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नेतरहाट स्कूल की तर्ज पर एक-एक छात्र को गोद लेंगे संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षक - University Teacher

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय कुलपति ने राज्य के सभी संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों से नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर एक-एक छात्र को गोद लेकर उसकी शिक्षा और आवास की जिम्मेवारी लेने का आग्रह किया है.

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
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Published : Mar 19, 2019, 12:03 AM IST

दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगासंस्कृत विश्वविद्यालय बिहार में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की अनूठी पहल शुरू करने जा रहा है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्य के सभी संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों से नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर एक-एक छात्र को गोद लेकर उसकी शिक्षा और आवास की जिम्मेवारी लेने का आग्रह किया है.


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सर्व नारायण झा ने बताया कि उन्होंने नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर राज्य भर के संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे एक-एक गरीब-मेधावी छात्र को गोद लेकर उसे अपनी निगरानी में रखें और उसकी पढ़ाई-लिखाई का भार उठाएं. इससे हर शिक्षक कम से कम एक योग्य छात्र हर साल निकाल सकेगा. इससे संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और संस्कृत का गौरव लौटेगा. उन्होंने कहा कि पटना के कुछ कॉलजों के शिक्षकों के साथ उन्होंने बैठक की है. बैठक में इस पर सहमति बनी है कि जल्द ही यह योजना धरातल पर दिखेगी.

कामेश्वर सिंह दरभंगासंस्कृत विश्वविद्यालय

बता दें कि नेतरहाट विद्यालय में यह परंपरा रही है कि वहां के छात्र शिक्षकों के घर पर रहकर अपना अध्ययन करते हैं. इसकी वजह से उनका विकास होता है और वे टॉप करते हैं. इसकी वजह से नेतरहाट विद्यालय की ख्याति देश-दुनिया में फैली हुई है.


विश्वविद्यालय के 23 कॉलेजों के प्राचार्यों की बर्खास्तगी पर फैसला कल, सिंडिकेट की बैठक में होगा निर्णय
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 23 कॉलेजों के प्राचार्यों की कुर्सी जायेगी या बचेगी, इसका फैसला मंगलवार को हो जायेगा. विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में इस पर निर्णय होगा. हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस मामले में कई पूर्व कुलपतियों और रजिस्ट्रारों समेत अधिकारियों-कर्मियीं पर भी गाज गिर सकती है.


विश्वविद्यालय में 23 प्राचार्यों की नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत विश्वविद्यालय और राजभवन में वर्ष 2013 में एसएफआई छात्र संगठन के तत्कालीन जिलाध्यक्ष समरेंद्र कुमार सुधांशु ने दर्ज करायी थी. उन्होंने इन नियुक्तियों में भारी गड़बड़ी की शिकायत करते हुए प्रमाण भी उपलब्ध कराए थे. राजभवन के निर्देश पर बनी जांच समिति ने भी मामले में गड़बड़ी पायी . उसके बाद ये मामला पटना हाई कोर्ट में चला गया. हाई कोर्ट ने भी मामले में गड़बड़ी पाते हुए विश्वविद्यालय को कार्रवाई का आदेश दिया था.


कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने मामले में विधिक सलाह ली है.जांच रिपोर्ट और विधिक सलाह के आधार पर सिंडिकेट की बैठक में कार्रवाई पर फैसला होगा.

दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगासंस्कृत विश्वविद्यालय बिहार में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की अनूठी पहल शुरू करने जा रहा है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्य के सभी संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों से नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर एक-एक छात्र को गोद लेकर उसकी शिक्षा और आवास की जिम्मेवारी लेने का आग्रह किया है.


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सर्व नारायण झा ने बताया कि उन्होंने नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर राज्य भर के संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे एक-एक गरीब-मेधावी छात्र को गोद लेकर उसे अपनी निगरानी में रखें और उसकी पढ़ाई-लिखाई का भार उठाएं. इससे हर शिक्षक कम से कम एक योग्य छात्र हर साल निकाल सकेगा. इससे संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और संस्कृत का गौरव लौटेगा. उन्होंने कहा कि पटना के कुछ कॉलजों के शिक्षकों के साथ उन्होंने बैठक की है. बैठक में इस पर सहमति बनी है कि जल्द ही यह योजना धरातल पर दिखेगी.

कामेश्वर सिंह दरभंगासंस्कृत विश्वविद्यालय

बता दें कि नेतरहाट विद्यालय में यह परंपरा रही है कि वहां के छात्र शिक्षकों के घर पर रहकर अपना अध्ययन करते हैं. इसकी वजह से उनका विकास होता है और वे टॉप करते हैं. इसकी वजह से नेतरहाट विद्यालय की ख्याति देश-दुनिया में फैली हुई है.


विश्वविद्यालय के 23 कॉलेजों के प्राचार्यों की बर्खास्तगी पर फैसला कल, सिंडिकेट की बैठक में होगा निर्णय
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 23 कॉलेजों के प्राचार्यों की कुर्सी जायेगी या बचेगी, इसका फैसला मंगलवार को हो जायेगा. विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में इस पर निर्णय होगा. हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इस मामले में कई पूर्व कुलपतियों और रजिस्ट्रारों समेत अधिकारियों-कर्मियीं पर भी गाज गिर सकती है.


विश्वविद्यालय में 23 प्राचार्यों की नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत विश्वविद्यालय और राजभवन में वर्ष 2013 में एसएफआई छात्र संगठन के तत्कालीन जिलाध्यक्ष समरेंद्र कुमार सुधांशु ने दर्ज करायी थी. उन्होंने इन नियुक्तियों में भारी गड़बड़ी की शिकायत करते हुए प्रमाण भी उपलब्ध कराए थे. राजभवन के निर्देश पर बनी जांच समिति ने भी मामले में गड़बड़ी पायी . उसके बाद ये मामला पटना हाई कोर्ट में चला गया. हाई कोर्ट ने भी मामले में गड़बड़ी पाते हुए विश्वविद्यालय को कार्रवाई का आदेश दिया था.


कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने मामले में विधिक सलाह ली है.जांच रिपोर्ट और विधिक सलाह के आधार पर सिंडिकेट की बैठक में कार्रवाई पर फैसला होगा.

Intro:दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि बिहार में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की अनूठी पहल शुरू करने जा रहा है। विवि के कुलपति ने राज्य के सभी संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों से नेतरहाट विद्यालय की तर्ज़ पर एक-एक छात्र को गोद लेकर उसकी शिक्षा और आवासन की जिम्मेवारी लेने का आग्रह किया है। जल्द ही यह योजना धरातल पर उतरेगी।


Body:विवि के कुलपति प्रो.सर्व नारायण झा ने बताया कि उन्होंने नेतरहाट विद्यालय की तर्ज़ पर राज्य भर के संस्कृत कॉलेजों के शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे एक-एक गरीब-मेधावी छात्र को गोद लेकर उसे अपनी निगरानी में रखें और उसकी पढ़ाई-लिखाई का भार उठाएं। इससे हर शिक्षक कम से कम एक योग्य छात्र हर साल निकाल सकेगा। इससे संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और संस्कृत का गौरव लौटेगा। उन्होंने कहा कि पटना के कुछ कॉलजों के शिक्षकों के साथ उन्होंने बैठक की है। बैठक में इस पर सहमति बनी है। जल्द ही यह योजना धरातल पर दिखेगी।


Conclusion:बता दें कि नेतरहाट विद्यालय में यह परंपरा रही है कि वहां के छात्र शिक्षकों के घर पर रहकर अध्ययन करते हैं। इसकी वजह से उनका विकास होता है और वे टॉप करते हैं। इसकी वजह से नेतरहाट विद्यालय की ख्याति देश-दुनिया में फैली है।


बाइट 1- प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति, के एसडीएसयू

विजय कुमार श्रीवास्तव
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