मोतिहारीः जिले में हो रही मूसलाधार बारिश ने अस्पताल और नगर परिषद प्रशासन की पोल-खोलकर रख दी है. जिले का सदर अस्पताल तालाब बन गया है. हालात यह है कि पोस्टमॉर्टम के बाद मृतकों के परिजन अपने हाथों पर या रिक्शे पर शव को ले जा रहे हैं. घुटने भर पानी में डूबकर एक परिजन अपनी बच्चे के शव को लेकर घंटों खड़ा रहा. बाद में वह किसी तरह अस्पताल से बाहर निकला. लेकिन अस्पताल में उसे एंबुलेंस नहीं मिली. जलजमाव के कारण यहां एंबुलेंस भी नहीं है.
एक बच्ची समेत दो लोगों की मौत
दरअसल, आसमान से हो रही आफत की बारिश से एक बच्ची समेत दो लोगों की मौत हो गई. बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिजन हाथ पर ले गए. क्योंकि अस्पताल ने एंबुलेंस मुहैय्या नहीं कराई. अस्पताल में जलजमाव के कारण मरीजों और उनके परिजनों को घुटने भर पानी में डूबना पड़ रहा है. लगातार हो रही बारिश के पानी से अस्पताल तालाब बन गया है. यहां ना तो कायदे से डॉक्टर पहुंच रहे हैं और ना ही कोई अधिकारी. अस्पताल प्रबंधन इस आफत की घड़ी में मरीजों को अपने हाल पर छोड़कर लापता है.
जल निकासी का कोई रास्ता नहीं
मालूम हो कि पिछले पांच दिनों से पूर्वी चंपारण जिला में लगातार बारिश हो रही है. जिससे शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. वहीं, जिले का सदर अस्पताल तालाब बना हुआ है. बारिश का पानी अस्पताल परिसर में लबालब भरा हुआ है. जल निकासी के लिए जो नाली बनी हुई है, वह सफाई ना होने के कारण बंद पड़ी है. इसकी वजह से अस्पताल में पानी का जमाव हो गया है.