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बाढ़ पीड़ितों का दर्दः 'भूखे-प्यासे मर रहे हैं, सरकारी मदद तो दूर कोई देखने तक नहीं आया'

सुगौली प्रखंड के सुकुल पाकड़ पंचायत स्थित धुमनी टोला के पास सिकरहना नदी का तटबंध विगत 22 जुलाई को टूट गया. तटबंध टूटने से नदी के पानी ने सुकुल पाकड़ पंचायत में सबसे अधिक तबाही मचाई है. जिस कारण बाढ़ से तबाह लोगों ने सड़क पर शरण लिया है. जिन्हें सरकारी मदद के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है.

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Published : Jul 30, 2020, 11:38 AM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में आई प्रलंयकारी बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है. लोग जगह-जगह सड़क, तटबंध पर शरण ले रखे हैं. बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि लोगों के सामने सर छुपाने के लिए सुरक्षित जगह मिल पाना मुश्किल हो गया है. कई घर बाढ़ के पानी में समा गया. खुद के पैसे से खरीदे प्लास्टिक तानकर बाढ़ प्रभावित लोग समय गुजार रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों तो एक शाम भूखे रहना पड़ रहा है.

सुगौली प्रखंड के सुकुल पाकड़ पंचायत में धुमनी टोला के पास सिकरहना नदी का तटबंध टूट गया है. सुकुल पाकड़ पंचायत के बाढ़ प्रभावित लोग एनएच 527 डी पर शरण ले रखे हैं. लेकिन इन लोगों की सुध किसी ने नहीं ली है. सरकारी मदद के नाम पर इन बाढ़ प्रभावितों को अब तक कुछ नहीं मिला है. किसी नए आदमी को अपने पास आता देख मदद की आस जग जाती है.

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तटबंध टूटने से फैला नदी का पानी

बाढ़ में सब कुछ बह गया बाढ़ पीड़ितों
सड़क पर जिंदगी गुजार रही शिव कुमारी देवी ने बताया कि बाढ़ के पानी में उनका सबकुछ बह गया. घर में अब कुछ भी नहीं बचा है. गांव में पानी भर जाने की वजह से सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं. लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल पाया है. गांव से पलायन कर सड़क पर रह रही सुगंती देवी ने बताया कि नदी का बांध टूटने से गांव में बाढ़ आ गया है. इस बाढ़ के पानी में उनका सब कुछ बर्बाद हो गया. पूरे परिवार के साथ सड़क पर रहना उनकी मजबूरी है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

प्लास्टिक तानकर सड़क पर रह रहे हैं बाढ़ पीड़ित
वहीं, सवित्री देवी ने बाढ़ के पानी में डूबे अपनी झोपड़ी को दिखाते हुए कहा कि घर गिर गया है. रहने के लिए 0कोई जगह नहीं है. दूसरे व्यक्ति के ट्रैक्टर के टेलर पर प्लास्टिक तानकर रहती है जो कि बरसात में टपकता भी है. महिला ने दर्द बयान करते हुए कहा कि कभी-कभी कोई व्यक्ति आकर खाने के लिए कुछ दे जाता है. लेकिन सरकार की तरफ से उसे अब तक कुछ भी मदद नहीं मिला है. वहीं, डोमा साह ने बताया कि गांव के चारो तरफ से नदी पानी बह रहा है. गांव में आने-जाने का रास्ता नहीं बचा है. उन्होंने बताया कि वे लोग भूखे रहकर किसी तरह समय गुजार रहे हैं. जानवर के लिए चारा भी नहीं मिल रहा है.

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सड़क पर रह रहे बाढ़ प्रभावित

बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला है सरकारी मदद
बता दें कि सुगौली प्रखंड के सुकुल पाकड़ पंचायत स्थित धुमनी टोला के पास सिकरहना नदी का तटबंध पानी के दबाब से टूट गया है. 22 जुलाई को टूटे तटबंध से बह रहा सिकरहना नदी का पानी अभी भी तबाही मचा रहा है. सिकरहना का तटबंध टूटने से नदी के पानी ने सुकुल पाकड़ पंचायत में सबसे अधिक तबाही मचाई है. इसकी वजह से बाढ़ प्रभावित लोगों ने सड़क पर शरण लिया है. हालांकि, अब भी बाढ़ प्रभावितों को सरकारी मदद की आस है.

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गांव में फैला बाढ़ का पानी

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में आई प्रलंयकारी बाढ़ ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया है. लोग जगह-जगह सड़क, तटबंध पर शरण ले रखे हैं. बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि लोगों के सामने सर छुपाने के लिए सुरक्षित जगह मिल पाना मुश्किल हो गया है. कई घर बाढ़ के पानी में समा गया. खुद के पैसे से खरीदे प्लास्टिक तानकर बाढ़ प्रभावित लोग समय गुजार रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों तो एक शाम भूखे रहना पड़ रहा है.

सुगौली प्रखंड के सुकुल पाकड़ पंचायत में धुमनी टोला के पास सिकरहना नदी का तटबंध टूट गया है. सुकुल पाकड़ पंचायत के बाढ़ प्रभावित लोग एनएच 527 डी पर शरण ले रखे हैं. लेकिन इन लोगों की सुध किसी ने नहीं ली है. सरकारी मदद के नाम पर इन बाढ़ प्रभावितों को अब तक कुछ नहीं मिला है. किसी नए आदमी को अपने पास आता देख मदद की आस जग जाती है.

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तटबंध टूटने से फैला नदी का पानी

बाढ़ में सब कुछ बह गया बाढ़ पीड़ितों
सड़क पर जिंदगी गुजार रही शिव कुमारी देवी ने बताया कि बाढ़ के पानी में उनका सबकुछ बह गया. घर में अब कुछ भी नहीं बचा है. गांव में पानी भर जाने की वजह से सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं. लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल पाया है. गांव से पलायन कर सड़क पर रह रही सुगंती देवी ने बताया कि नदी का बांध टूटने से गांव में बाढ़ आ गया है. इस बाढ़ के पानी में उनका सब कुछ बर्बाद हो गया. पूरे परिवार के साथ सड़क पर रहना उनकी मजबूरी है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

प्लास्टिक तानकर सड़क पर रह रहे हैं बाढ़ पीड़ित
वहीं, सवित्री देवी ने बाढ़ के पानी में डूबे अपनी झोपड़ी को दिखाते हुए कहा कि घर गिर गया है. रहने के लिए 0कोई जगह नहीं है. दूसरे व्यक्ति के ट्रैक्टर के टेलर पर प्लास्टिक तानकर रहती है जो कि बरसात में टपकता भी है. महिला ने दर्द बयान करते हुए कहा कि कभी-कभी कोई व्यक्ति आकर खाने के लिए कुछ दे जाता है. लेकिन सरकार की तरफ से उसे अब तक कुछ भी मदद नहीं मिला है. वहीं, डोमा साह ने बताया कि गांव के चारो तरफ से नदी पानी बह रहा है. गांव में आने-जाने का रास्ता नहीं बचा है. उन्होंने बताया कि वे लोग भूखे रहकर किसी तरह समय गुजार रहे हैं. जानवर के लिए चारा भी नहीं मिल रहा है.

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सड़क पर रह रहे बाढ़ प्रभावित

बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिला है सरकारी मदद
बता दें कि सुगौली प्रखंड के सुकुल पाकड़ पंचायत स्थित धुमनी टोला के पास सिकरहना नदी का तटबंध पानी के दबाब से टूट गया है. 22 जुलाई को टूटे तटबंध से बह रहा सिकरहना नदी का पानी अभी भी तबाही मचा रहा है. सिकरहना का तटबंध टूटने से नदी के पानी ने सुकुल पाकड़ पंचायत में सबसे अधिक तबाही मचाई है. इसकी वजह से बाढ़ प्रभावित लोगों ने सड़क पर शरण लिया है. हालांकि, अब भी बाढ़ प्रभावितों को सरकारी मदद की आस है.

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गांव में फैला बाढ़ का पानी
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