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अब दरभंगा में एंबुलेंस को लेकर पप्पू यादव ने उठाए सवाल, DPRO ने आरोपों को किया खारिज

दो दिन पहले जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने छपरा पहुंचकर सारण के सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी के फंड से खरीदे गए बेकार पड़ी एंबुलेंस पर सवाल खड़े किए थे. अभी ये प्रकरण खत्म भी नहीं हुआ कि रविवार को उन्होंने दरभंगा के मेडिकल ग्राउंड में बेकार पड़ी एंबुलेंस को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

दरभंगा
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Published : May 9, 2021, 5:19 PM IST

दरभंगा: बिहार में कोरोना महामारी के कहर के बीच इन दिनों जगह-जगह खराब पड़ी एंबुलेंस को लेकर राजनीतिक वाद-विवाद जारी है. अब पप्पू यादव ने दरभंगा के मेडिकल ग्राउंड में बेकार पड़ी एंबुलेंस को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.

ये भी पढ़ें- पप्पू यादव के खिलाफ FIR दर्ज, लॉकडाउन उल्लंघन और एंबुलेंस में तोड़फोड़ का आरोप

पप्पू यादव का डबल अटैक
इन एंबुलेंस की तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए इन्हें पूर्व सांसद कीर्ति आजाद के फंड से खरीदे गए बताया. उन्होंने ट्विटर पर इसको लेकर बिहार सरकार और दरभंगा के वर्तमान सांसद गोपालजी ठाकुर को भी घेरा. हालांकि इस ट्वीट के बाद दरभंगा के सिविल सर्जन ने जवाब देते हुए इन्हें पीएचसी का अनुपयोगी और रद्दी एंबुलेंस बता दिया है.

ट्वीट कर सरकार को घेरा
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि ''यह सब हाईटेक लाइफ सपोर्ट सिस्टम, एक्सरे, जेनरेटर युक्त एंबुलेंस है. दरभंगा के सांसद एमपी रहे कीर्ति झा आजाद जी के सांसद फंड से खरीदा गया था, हरेक पर लागत 32 लाख था. इसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है. बिना उपयोग के वर्षों से सड़ने छोड़ दिया गया है. डीएमसीएच दरभंगा के खेल मैदान बेता ओपी के पास!''

  • यहां जिम्मेदारी सरकार की है, जिला प्रशासन की है, तत्कालीन सांसद ने जनहित में इतना बढ़िया एम्बुलेंस खरीदकर सौंप दिया। संचालन प्रशासन को करना था तो उसने सड़ने छोड़ दिया। बाकी अभी के सांसद तो कमाल के हैं ही।

    — Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपने ही ट्वीट पर कमेंट देते हुए पप्पू यादव लिखा कि ''यहां जिम्मेवारी सरकार की है, जिला प्रशासन की है, तत्कालीन सांसद ने जनहित में इतना बढ़िया एंबुलेंस खरीद कर सौंप दिया. संचालन प्रशासन को करना था तो उसने सड़ने छोड़ दिया. बाकी अभी के सांसद तो कमाल के हैं ही.''

सिविल सर्जन ने एंबुलेंस को बताया रद्दी
पप्पू यादव की इस ट्वीट के बाद दरभंगा के सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने अपना जवाब देते हुए एंबुलेंस को पीएचसी के लिए अनुपयोगी और रद्दी एंबुलेंस बताया. जिसके बाद दरभंगा जिला जनसंपर्क कार्यालय ने प्रेस रिलीज जारी कर पप्पू यादव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी को 'लालटेन' लेकर खोज रही राघोपुर की जनता, लापता होने का लगाया पोस्टर

डीपीआरओ ने आरोपों को किया खारिज
डीपीआरओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ''कतिपय सोशल मीडिया के चैनलों द्वारा डीएमसीएच के पुराने रद्दीकरण किए हुए अनुपयोगी एंबुलेंस को दिखाकर यह बताया जा रहा है कि यह किसी जनप्रतिनिधि के निधि क्रय किया गया है तथा पड़ा हुआ है. इस संबंध में सिविल सर्जन, दरभंगा डॉक्टर संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि डीएमसीएच में पड़े हुए ये सभी पुराने अनुपयोगी एम्बुलेंस दरभंगा के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रद्दीकरण किए गए एंबुलेंस हैं, जो अब उपयोग योग्य नहीं है.''

दरभंगा: बिहार में कोरोना महामारी के कहर के बीच इन दिनों जगह-जगह खराब पड़ी एंबुलेंस को लेकर राजनीतिक वाद-विवाद जारी है. अब पप्पू यादव ने दरभंगा के मेडिकल ग्राउंड में बेकार पड़ी एंबुलेंस को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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पप्पू यादव का डबल अटैक
इन एंबुलेंस की तस्वीर को ट्विटर पर शेयर करते हुए इन्हें पूर्व सांसद कीर्ति आजाद के फंड से खरीदे गए बताया. उन्होंने ट्विटर पर इसको लेकर बिहार सरकार और दरभंगा के वर्तमान सांसद गोपालजी ठाकुर को भी घेरा. हालांकि इस ट्वीट के बाद दरभंगा के सिविल सर्जन ने जवाब देते हुए इन्हें पीएचसी का अनुपयोगी और रद्दी एंबुलेंस बता दिया है.

ट्वीट कर सरकार को घेरा
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि ''यह सब हाईटेक लाइफ सपोर्ट सिस्टम, एक्सरे, जेनरेटर युक्त एंबुलेंस है. दरभंगा के सांसद एमपी रहे कीर्ति झा आजाद जी के सांसद फंड से खरीदा गया था, हरेक पर लागत 32 लाख था. इसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है. बिना उपयोग के वर्षों से सड़ने छोड़ दिया गया है. डीएमसीएच दरभंगा के खेल मैदान बेता ओपी के पास!''

  • यहां जिम्मेदारी सरकार की है, जिला प्रशासन की है, तत्कालीन सांसद ने जनहित में इतना बढ़िया एम्बुलेंस खरीदकर सौंप दिया। संचालन प्रशासन को करना था तो उसने सड़ने छोड़ दिया। बाकी अभी के सांसद तो कमाल के हैं ही।

    — Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 9, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अपने ही ट्वीट पर कमेंट देते हुए पप्पू यादव लिखा कि ''यहां जिम्मेवारी सरकार की है, जिला प्रशासन की है, तत्कालीन सांसद ने जनहित में इतना बढ़िया एंबुलेंस खरीद कर सौंप दिया. संचालन प्रशासन को करना था तो उसने सड़ने छोड़ दिया. बाकी अभी के सांसद तो कमाल के हैं ही.''

सिविल सर्जन ने एंबुलेंस को बताया रद्दी
पप्पू यादव की इस ट्वीट के बाद दरभंगा के सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने अपना जवाब देते हुए एंबुलेंस को पीएचसी के लिए अनुपयोगी और रद्दी एंबुलेंस बताया. जिसके बाद दरभंगा जिला जनसंपर्क कार्यालय ने प्रेस रिलीज जारी कर पप्पू यादव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.

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डीपीआरओ ने आरोपों को किया खारिज
डीपीआरओ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ''कतिपय सोशल मीडिया के चैनलों द्वारा डीएमसीएच के पुराने रद्दीकरण किए हुए अनुपयोगी एंबुलेंस को दिखाकर यह बताया जा रहा है कि यह किसी जनप्रतिनिधि के निधि क्रय किया गया है तथा पड़ा हुआ है. इस संबंध में सिविल सर्जन, दरभंगा डॉक्टर संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि डीएमसीएच में पड़े हुए ये सभी पुराने अनुपयोगी एम्बुलेंस दरभंगा के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रद्दीकरण किए गए एंबुलेंस हैं, जो अब उपयोग योग्य नहीं है.''

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