक दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता है. प्रशासन की ओर से कछुओं की तस्करी को रोकने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाता है.

मोतिहारी में 34 दुर्लभ कछुए बरामद

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में कछुआ तस्करी के सिंडिकेट का भंडाफोड़ वन विभाग ने किया है.वन विभाग ने गुप्त सूचना के आधार पर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मिशन चौक पर कार्रवाई कर तीन व्यक्तियों को हिरासत में लेकर तलाशी की तो उनके पास से 34 कछुआ बरामद हुआ. तीनों तस्करों को हिरासत में लिया गया है.

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दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए बरामद: वन विभाग को भारी संख्या में कछुआ तस्करी कर ले जाने की जानकारी मिली थी. सूचना के बाद वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो और मोतिहारी वन प्रमंडल की संयुक्त टीम ने शहर के मिशन चौक पर छापेमारी कर तीन व्यक्तियों को धर दबोचा. तीनों के पास रखे बैग की तलाशी लेने पर उसमें रखा कछुआ बरामद किया गया.

हिरासत में तीन तस्कर: दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए के साथ गिरफ्तार तीनों तस्कर को वन विभाग के कार्यालय लाया गया है. जहां तीनों तस्करों से पूछताछ की जा रही है. तस्करों से मोतिहारी वन प्रमंडल की पदाधिकारी श्वेता कुमारी और वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं.

विदेशों में होती है सप्लाई : जानकार बताते हैं कि गंगा नदी में पाया जाने वाला कछुआ बेहद दुर्लभ प्रजाति का होता है. जिसको तस्करी कर विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता है. जहां से कछुए का मीट और इसके हड्डी को अलग किया जाता है. फिर इसकी विदेश सप्लाई हो जाती है. इसका एक पूरा गिरोह सक्रिय है.

नहीं रुक रही कछुओं की तस्करी : इन दिनों पूरे भारत से बड़ी संख्या में कछुओं की तस्करी कर विदेशों में भेजने के मामले सामने आ रहा है. इसके पीछे का बड़ा कारण है कछुए की हड्डी और मांस से बनने वाली दवाइयां हैं. खासकर सर्वाधिक आयु तक जीवित रहने वाले कछुओं की तस्करी काफी बढ़ गई है. क्योंकि इसके हड्डी और मांस का प्रयोग शक्तिवर्धक दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता है. प्रशासन की ओर से कछुओं की तस्करी को रोकने के लिए लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाता है.

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