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दरभंगा: इस मंदिर में घुटने पर बैठने के बाद ही हनुमान जी देते हैं दर्शन

मंदिर के पुजारी ध्रुव कांत झा ने कहा कि इस मंदिर की स्थापना दरभंगा महाराज ने करवाई थी. यह हनुमान जी का मंदिर है और मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. जो भक्त मन में सच्ची आस्था लेकर यहां आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.

darbhanga
मनोकामना मंदिर
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Published : Jan 6, 2020, 9:16 AM IST

दरभंगा: शहर के राज्य परिसर स्थित मनोकामना मंदिर काफी प्रसिद्व है. इस मंदिर का निर्माण समतल भूमि से लगभग 7 फुट ऊंचाई पर एक बड़े चबूतरे पर सफेद संगमरमर से किया गया है. इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए भक्तों को मंदिर के बाहर घुटने पर बैठना पड़ता है, क्योंकि मंदिर का आकार छोटा है.

इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि मंदिर के संगमरमर की दीवारों पर सच्चे मन से लिखी गई मनोकामना जरूर पूरी होती है, इसीलिए इस मंदिर का नाम ही मनोकामना मंदिर पड़ा है.

इस मंदिर में लिखी मनोकामनाएं होती है पूर्ण

संगमरमर की दीवारों पर लिखते हैं मन्नत
इस मंदिर में स्थित हनुमान जी से अपनी मनोकामना पूरी करवाने का तरीका भी अनूठा है. कुछ मंदिरों में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त सिंदूर या फिर लंगोटे चढ़ाते हैं. लेकिन दरभंगा के मनोकामना मंदिर में मनोकामना पूरी करवाने के लिए लोग अपने घर से कलम या पेंसिल लेकर आते हैं. मंदिर में पूजा करने के बाद कलम और पेंसिल से मंदिर के संगमरमर की दीवारों पर अपनी मनोकामना लिखते हैं. इसीलिए मंदिर की पूरी दीवाल पर भक्तों की ओर से लिखा गया मन्नत देखने को मिलेता है.

मनोकामनाएं होती है पूर्ण
वहीं, मंदिर के पुजारी ध्रुव कांत झा ने कहा कि इस मंदिर की स्थापना दरभंगा महाराज ने करवाई थी. यह हनुमान जी का मंदिर है और मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. जो भक्त मन में सच्ची आस्था लेकर यहां आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. इसीलिए यह मंदिर मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. वहीं उन्होंने कहा कि आप अन्य मंदिरों में जाएंगे तो आप खड़े होकर भी हनुमान जी का दर्शन कर सकते हैं. लेकिन इस मंदिर में बिना झुके हुए हनुमान जी आपको दर्शन नहीं दे सकते हैं.

दरभंगा: शहर के राज्य परिसर स्थित मनोकामना मंदिर काफी प्रसिद्व है. इस मंदिर का निर्माण समतल भूमि से लगभग 7 फुट ऊंचाई पर एक बड़े चबूतरे पर सफेद संगमरमर से किया गया है. इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए भक्तों को मंदिर के बाहर घुटने पर बैठना पड़ता है, क्योंकि मंदिर का आकार छोटा है.

इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि मंदिर के संगमरमर की दीवारों पर सच्चे मन से लिखी गई मनोकामना जरूर पूरी होती है, इसीलिए इस मंदिर का नाम ही मनोकामना मंदिर पड़ा है.

इस मंदिर में लिखी मनोकामनाएं होती है पूर्ण

संगमरमर की दीवारों पर लिखते हैं मन्नत
इस मंदिर में स्थित हनुमान जी से अपनी मनोकामना पूरी करवाने का तरीका भी अनूठा है. कुछ मंदिरों में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त सिंदूर या फिर लंगोटे चढ़ाते हैं. लेकिन दरभंगा के मनोकामना मंदिर में मनोकामना पूरी करवाने के लिए लोग अपने घर से कलम या पेंसिल लेकर आते हैं. मंदिर में पूजा करने के बाद कलम और पेंसिल से मंदिर के संगमरमर की दीवारों पर अपनी मनोकामना लिखते हैं. इसीलिए मंदिर की पूरी दीवाल पर भक्तों की ओर से लिखा गया मन्नत देखने को मिलेता है.

मनोकामनाएं होती है पूर्ण
वहीं, मंदिर के पुजारी ध्रुव कांत झा ने कहा कि इस मंदिर की स्थापना दरभंगा महाराज ने करवाई थी. यह हनुमान जी का मंदिर है और मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. जो भक्त मन में सच्ची आस्था लेकर यहां आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. इसीलिए यह मंदिर मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. वहीं उन्होंने कहा कि आप अन्य मंदिरों में जाएंगे तो आप खड़े होकर भी हनुमान जी का दर्शन कर सकते हैं. लेकिन इस मंदिर में बिना झुके हुए हनुमान जी आपको दर्शन नहीं दे सकते हैं.

Intro:दरभंगा राज्य परिसर स्थित मनोकामना मंदिर की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के संगमरमर की दीवारों पर सच्ची मन से लिखी गई मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसीलिए इस मंदिर का नाम ही मनोकामना मंदिर पर गया है। इस मंदिर का निर्माण समतल भूमि से लगभग 7 फुट ऊंचाई पर एक बड़े चबूतरे पर सफेद संगमरमर से किया गया है। इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए भक्तों को मंदिर के बाहर घुटने पर बैठना पड़ता है। क्योंकि मंदिर का आकार छोटा है।


Body:मंदिर के दीवारों पर लिखने से मन्नते होती है पूरी

इस मंदिर में स्थित हनुमान जी से अपनी मनोकामना पूरी करवाने का तरीका भी अनूठा है। कुछ मंदिरों में हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भक्त हनुमान जी को सिंदूर या फिर लंगोटे चढ़ाते हैं। लेकिन दरभंगा के मनोकामना मंदिर में मनोकामना पूरी करवाने के लिए लोग अपने घर से कलम या पेंसिल लेकर आते हैं। मंदिर में पूजा करने के बाद कलम अथवा पेंसिल से मंदिर के संगमरमर की दीवारों पर अपनी मनोकामना लिखते हैं। इसीलिए मंदिर की पूरी दीवाल पर भक्तों के द्वारा लिखा गया मन्नत देखने को मिलेगा।


Conclusion:बिना झुके हुए हनुमानजी की नही होती है दर्शन

वही मंदिर के पुजारी ध्रुव कांत झा ने कहा कि इस मंदिर की स्थापना दरभंगा महाराज के द्वारा करवाया गया था। यह हनुमान जी का मंदिर है और मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। जो भक्त मन में सच्ची आस्था लेकर यहां आते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसीलिए यह मंदिर मनोकामना मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। वहीं उन्होंने कहा कि आप अन्य मंदिरों में जाएंगे तो आप खड़े होकर भी हनुमानजी का दर्शन कर सकते हैं। लेकिन इस मंदिर में बिना झुके हुए हनुमानजी की आपको दर्शन नहीं दे सकते हैं।

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ब्रजेश कुमार, भक्त
आनंद मोहन झा, भक्त
ध्रुव कांत झा, मंदिर के पुजारी
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