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रक्सौल: पुरंदरा पंचायत के मुखिया के साथ मारपीट, विकास मित्र पर अवैध वसूली करने का आरोप

मुखिया के कथनानुसार इस बात को लेकर विकास मित्र के यहां पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद असामाजिक तत्व और विकास मित्र के परिवार जन ने मुखिया पर जानलेवा हमला कर दिया.

purandara panchayat
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Published : Oct 23, 2020, 8:41 PM IST

पूर्वी चंपारण(रक्सौल): रक्सौल अनुमंडल के पुरंदरा पंचायत के अंतर्गत शौचालय निर्माण कार्य में अवैध वसूली को लेकर लोगों ने मुखिया आलोक राय नट के साथ मारपीट की. इसके बाद वे किसी तरह वहां से जान बचाकर भाग निकले.

क्या है पूरा मामला
इस घटना को लेकर ईटीवी भारत से पीड़ित मुखिया ने बताया कि शौचालय के निर्माण के लिए पुरंदर पंचायत के विकास मित्र राम सिंहासन राम द्वारा ग्रामीणों से लाखों रुपए अवैध वसूली की गई. जब वह दोबारा उसी पंचायत के पिपरिया गांव अवैध वसूली के लिए आए तो ग्रामीणों ने पूछा कि हमने आपको शौचालय निर्माण के लिए रूपया दिए हैं. लेकिन अभी तक शौचालय नहीं बना है. इस बात को लेकर ग्रामीणों ने विकास मित्र को बंधक बना लिया उसके बाद करीब चालीस पचास ग्रामीणों ने पैसा वापस लेने के लिए उक्त विकास मित्र से हस्ताक्षर युक्त कागजात बनवाकर कुछ शर्तों के आधार पर छोड़ दिया गया. लेकिन शर्त के अनुरूप पैसा वापस नहीं मिलने पर दो माह बाद ग्रामीणों ने अपने पंचायत के मुखिया के पास फरियाद लेकर गए हैं. मुखिया के कथनानुसार इस बात को लेकर विकास मित्र के यहां पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद असामाजिक तत्व और विकास मित्र के परिवार जन ने मुखिया पर जानलेवा हमला कर दिया.

मुखिया के साथ मारपीट

अवैध वसूली का आरोप
मुखिया का कहना है इससे पहले भी वह 2012 में इंदिरा आवास के लिए अवैध वसूली के आरोप में जेल जा चुका है. इधर दूसरे पक्ष विकास मित्र से जब इस घटना को लेकर पूछा गया तो उसने उल्टा आरोप लगाते हुए कहा हमने शौचालय निर्माण के लिए ग्रामीणों का जियो टैगिंग कराया है. इसके लिए मुखिया जी द्वारा लोगों से पैसा की मांग कर रहे थे.

विकास मित्र ने कहा कि मुखिया दल बल के साथ मेरे दरवाजे पर पहुंच गए और मेरे साथ मारपीट और बदतमीजी की है. इसके बचाव में मेरा भतीजा जब चंदन राम आगे आया तो उसका तेज हथियार से मार कर सिर फोड़ दिया.

पूर्वी चंपारण(रक्सौल): रक्सौल अनुमंडल के पुरंदरा पंचायत के अंतर्गत शौचालय निर्माण कार्य में अवैध वसूली को लेकर लोगों ने मुखिया आलोक राय नट के साथ मारपीट की. इसके बाद वे किसी तरह वहां से जान बचाकर भाग निकले.

क्या है पूरा मामला
इस घटना को लेकर ईटीवी भारत से पीड़ित मुखिया ने बताया कि शौचालय के निर्माण के लिए पुरंदर पंचायत के विकास मित्र राम सिंहासन राम द्वारा ग्रामीणों से लाखों रुपए अवैध वसूली की गई. जब वह दोबारा उसी पंचायत के पिपरिया गांव अवैध वसूली के लिए आए तो ग्रामीणों ने पूछा कि हमने आपको शौचालय निर्माण के लिए रूपया दिए हैं. लेकिन अभी तक शौचालय नहीं बना है. इस बात को लेकर ग्रामीणों ने विकास मित्र को बंधक बना लिया उसके बाद करीब चालीस पचास ग्रामीणों ने पैसा वापस लेने के लिए उक्त विकास मित्र से हस्ताक्षर युक्त कागजात बनवाकर कुछ शर्तों के आधार पर छोड़ दिया गया. लेकिन शर्त के अनुरूप पैसा वापस नहीं मिलने पर दो माह बाद ग्रामीणों ने अपने पंचायत के मुखिया के पास फरियाद लेकर गए हैं. मुखिया के कथनानुसार इस बात को लेकर विकास मित्र के यहां पहुंचे तो वहां पहले से मौजूद असामाजिक तत्व और विकास मित्र के परिवार जन ने मुखिया पर जानलेवा हमला कर दिया.

मुखिया के साथ मारपीट

अवैध वसूली का आरोप
मुखिया का कहना है इससे पहले भी वह 2012 में इंदिरा आवास के लिए अवैध वसूली के आरोप में जेल जा चुका है. इधर दूसरे पक्ष विकास मित्र से जब इस घटना को लेकर पूछा गया तो उसने उल्टा आरोप लगाते हुए कहा हमने शौचालय निर्माण के लिए ग्रामीणों का जियो टैगिंग कराया है. इसके लिए मुखिया जी द्वारा लोगों से पैसा की मांग कर रहे थे.

विकास मित्र ने कहा कि मुखिया दल बल के साथ मेरे दरवाजे पर पहुंच गए और मेरे साथ मारपीट और बदतमीजी की है. इसके बचाव में मेरा भतीजा जब चंदन राम आगे आया तो उसका तेज हथियार से मार कर सिर फोड़ दिया.

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