दरभंगा: कोरोना महामारी की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन ने कई मजदूरों को मुसीबत में डाल दिया है. ये मजदूर घरों से दूर फंसे हुए हैं और अब दाने-दाने को मोहताज हैं. जिले के बहेड़ी के जुड़िया चौक पर फंसे यूपी और एमपी के ऐसे ही 42 परिवारों की स्थिति बेहद खराब है. ये परिवार हर साल शादियों के सीजन के पहले यहां आते थे और चूड़ी बना कर बेचते थे. लेकिन इस बार इनके आने के तुरंत बाद लॉकडाउन की मार पड़ गई.
मदद के आगे आए जज
इस कारण इनका कारोबार तो ठप हो ही गया और अब इनके रहने और खाने का भी कोई ठिकाना नहीं है. ये सभी लोग खुले मैदान में बेमौसम हो रही बारिश और धूप झेल रहे हैं. इन परिवारों की मदद के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने पहल की है. प्राधिकार के वॉलिंटियर प्रेमनाथ सिंह की सूचना पर दरभंगा व्यवहार न्यायालय के सब जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव दीपक कुमार आगे आए हैं. उन्होंने इन परिवारों को राशन मुहैया करवाया और इनके रहने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
क्या कहते हैं प्रवासी मजदूर
एमपी के प्रवासी मजदूर नेपुल ने बताया कि वे लोग यहां चूड़ी बना कर बेचते हैं, लेकिन पिछले एक महीने से चल रहे लॉकडाउन की वजह से उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका है. उनकी चूड़ियां बिक नहीं रही हैं. इसके कारण वे दाने-दाने को मोहताज हो चुके हैं. पिछले एक महीने से वे इस खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं. कभी कोई मदद मिल जाती है तो उससे खाने-पीने का इंतजाम हो जाता है, लेकिन बारिश के कारण कई की तरह दिक्कत हो रही है.
मुसीबत में 42 परिवार
वहीं, सब जज दीपक कुमार ने कहा कि ये सभी 42 परिवार भारी मुसीबत में हैं. ये लोग बिहार से बाहर के हैं, इसलिए इनका राशन कार्ड भी नहीं है. ऐसे में इन्हें सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है. हाल में आई आंधी और बारिश में इनके आशियाने भी उजड़ गए हैं. इस परिस्थिति में उन्होंने प्राधिकार की ओर से इनके लिए राशन की व्यवस्था की है. साथ ही उन्होंने स्थानीय सीओ से कह कर इनके लिए प्लास्टिक शीट की व्यवस्था करवाई है ताकि ये लोग धूप और बारिश से बच सकें.