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यूक्रेन से लौटा मोतिहारी का आशीष, पुत्र को देख माता-पिता की आंखों से छलके आंसू

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Published : Mar 1, 2022, 8:42 AM IST

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों (Indian students stranded in Ukraine) में पूर्वी चंपारण जिला का आशीष भी शामिल थे. वह सही सलामत अपने घर पहुंच गये. भारत सरकार के प्रयास से स्वदेश लाए जा रहे छात्रों के पहले चक्र में आशीष गिरि (East Champaran medical student Ashish) मुंबई होते हुए पटना आये. वहां से अपने घर पहुंचे. आशीष आने के साथ ही उनके घर में रौनक आ गई. माता पिता की आंखें पुत्र को देखते ही नम हो गईं. पढ़ें पूरी खबर.

medical student Ashish returned from Ukraine
medical student Ashish returned from Ukraine

मोतिहारी: यूक्रेन पर रूस का हमला (Russia attack on Ukraine) अभी भी जारी है. इस बीच भारत सरकार वहां फंसे अपने छात्रों को स्देवश ला रही है. रूसी हमले के दौरान यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों में पूर्वी चंपारण जिले का आशीष गिरि (east champaran Ashish returned from Ukraine) भी शामिल रहा. वह सही-सलामत अपने घर पहुंच गया है. भारत सरकार के प्रयास से स्वदेश लाए जा रहे छात्रों के पहले चक्र में ही नगदाहां सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष मुन्ना गिरि का पुत्र आशीष गिरि फ्लाइट से मुंबई पहुंचा. मुंबई से पटना होते हुए मोतिहारी के राजा बाजार स्थित अपने आवास पर आया.

आशीष के आते ही उसके घर में रौनक आ गई. खुशी का माहौल हो गया. आशीष की मां पूनम गिरि और पिता मुन्ना गिरि की आंखें पुत्र को देखते ही नम हो गईं. उन लोगों ने अपने लाडले को गले से लगाया और उसकी आरती उतारी. आशीष गिरि के स्वागत के लिए शहर के कई लोग मौजूद थे. आशीष के पिता मुन्ना गिरि उस क्षण को याद कर भावुक हो गए जब यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बेटे को लेकर पूरा परिवार चिंतिच था. अनिश्चितता की स्थिति के कारण सबकी नींद उड़ गई थी.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: यूक्रेन से सकुशल लौटा सारण का अनमोल, परिवार में खुशी का माहौल

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारत सरकार के प्रयास से ही उनका बेटा आज सही-सलामत घर आया है. मैं दुआ करता हूं कि सभी बच्चे सकुशल अपने-अपने घर आ जाएं. मुन्ना गिरि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति भी आभार प्रकट किया. आशीष ने बताया कि वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है. यूक्रेन के चेनिविस्की शहर में रहकर पढ़ाई करता है. यह शहर रोमानिया बॉर्डर से 40 किमी के फासले पर है. उसने बताया कि भारतीय दूतावास के प्रयास से वह रोमानिया बॉर्डर पहुंचा. जहां से वह भारत सरकार द्वारा भेजे गए विमान से स्वदेश लौटा है.

ये भी पढ़ें: सोमवार को यूक्रेन में फंसे 28 छात्र पहुंचे पटना, कहा- 'सरकार को धन्यवाद.. वहां बदतर हैं हालात'

यूक्रेन से लौटे छात्रों का पटना पहुंचने पर बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने स्वागत किया. यूक्रेन से लौटे छात्र वहां के हालात के बारे में बताते हुए भावुक हो जा रहे हैं. छात्रों के अनुसार यूक्रेन की स्थिति इतनी खराब है कि वहां के नागरिक अपने बच्चों को हमारे साथ रोमानिया बॉर्डर पर भेजना चाह रहे थे. वे कह रहे थे कि कम से कम हमारे बच्चों को अपने साथ लेते जाओ. छात्रों के अनुसार यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में अब भी हजारों भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.

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मोतिहारी: यूक्रेन पर रूस का हमला (Russia attack on Ukraine) अभी भी जारी है. इस बीच भारत सरकार वहां फंसे अपने छात्रों को स्देवश ला रही है. रूसी हमले के दौरान यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों में पूर्वी चंपारण जिले का आशीष गिरि (east champaran Ashish returned from Ukraine) भी शामिल रहा. वह सही-सलामत अपने घर पहुंच गया है. भारत सरकार के प्रयास से स्वदेश लाए जा रहे छात्रों के पहले चक्र में ही नगदाहां सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष मुन्ना गिरि का पुत्र आशीष गिरि फ्लाइट से मुंबई पहुंचा. मुंबई से पटना होते हुए मोतिहारी के राजा बाजार स्थित अपने आवास पर आया.

आशीष के आते ही उसके घर में रौनक आ गई. खुशी का माहौल हो गया. आशीष की मां पूनम गिरि और पिता मुन्ना गिरि की आंखें पुत्र को देखते ही नम हो गईं. उन लोगों ने अपने लाडले को गले से लगाया और उसकी आरती उतारी. आशीष गिरि के स्वागत के लिए शहर के कई लोग मौजूद थे. आशीष के पिता मुन्ना गिरि उस क्षण को याद कर भावुक हो गए जब यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बेटे को लेकर पूरा परिवार चिंतिच था. अनिश्चितता की स्थिति के कारण सबकी नींद उड़ गई थी.

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उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि भारत सरकार के प्रयास से ही उनका बेटा आज सही-सलामत घर आया है. मैं दुआ करता हूं कि सभी बच्चे सकुशल अपने-अपने घर आ जाएं. मुन्ना गिरि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति भी आभार प्रकट किया. आशीष ने बताया कि वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है. यूक्रेन के चेनिविस्की शहर में रहकर पढ़ाई करता है. यह शहर रोमानिया बॉर्डर से 40 किमी के फासले पर है. उसने बताया कि भारतीय दूतावास के प्रयास से वह रोमानिया बॉर्डर पहुंचा. जहां से वह भारत सरकार द्वारा भेजे गए विमान से स्वदेश लौटा है.

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यूक्रेन से लौटे छात्रों का पटना पहुंचने पर बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने स्वागत किया. यूक्रेन से लौटे छात्र वहां के हालात के बारे में बताते हुए भावुक हो जा रहे हैं. छात्रों के अनुसार यूक्रेन की स्थिति इतनी खराब है कि वहां के नागरिक अपने बच्चों को हमारे साथ रोमानिया बॉर्डर पर भेजना चाह रहे थे. वे कह रहे थे कि कम से कम हमारे बच्चों को अपने साथ लेते जाओ. छात्रों के अनुसार यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में अब भी हजारों भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.

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