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राम मंदिर की तरह सीतामढ़ी में बने माता सीता का मंदिर : राम माधव - ईटीवी न्यूज

दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय ( Darbhanga Sanskrit University ) में आयोजित चौथे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने सीतामढ़ी में माता-सीता का भव्य मंदिर बनाने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि इसके लिए मिथिला के लोगों को आगे आना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर

राम माधव, राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा
राम माधव, राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा
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Published : Dec 14, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 5:15 PM IST

दरभंगाः चार दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल में ( Madhubani Literature Festival ) शामिल होने मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव दरभंगा पहुंचे. यहां कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में उन्होंने माता-सीता के व्यक्तित्व पर व्याख्यान दिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का जितना भव्य मंदिर बन रहा है, वैसा ही मंदिर सीतामढ़ी में माता-सीता ( Ram Madhav demand Mata Sita Temple in Sitamarhi ) का भी बनना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल में आकर्षण का केंद्र है माता सीता पर मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी

मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि जितना महत्व भगवान राम का है, उतना ही माता-सीता का भी है. उन्होंने कहा कि माता-सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी में भव्य मंदिर बनाने की पहल मिथिला के लोगों को करनी चाहिए.

देखें वीडियो

'राम मंदिर बनाने में भाजपा और आरएसएस के लोगों की ही कोशिश नहीं थी, बल्कि यह एक जन आंदोलन था. उसी के चलते अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है. सीतामढ़ी में माता सीता का जो भव्य मंदिर बनेगा वह न सिर्फ भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के हिंदू धर्मावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण होगा'- राम माधव, राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा

ये भी पढ़ें: भगवान बुद्ध और माता सीता भारत व श्रीलंका के लोगों के साझे आराध्य: श्रीलंका हाई कमिश्नर

अयोध्या के भव्य राम मंदिर की तरह मिथिला में माता सीता के मंदिर को बनाने की पहल भाजपा और आरएसएस नहीं करती है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर बनाने को लेकर जन संघर्ष करना पड़ा, जबकि मिथिला में ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां अगर आम लोग कोशिश और पहल करें तो सरकार भी इसमें सहयोग कर सकती है.



वहीं, चौथे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में माता-सीता 'वैदेही सीता बियॉन्ड द बॉडी' पर मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसने दर्शकों को काफी आकर्षित किया. यह अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी दरबार हॉल में लगाई गई थी. जहां भारत के अलग-अलग राज्यों के अलावा दुनिया के 6 देश- अमेरिका, कनाडा, मलेशिया, नेपाल और सिंगापुर के कलाकारों की बनाई डेढ़ सौ पेंटिंग्स सजाई गई है. इससे पहले 11 दिस्बर को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने चार दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन किया था. इस फेस्टिवल में 6 देशों के साहित्यकार और कलाकारों शिरकत करेंगे.

ये भी पढ़ेंः दरभंगा: रविवार से 4 दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान करेंगे उद्घाटन

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दरभंगाः चार दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल में ( Madhubani Literature Festival ) शामिल होने मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव दरभंगा पहुंचे. यहां कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में उन्होंने माता-सीता के व्यक्तित्व पर व्याख्यान दिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का जितना भव्य मंदिर बन रहा है, वैसा ही मंदिर सीतामढ़ी में माता-सीता ( Ram Madhav demand Mata Sita Temple in Sitamarhi ) का भी बनना चाहिए.

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मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि जितना महत्व भगवान राम का है, उतना ही माता-सीता का भी है. उन्होंने कहा कि माता-सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी में भव्य मंदिर बनाने की पहल मिथिला के लोगों को करनी चाहिए.

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'राम मंदिर बनाने में भाजपा और आरएसएस के लोगों की ही कोशिश नहीं थी, बल्कि यह एक जन आंदोलन था. उसी के चलते अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है. सीतामढ़ी में माता सीता का जो भव्य मंदिर बनेगा वह न सिर्फ भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के हिंदू धर्मावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण होगा'- राम माधव, राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा

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अयोध्या के भव्य राम मंदिर की तरह मिथिला में माता सीता के मंदिर को बनाने की पहल भाजपा और आरएसएस नहीं करती है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर बनाने को लेकर जन संघर्ष करना पड़ा, जबकि मिथिला में ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां अगर आम लोग कोशिश और पहल करें तो सरकार भी इसमें सहयोग कर सकती है.



वहीं, चौथे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में माता-सीता 'वैदेही सीता बियॉन्ड द बॉडी' पर मिथिला पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसने दर्शकों को काफी आकर्षित किया. यह अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी दरबार हॉल में लगाई गई थी. जहां भारत के अलग-अलग राज्यों के अलावा दुनिया के 6 देश- अमेरिका, कनाडा, मलेशिया, नेपाल और सिंगापुर के कलाकारों की बनाई डेढ़ सौ पेंटिंग्स सजाई गई है. इससे पहले 11 दिस्बर को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने चार दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन किया था. इस फेस्टिवल में 6 देशों के साहित्यकार और कलाकारों शिरकत करेंगे.

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Last Updated : Dec 14, 2021, 5:15 PM IST
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