मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला के सिकरहना अनुमंडल क्षेत्र में बाल श्रमिकों की विमुक्ति को लेकर गठित विशेष धावा दल ने अभियान चलाया. श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के निर्देश पर विशेष धावा दल ने अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रतिष्ठानों में संघन जांच अभियान चलाया. हालांकि, इस दौरान धावा दल को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा, लेकिन काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया.
पढ़ें: झारखंड जदयू अध्यक्ष देंगे इस्तीफा, सरना धर्म कोड को लेकर नाराजगी
छह बाल श्रमिक कराये गए मुक्त
धावा दल ने 6 प्रतिष्ठानों से 6 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया. इंडिया मिष्ठान भंडार से एक, रॉयल मोटर्स वर्क्स शॉप से एक, महाराजा स्वीट्स से एक, वैष्णव स्वीट्स एंड पिजा टी से एक, राजधानी मोटर्स से एक और आलम मोटर साइकिल सर्विस सेंटर से एक बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया. साथ ही सड़कों पर भटकते बच्चों को स्थानीय थाना और एनजीओ के सहयोग से उनके अभिभावकों को सुपुर्द किया गया.
नियोजक प्रतिष्ठान पर दर्ज हुई एफआईआर
जिन प्रतिष्ठानों से बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है. उन प्रतिष्ठानों के खिलाफ बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवम विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है. इस अधिनियम के अन्तर्गत दोषी व्यक्तियों को 20 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक का अर्थदंड और 6 माह से लेकर 2 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है.