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मोतिहारी में भी डेंगू मच्छर का खौफ, निजी नर्सिंग होम पर है मरीजों को भरोसा

डेंगू मरीज के सरकारी और गैर सरकारी आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि डेंगू मरीज सरकारी अस्पतालों के बदले निजी अस्पतालों में इलाज कराना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं.

अस्पताल में डेंगू के मरीज
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Published : Oct 23, 2019, 1:02 PM IST

मोतिहारीः पूर्वी चंपारण जिले में डेंगू मच्छर का खौफ लोगों को सताने लगा है. हालांकि, जिले में डेंगू के कम ही मरीज सामने आए हैं. लेकिन जिला से बाहर रहने वाले लोग डेंगू से संक्रमित होकर घर लौट रहे हैं. इनकी संख्या ज्यादा है. स्वास्थ्य महकमा के पास डेंगू मरीज से संबंधित आंकड़े वास्तविकता से काफी दूर हैं. क्योंकि ज्यादातर मरीज निजी नर्सिंग होम में इलाज करा रहे हैं.

बाहर से आए मरीजों से फैल रहा डेंगू
जिले के एक निजी नर्सिंग होम में हर दिन डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. नर्सिंग होम के डॉक्टर आशुतोष शरण ने बताया कि लगभग 40 डेंगू मरीजों का उन्होंने इलाज किया है, जो बिहार के बाहर रह कर अपना काम धंधा करते हैं. लेकिन उनके संक्रमण से दूसरे मच्छर प्रभावित होते हैं और वह मच्छर जिले में डेंगू मरीज बढ़ा रहा है.

निजी अस्पताल में पहुंच रहे डेंगू के मरीज

नहीं हुई है डेंगू से कोई मौत
इधर सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद का कहना है कि जिले में अब तक 16 डेंगू के मरीज मिले हैं. लेकिन डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र से मरीज सामने आ रहे हैं, वहां ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के अलावा फॉगिंग कराई जा रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में फॉगिंग कराने के लिए पत्र लिखा गया है.

निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़
बहरहाल, जिले में बढ़ रहे डेंगू मरीज ने स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े कर दिए हैं. लेकिन डेंगू मरीज के सरकारी और गैर सरकारी आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि डेंगू मरीज सरकारी अस्पतालों के बदले निजी अस्पतालों में इलाज कराना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं. ऐसे में सरकार के डेंगू और उसके ईलाज को लेकर किए जा रहे दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं.

बयान देते चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बैद्यनाथ चौधरी

गोपालगंज में डेंगू के 2 नए मरीज
उधर, गोपालगंज के हथुवा अनुमंडल में भी डेंगू के 2 नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जिले में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं. जिससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है. गोपालगंज के जिलाधिकारी ने इसे अपने संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन को हर स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू की जांच और दवा उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया है.

27 मरीजों की हुई डेंगू की जांच
हथुआ स्वास्थ्य केंद्र में 27 मरीजों का डेंगू का जांच की गई. जिसमें 2 मरीज में डेंगू पॉजिटिव पाया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बैद्यनाथ चौधरी ने बताया कि दो नए डेंगू के मरीज पाए गए हैं, जिसे सदर अस्पताल गोपालगंज में इलाज के लिए भेजा जा रहा है.

मोतिहारीः पूर्वी चंपारण जिले में डेंगू मच्छर का खौफ लोगों को सताने लगा है. हालांकि, जिले में डेंगू के कम ही मरीज सामने आए हैं. लेकिन जिला से बाहर रहने वाले लोग डेंगू से संक्रमित होकर घर लौट रहे हैं. इनकी संख्या ज्यादा है. स्वास्थ्य महकमा के पास डेंगू मरीज से संबंधित आंकड़े वास्तविकता से काफी दूर हैं. क्योंकि ज्यादातर मरीज निजी नर्सिंग होम में इलाज करा रहे हैं.

बाहर से आए मरीजों से फैल रहा डेंगू
जिले के एक निजी नर्सिंग होम में हर दिन डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं. नर्सिंग होम के डॉक्टर आशुतोष शरण ने बताया कि लगभग 40 डेंगू मरीजों का उन्होंने इलाज किया है, जो बिहार के बाहर रह कर अपना काम धंधा करते हैं. लेकिन उनके संक्रमण से दूसरे मच्छर प्रभावित होते हैं और वह मच्छर जिले में डेंगू मरीज बढ़ा रहा है.

निजी अस्पताल में पहुंच रहे डेंगू के मरीज

नहीं हुई है डेंगू से कोई मौत
इधर सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद का कहना है कि जिले में अब तक 16 डेंगू के मरीज मिले हैं. लेकिन डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र से मरीज सामने आ रहे हैं, वहां ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के अलावा फॉगिंग कराई जा रही है. सिविल सर्जन ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र में फॉगिंग कराने के लिए पत्र लिखा गया है.

निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़
बहरहाल, जिले में बढ़ रहे डेंगू मरीज ने स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े कर दिए हैं. लेकिन डेंगू मरीज के सरकारी और गैर सरकारी आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि डेंगू मरीज सरकारी अस्पतालों के बदले निजी अस्पतालों में इलाज कराना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं. ऐसे में सरकार के डेंगू और उसके ईलाज को लेकर किए जा रहे दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं.

बयान देते चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बैद्यनाथ चौधरी

गोपालगंज में डेंगू के 2 नए मरीज
उधर, गोपालगंज के हथुवा अनुमंडल में भी डेंगू के 2 नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जिले में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं. जिससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची हुई है. गोपालगंज के जिलाधिकारी ने इसे अपने संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन को हर स्वास्थ्य केंद्र पर डेंगू की जांच और दवा उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया है.

27 मरीजों की हुई डेंगू की जांच
हथुआ स्वास्थ्य केंद्र में 27 मरीजों का डेंगू का जांच की गई. जिसमें 2 मरीज में डेंगू पॉजिटिव पाया गया. चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बैद्यनाथ चौधरी ने बताया कि दो नए डेंगू के मरीज पाए गए हैं, जिसे सदर अस्पताल गोपालगंज में इलाज के लिए भेजा जा रहा है.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिले में डेंगू मच्छर का खौफ लोगों को सताने लगा है।हालांकि,जिले में डेंगू के कम हीं मरीज सामने आए हैं।लेकिन जिला से बाहर रहने वाले लोग डेंगू से संक्रमित होकर लौट रहे हैं।जिनकी संख्या ज्यादा है।जिले के स्वास्थ्य महकमा के डेंगू मरीज से संबंधित आंकड़े वास्तविकता से काफी दूर हैं।क्योंकि अधिकांश मरीज निजी नर्सिंग होम में ईलाज करा रहे हैं।जिले के एक निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक के यहां प्रत्येक दिन डेंगू के मरीज पहुंच रहे हैं।उन्होने बताया कि लगभग 40 डेंगू मरीजों का उन्होने ईलाज किया है।जो बिहार के बाहर रह कर अपना काम धंधा करते हैं।लेकिन उनके संक्रमण से दूसरे मच्छर प्रभावित होते हैं और वह मच्छर जिले में डेंगू मरीज बढ़ा रहा है।
बाईट.....डॉ.आशतोष शरण....चिकित्सक


Body:वीओ..1...जिले के ज्यादातर वैसे लोग डेंगू बुखार से ग्रसित हैं।जो बाहर रहकर अपना काम करते हैं।बाहर रहने वाले लोग शुरुआत में स्थानीय स्तर पर ईलाज कराते हैं।मर्ज जब बढ़ जाता है।तब वह अपने घर का रुख करते हैं और वह यहां ईलाज करा रहे हैं।
बाईट.....प्रमोद कुमार....मरीज
वीओ...2...इधर सिविल सर्जन के अनुसार जिले में अबतक 16 डेंगू के मरीज मिले हैं।लेकिन डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है।उन्होने बताया कि जिस क्षेत्र से मरीज सामने आ रहे हैं।वहां ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के अलावा फॉगिंग कराई जा रही है।सिविल सर्जन ने बताया कि नगर परिषद् क्षेत्र में फॉगिंग कराने के लिए पत्र लिखा गया है।
बाईट.....डॉ. रिजवान अहमद.....सिविल सर्जन


Conclusion:वीओएफ....बहरहाल,जिले में बढ़ रहे डेंगू मरीज ने स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े कर दिए हैं।लेकिन डेंगू मरीज के सरकारी और गैर सरकारी आंकड़े यह बताने के लिए काफी है कि डेंगू मरीज सरकारी अस्पतालों के बदले निजी अस्पतालों में ईलाज कराना बेहतर समझ रहे हैं।ऐसे में सरकार की डेंगू और उसके ईलाज को लेकर किए जा रहे व्यवस्था और दावे हवा-हवाई हीं प्रतित हो रही है।
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