दरभंगा: 126 साल पुरानी ऐतिहासिक महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह सामाजिक संस्थान विद्यालय एवं शोध पुस्तकालय की हालत खस्ता हो गई है. दरभंगा राज लाइब्रेरी के नाम से महशूर इस पुस्तकालय का भवन जर्जर हो चुका है. साथ ही पुस्तकालय में रखी दुर्लभ पांडुलिपियां नष्ट हो रही हैं.
1895 में हुई थी लाइब्रेरी की स्थापना
दरभंगा राज लाइब्रेरी की स्थापना महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह ने वर्ष 1895 में की थी. 1975 में राज परिवार ने इसे ललित नारायण मिथिला विवि को दान में दे दिया था. जिसके बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र ने 23 नवंबर 1975 को विश्वविद्यालय में पुस्तकालय का उद्घाटन किया था.
'डिजिटाइजेशन की गति है धीमी'
दरभंगा राज लाइब्रेरी में पुरातन पुस्तकें और पांडुलिपियों का डिजिटाइजेशन शुरू हो चुका है, लेकिन यह बहुत धीमी गति से चल रहा है. बताया जाता है कि बिहार में यह पुस्तकालय लाखों अनूठी पुस्तकों, पांडुलिपियों और जर्नल्स का इकलौता संग्रह है. जहां देश-विदेश के शोधार्थी शोध के लिए आते हैं. अगर समय से डिजिटाइजेशन हो जाए तो शोधार्थियों और छात्रों को इसका काफी लाभ मिलेगा.
![poor condition of historical darbhanga raj library](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-dar-01-raj-library-in-bad-condition-pkg-7203718_16122019171117_1612f_1576496477_1032.jpg)
'दुर्लभ पुस्तक श्रृंखला है यह लाइब्रेरी'
दरभंगा राज लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन प्रो. भवेश्वर सिंह बताते हैं कि महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह को देश-विदेश से किताबें खरीद कर उनका संग्रह करने का बड़ा शौक था. उन्होंने ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों से नीलामी में किताबें खरीदी थी. इस लाइब्रेरी में ब्रिटिश पार्लियामेंट में हुई भारत समेत सभी ब्रिटिश उपनिवेशों पर बहस की सीरीज की पुस्तकें मौजूद हैं. यह दुनिया की दुर्लभ पुस्तक श्रृंखला है. ऐसे में इसको बचाने की जरूरत है.
![poor condition of historical darbhanga raj library](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-dar-01-raj-library-in-bad-condition-pkg-7203718_16122019171117_1612f_1576496477_393.jpg)
भवन मरम्मती के दिए गए निर्देश
ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पिछले दो सालों में लाइब्रेरी की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. हालांकि इसमें अभी और काम किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भवन के मरम्मत के लिए विवि अभियंता को निर्देश दे दिया गया है. साथ ही इसके लिए राशि भी आवंटित कर दी गई है.