मोतिहारी: छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है. आज के दिन खरना का प्रसाद बनता है. मिट्टी के चूल्हे ही पर प्रसाद बनता है लिहाजा घर की महिलाएं महापर्व के कई दिनों पहले से ही चूल्हा बना लेती हैं.
चूल्हा पर बनता है प्रसाद
मिट्टी का चूल्हा बनाने वाली लालमुनि देवी और संझा देवी ने बताया कि इसका उपयोग मुख्य रूप से महापर्व के खरना का प्रसाद बनाने के लिए किया जाता है. छठ आस्था का त्योहार है. इसे लेकर चूल्हा बनाने के दौरान साफ-सफाई की पूरा ध्यान रखा जाता है. छठ व्रतियों को चूल्हा देने से उन्हें एक सुखद अनुभूति होती है. महिलाओं ने बताया कि दीपावली के बाद तालाब और अन्य नदी से मिट्टी लाकर चूल्हा का निर्माण किया जाता है.
तालाब से लाया जाता है मिट्टी
दरअसल परंपरा के अनुसार छठ पूजा में मिट्टी चूल्हा पर प्रसाद बनाने का महत्व है. यहां छठ के खरना पूजा के लिए प्रसाद तैयार करने के लिए महिलाएं प्रयुक्त मिट्टी का चूल्हा तैयार करती हैं. इसके लिए घर की महिलाएं तालाब अथवा नदी से मिट्टी निकालकर लाती हैं. यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है.