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शिक्षक की अनोखी पहल, माइकिंग के जरिए स्कूल आने के लिए बच्चों को किया जागरुक - darbhanga news today

बिहार के दरभंगा में एक शिक्षक बच्चों को स्कूल आने के लिए अनोखे अंदाज में प्रेरित कर रहे हैं. कोरोना काल (Corona Period) में स्कूल लगभग डेढ़ साल तक बंद रहे जिसके बाद बच्चों की पढ़ाई में रुचि कम हो गई थी. ऐसे में शिक्षक ने माइकिंग के जरिये बच्चों को न सिर्फ जागरुक किया बल्कि विद्यालय की सफाई में भी जुट गए. जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो वे भी दंग रह गए. पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Sep 1, 2021, 7:24 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 10:42 PM IST

दरभंगा: कहते हैं शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं. उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलकर किसी देश की भावी पीढ़ी तरक्की में अपना योगदान देती है. ऐसे ही एक शिक्षक हैं दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड (Alinagar Block) के जौघट्टा मध्य विद्यालय (Jughatta Middle School) के महेश प्रसाद जो स्कूल आने के लिए माइकिंग के जरिये बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं. इतना ही नहीं कोरोना काल (Corona Period) में करीब डेढ़ साल बंद रहने के बाद जब स्कूल खुला तो वहां गंदगी का अंबार लगा था. जिसके बाद वे खुद ही विद्यालय की साफ सफाई में लग गए.

यह भी पढ़ें- ये सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को भी दे रहा टक्कर, प्रिंसिपल ने बदली तस्वीर

कोरोना के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद होने से पढ़ने-पढ़ाने का वातावरण बिल्कुल खत्म हो चुका था. ऐसे में महेश ने सोचा कि इस वातावरण में न तो बच्चे स्कूल आएंगे और न ही यहां पढ़ाई का वातावरण बनेगा. फिर उन्होंने खुद से कुदाल और टोकरी उठाई और विद्यालय परिसर को साफ करना शुरू कर दिया है. उन्हें सफाई करते देखकर गांव के कुछ युवा भी सफाई अभियान से जुड़े और पूरे विद्यालय को चकाचक कर दिया गया.

देखें वीडियो

कैंपस में घास-फूस का जंगल उग आया था. ऐसे वातावरण में बच्चों का स्कूल आकर पढ़ना मुश्किल था. इसलिए मैंने खुद ही कुदाल और टोकरी उठाई और पूरे कैंपस की सफाई में जुट गया. मुझे सफाई करता देख गांव के कुछ युवक भी इसमें शामिल हुए और दो-तीन दिन की सफाई में स्कूल को चकाचक कर दिया गया. अब जरूरत थी बच्चों को स्कूल लाने के लिए प्रेरित करने की इसलिए मैंने माइक से गांव के गली गली में घूम कर माइकिंग कर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया.- महेश प्रसाद, शिक्षक, मध्य विद्यालय जौघट्टा

शिक्षक महेश प्रसाद ने पूरे गांव में घूम घूमकर खुद से माइकिंग की और अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की. उन्होंने कक्षाओं को सैनिटाइज कराया, बलून और फूल पत्ती से सजा-धजा कर कक्षा को आकर्षक बनाया. फिर कक्षा में बच्चों का स्वागत किया गया. शिक्षक महेश प्रसाद की इस पहल से बच्चे बेहद खुश हैं. उनमें स्कूल आने की ललक जगी है और अब स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचने लगे हैं. गांव के लोगों ने भी महेश के इस अभियान की तारीफ की है.

महेश सर ने पूरे स्कूल की सफाई की और गांव में घूम-घूमकर माइकिंग से बच्चों को स्कूल आने को कहा. साफ सुथरा स्कूल देखकर हमें और हमारे अभिभावकों को बेहद खुशी हो रही है. हमें पढ़ने में काफी मजा आ रहा है.- संजीव कुमार, छात्र

मध्य विद्यालय जौघट्टा के शिक्षक महेश प्रसाद ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लंबे समय से विद्यालय बंद था. ऐसे में बच्चों के स्कूल आने की आदत छूट चुकी थी. इसके अलावा विद्यालय में चारों तरफ गंदगी पसरी हुई थी.

शिक्षक महेश प्रसाद स्कूल और गांव में स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहे हैं. इससे देश का भला हो रहा है. इससे गांव के लोगों पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और बच्चों में भी विद्यालय आने की ललक जगी है.- महेश शर्मा, ग्रामीण

शिक्षक महेश प्रसाद ने पढ़ाई-लिखाई और स्वच्छता के फायदे माइक पर बताए. इसके बाद उन्होंने क्लास रूम को आकर्षक ढंग से सजाया और उसमें बलून और फूल पत्ती लगाकर बच्चों को आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि अब उनकी मेहनत रंग लाई है और बड़ी संख्या में बच्चे विद्यालय पहुंच रहे हैं. यह देखकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है.

यह भी पढ़ें- किताब खरीदने के लिए पैसे पहुंचे अकाउंट में, फिर भी बिना पुस्तक बच्चे कर रहे पढ़ाई

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दरभंगा: कहते हैं शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं. उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलकर किसी देश की भावी पीढ़ी तरक्की में अपना योगदान देती है. ऐसे ही एक शिक्षक हैं दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड (Alinagar Block) के जौघट्टा मध्य विद्यालय (Jughatta Middle School) के महेश प्रसाद जो स्कूल आने के लिए माइकिंग के जरिये बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं. इतना ही नहीं कोरोना काल (Corona Period) में करीब डेढ़ साल बंद रहने के बाद जब स्कूल खुला तो वहां गंदगी का अंबार लगा था. जिसके बाद वे खुद ही विद्यालय की साफ सफाई में लग गए.

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कोरोना के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद होने से पढ़ने-पढ़ाने का वातावरण बिल्कुल खत्म हो चुका था. ऐसे में महेश ने सोचा कि इस वातावरण में न तो बच्चे स्कूल आएंगे और न ही यहां पढ़ाई का वातावरण बनेगा. फिर उन्होंने खुद से कुदाल और टोकरी उठाई और विद्यालय परिसर को साफ करना शुरू कर दिया है. उन्हें सफाई करते देखकर गांव के कुछ युवा भी सफाई अभियान से जुड़े और पूरे विद्यालय को चकाचक कर दिया गया.

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कैंपस में घास-फूस का जंगल उग आया था. ऐसे वातावरण में बच्चों का स्कूल आकर पढ़ना मुश्किल था. इसलिए मैंने खुद ही कुदाल और टोकरी उठाई और पूरे कैंपस की सफाई में जुट गया. मुझे सफाई करता देख गांव के कुछ युवक भी इसमें शामिल हुए और दो-तीन दिन की सफाई में स्कूल को चकाचक कर दिया गया. अब जरूरत थी बच्चों को स्कूल लाने के लिए प्रेरित करने की इसलिए मैंने माइक से गांव के गली गली में घूम कर माइकिंग कर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया.- महेश प्रसाद, शिक्षक, मध्य विद्यालय जौघट्टा

शिक्षक महेश प्रसाद ने पूरे गांव में घूम घूमकर खुद से माइकिंग की और अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की. उन्होंने कक्षाओं को सैनिटाइज कराया, बलून और फूल पत्ती से सजा-धजा कर कक्षा को आकर्षक बनाया. फिर कक्षा में बच्चों का स्वागत किया गया. शिक्षक महेश प्रसाद की इस पहल से बच्चे बेहद खुश हैं. उनमें स्कूल आने की ललक जगी है और अब स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे पहुंचने लगे हैं. गांव के लोगों ने भी महेश के इस अभियान की तारीफ की है.

महेश सर ने पूरे स्कूल की सफाई की और गांव में घूम-घूमकर माइकिंग से बच्चों को स्कूल आने को कहा. साफ सुथरा स्कूल देखकर हमें और हमारे अभिभावकों को बेहद खुशी हो रही है. हमें पढ़ने में काफी मजा आ रहा है.- संजीव कुमार, छात्र

मध्य विद्यालय जौघट्टा के शिक्षक महेश प्रसाद ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लंबे समय से विद्यालय बंद था. ऐसे में बच्चों के स्कूल आने की आदत छूट चुकी थी. इसके अलावा विद्यालय में चारों तरफ गंदगी पसरी हुई थी.

शिक्षक महेश प्रसाद स्कूल और गांव में स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहे हैं. इससे देश का भला हो रहा है. इससे गांव के लोगों पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और बच्चों में भी विद्यालय आने की ललक जगी है.- महेश शर्मा, ग्रामीण

शिक्षक महेश प्रसाद ने पढ़ाई-लिखाई और स्वच्छता के फायदे माइक पर बताए. इसके बाद उन्होंने क्लास रूम को आकर्षक ढंग से सजाया और उसमें बलून और फूल पत्ती लगाकर बच्चों को आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि अब उनकी मेहनत रंग लाई है और बड़ी संख्या में बच्चे विद्यालय पहुंच रहे हैं. यह देखकर उन्हें बेहद खुशी हो रही है.

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Last Updated : Sep 1, 2021, 10:42 PM IST
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