दरभंगा: कोरोना से जंग जीतना इस साल पिछले साल से ज्यादा चुनौतीपूर्ण भरा साबित हो रहा है. अस्पतालों में बेड की कमी और ऑक्सीजन की कमी से हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं. कहां जाय, क्या करे, कुछ समझ में नहीं आ रहा. सरकार ने भी नहीं सोचा था कि हालात इतने बदतर हो जाएंगे. इन सबके बीच दरभंगा से सुकून देनेवाली खबर सामने आई है. कोरोना से संक्रमित मरीजों को यहां ऑक्सीजन की समस्या से जूझना नहीं पड़ रहा है. यहां पर्याप्त मात्रा में जिंदगी लोगों के बीच ऑक्सीजन के रुप में पहुंच रही है. और यह सब मुमकिन हो पाया है माधोपट्टी स्थित गुप्ता एयर प्रोडक्ट ऑक्सीजन सिलेंडर बॉटलिंग प्लांट से जो हर दिन 800 जंबो सिलेंडर बना रहा है.
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दरभंगा में नहीं है ऑक्सीजन की कमी
दरभंगा का एक ऑक्सीजन सिलेंडर बॉटलिंग प्लांट कोविड मरीजों की जिंदगी बचाने में मददगार साबित हो रहा है. यह प्लांट बिहार के गिने-चुने ऑक्सीजन कारखानों में से एक है. सदर प्रखंड के माधोपट्टी में स्थित गुप्ता एयर प्रोडक्ट नाम के इस ऑक्सीजन सिलेंडर बॉटलिंग प्लांट से मिथिलांचल के तकरीबन सभी जिलों में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई होती रही है. और आज पूरे बिहार से यहां सिलेंडर की मांग है. 2016 में स्थापित इस कारखाने में इसी गांव के आसपास के 15 मजदूर काम करते हैं जिनके घर की रोजी-रोटी इस कारखाने से चलती है. दरभंगा डीएम ने इस कारखाने के काम को सराहा है.
ऑक्सीजन सिलेंडर के मामले में आत्मनिर्भर
फिलहाल जिला प्रशासन ने इसी कारखाने के बूते राज्य मुख्यालय को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें दरभंगा को ऑक्सीजन सिलेंडर के मामले में आत्मनिर्भर बताया गया है. दरभंगा डीएम ने खुद इस ऑक्सीजन सिलेंडर बॉटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया और यहां से निर्बाध रूप से डीएमसीएच और जिले के दूसरे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति करने का निर्देश दिया है.
'इस कारखाने की स्थापना 2016 में की गई थी. उस समय यहां से हर दिन का उत्पादन महज 50 सिलेंडर का हुआ करता था. 5 साल के दौरान इस बॉटलिंग प्लांट की क्षमता करीब 850 सिलेंडर की हो चुकी है. यहां से मिथिलांचल के तकरीबन सभी जिलों दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, खगड़िया और किशनगंज तक ऑक्सीजन की सप्लाई होती थी. लेकिन फिलहाल सिर्फ दरभंगा में ऑक्सीजन की कमी होने नहीं दी जा रही है.'- दीपक कुमार, ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट संचालक
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बढ़ रही मांग
फिलहाल कोरोना काल में यहां के सिलेंडर की मांग चंपारण, पटना और भोजपुर जैसे इलाकों में भी होने लगी है. फिलहाल जिला प्रशासन के आदेश पर डीएमसीएच और दरभंगा जिले के दूसरे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है.
'पहले बाहर ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने वाले कारखाने में काम करते थे, लेकिन उससे परिवार का गुजारा नहीं चलता था. 5 साल पहले यहां पर यह कारखाना खुला तो अपने गांव चले आए और इसी कारखाने में तब से काम कर रहे हैं. अब अपने घर के पास रहकर इस कारखाने से रोजी-रोटी चल रही है.'- सतीश कुमार झा, कामगार, ऑक्सीजन बॉटलिंग प्लांट
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लिक्विड ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर उपलब्ध
फिलहाल बिहार में करीब 11 ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने वाले कारखाने हैं. इनमें से गुप्ता एयर प्रोडक्ट ऑक्सीजन सिलेंडर बॉटलिंग प्लांट कारखाना एकमात्र ऐसा कारखाना है जिसके पास लिक्विड ऑक्सीजन लाने के लिए टैंकर उपलब्ध है. जमशेदपुर और बोकारो से लिक्विड ऑक्सीजन लाया जाता है और कारखाने में उसे कंप्रेस करके ऑक्सीजन गैस का रूप दिया जाता है. फिर उसे सिलेंडर में बॉटलिंग की जाती है.
यह कारखाना बेहतर काम कर रहा है. फिलहाल डीएमसीएच में भी एक ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई है जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. दरभंगा में ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नहीं है, इस मामले में दरभंगा आत्मनिर्भर है.- डॉ. त्यागराजन एसएम, डीएम, दरभंगा
डीएम ने सराहा
दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने इस कारखाने की तारीफ की है. उन्होंने कहा इस कारखाने से फिलहाल 850 से 900 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन हो रहा है जिससे डीएमसीएच और दूसरे सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड के मरीजों की जान बचाई जा रही है.
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