मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी के लाल ने क्रिकेट के मैदान पर इतिहास रच दिया है. मोतिहारी शहर के अगरवा मुहल्ले के रहने वाले सकिबुल गनी ने कोलकाता के जेडी कैम्पस कॉलेज मैदान में मिजोरम के खिलाफ विश्व रिकॉर्ड (Sakibul gani Made World Record in Ranji Trophy) बनाया है. उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट के डेब्यू मैच में तिहरा शतक (Triple century in first class debut cricket match) जड़ दिया है. रणजी ट्रॉफी में सकिबुल ने बिहार की ओर से बैटिंग करते हुए ट्रिपल सेंचुरी लगा दी. सकिबुल के परिवार के लोग इस मैच का लाइव प्रसारण तो नहीं देख सके, लेकिन वे बीसीसीआई के साइट पर अपडेट स्कोर की जानकारी लेते रहे.
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सकिबुल के इस ऐतिहासिक पारी के बाद उनके परिवार में खुशियों का माहौल है. शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं. घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. हालांकि, बीसीसीआई की गाइडलाइन के कारण सकिबुल गनी की परिवार के लोगों से बातचीत नहीं हो पाई है. सकिबुल गनी की मां आजमा खातून की आंखों में खुशी के आंसू हैं. वह अपने बेटे सकिबुल के जीते हुए मेडल और ट्रॉफी को दिखाती हैं और कहती है कि बचपन से क्रिकेट के प्रति उसकी ललक को देखकर उसे खेलने से कभी नहीं रोका.
वह पढ़ाई के साथ नेट प्रैक्टिस भी करता था. सकिबुल के पिता मो. मन्नान गनी अपने पुत्र की उपलब्धि पर काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि मोबाइल पर सकिबुल के रन का अपडेट मिल रहा था. मोबाइल से ही उसके रिकॉर्ड के बारे में पता चला. मो. मन्नान ने बताया कि लोग फोन करके बधाई दे रहे हैं और घर पर भी आकर लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं. सात भाई बहनों में सकिबुल गनी छोटे हैं. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले सकिबुल के बड़े भाई फैसल गनी उनके कोच हैं.
फैसल ने ही सकिबुल को प्रशिक्षित किया है. फैसल गनी ने घर पर ही नेट लगाकर रात-दिन सकिबुल को प्रैक्टिस कराया. फैसल गनी खुद एक क्रिकेटर हैं. वे ऑलराउंडर हैं. उसी प्रकार सकिबुल गनी भी ऑलराउंडर हैं. वह बैटिंग के साथ मीडियम पेस बॉलिंग भी करते हैं. सकिबुल के बड़े भाई व कोच फैसल गनी ने बताया कि घर पर ही उसने प्रैक्टिस की है. किसी जाने-माने कोच से उसने कोचिंग नहीं ली है. फैसल गनी के अनुसार उन्होंने खुद सकिबुल को क्रिकेट की बारीकियों को सिखाया है. फैसल गनी को विश्वास है कि सकिबुल गनी एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर का मैच खेलेगा.
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मोतिहारी जिला स्कूल से मैट्रिक पास करने वाले सकिबुल गनी प्लस टू की परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि जब बिहार बोर्ड द्वारा प्लस टू की घोषित परीक्षा की तिथि के समय सकिबुल किसी टूर्नामेंट में व्यस्त रहते हैं. सकिबुल गनी ने पांच बार हेमन ट्रॉफी खेला है. विजय हजारे और मुस्ताक अली टूर्नामेंट में भी अपने प्रदर्शन से चयनकर्त्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा. वहीं रणजी ट्रॉफी के लिए बिहार टीम में सकिबुल गनी का चयन हुआ. चयनकर्ताओं की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरते हुए सकिबुल ने मिजोरम के खिलाफ बिहार की पारी को संभाला.
सकिबुल उस समय बल्लेबाजी करने के लिए आए जब बिहार के 3 विकेट 71 रन के कुल स्कोर पर गिर गए थे. इसके बाद सकिबुल ने अपने बल्ले से इतिहास रच दिया. उन्होंने 405 गेंदों का सामना करते हुए 56 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 341 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. सकिबुल ने 387 गेंदों पर 50 चौकाें की मदद से अपना तीसरा शतक पूरा किया. सकिबुल गनी का स्ट्राइक रेट 84.20 रहा जो किसी भी डेब्यू मैच में किसी खिलाडी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में एक है.
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सकिबुल गनी ने मध्य प्रदेश के अजय रोहेरा के रिकॉर्ड को तोड़ा. रोहेरा ने 2018/19 रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी डेब्यू पर हैदराबाद के खिलाफ नाबाद 267 रन बनाए थे. बिहार का अगला मैच सिक्किम के साथ ईडेन गार्डन में है. इस मैच में भी सकिबुल गनी के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद उनके परिवार को है. साथ ही चंपारण के लोग भी सकिबुल गनी के बेहतर प्रदर्शन के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं.
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