पटना/दरभंगा: भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (Popular Front of India) के खिलाफ अभियान तेज हो गया है. इसी कड़ी में यूपी एटीएस ने नूरुद्दीन जंगी (Nooruddin Jangi) को हिरासत में लेकर पटना पुलिस को सौंप दिया है. पुलिस उसे अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ में जुट गई है. इस बीच उससे जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है. बताया जाता है कि 'मिशन इस्लामिक स्टेट' कैंपेन का यह शातिर सियासी ख्वाहिश भी रखता है. उनकी इसी हरसत को पूरा करने के लिए वह 2020 में दरभंगा से विधानसभा का चुनाव (Nooruddin Jangi contested assembly elections from Darbhanga) भी लड़ चुका है. हालांकि उस चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा:
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नूरुद्दीन जंगी की सियासी ख्वाहिश: दरअसल, साल 2015 में नुरुद्दीन PFI के दरभंगा जिलाध्यक्ष सनाउल्लाह के कनेक्शन में आया और फिर पीएफआई (PFI) और एसडीपीआई (SDPI) से जुड़ गया. एडवोकेट नुरुद्दीन जंगी की राजनीतिक ख्वाहिश भी थी. इसलिए एसडीपीआई के टिकट पर 2020 में वह दरभंगा से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है. जिसमें उसे महज 523 वोट मिले थे. दरभंगा के ही सीएन लॉ कॉलेज से उसने साल 2017 में एलएलबी (LLB) की डिग्री ली है. वह सिमी (SIMI) के पूर्व सदस्यों को छुड़वाने के लिए ये बिहार से लेकर दिल्ली तक की अदालतों में कानूनी कार्रवाई के लिए वकालत कर चुका है.
काफी समय से पीएफआई से संबंध: दरभंगा के डीएसपी कृष्णानंद ने बताया कि नूरुद्दीन बिहार के दरभंगा के उर्दू बाजार के शेर मोहम्मद गली का रहने वाला है. वो काफी समय से पीएफआई से जुड़ा हुआ है. 11 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ में दो संदिग्ध आतंकवादियों के पकड़े जाने और पटना पुलिस के द्वारा इस मामले में 26 लोगों पर नामजद एफआईआर (FIR) दर्ज करने के बाद वह बिहार छोड़कर फरार हो गया था.
सिमी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ता था जंगी: केस में नामजदों की लिस्ट में 19वें नंबर पर नूरुद्दीन जंगी का नाम भी शामिल है. इसलिए गिरफ्तारी के डर से वो अपना ठिकाना बदल कर बिहार से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भाग गया. यहां के चारबाग इलाके के पास एक मुसाफिरखाना में वो ठहरा हुआ था. उसके उपर प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी के पूर्व सदस्यों को जेल से छुड़वाने के लिए कानूनी मदद देने का आरोप है, जो बाद में पीएफआई से भी जुड़े.
अब तक 8 गिरफ्तार: अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था. वहीं अब इलियास ताहिर उर्फ मगरूब को अरेस्ट किया गया है. इधर नालंदा जिले के सोहराय से शमीम अख्तर को धर दबोचा गया है. वहीं शब्बिर मलिक को भी पकड़ा गया है. आईबी की जांच में पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 संदिग्धों के नाम सामने आए जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. गिरफ्तारी के बाद प्राथमिकी में नालंदा, सारण, पटना, चंपारण और दरभंगा के भी कई संदिग्धों के नाम शामिल हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार फुलवारी शरीफ इलाके से पकड़े गए पीएफआई (Popular Front of India) के दो सदस्य मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज को बेऊर जेल में अलग-अलग सेल में रखा गया है. इनकी गिरफ्तारी के बाद बेऊर जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं अब यूपी के लखनऊ से नूरुद्दीन जंगी की गिरफ्तारी हुई है.
पाकिस्तान से भी जुड़े तार : एसएसपी के मुताबिक ताहिर तहरिक ए लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ा है. पाकिस्तान का फैजान नाम से कोई व्यक्ति इनके साथ नियमित संपर्क में है. उन्होंने बताया कि ताहिर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से गजवा-ए-हिन्द से जुड़ा है और इसका ग्रुप एडमिन भी है. फैजान भी इस ग्रुप का एडमिन है. कई सारे पाकिस्तानी नम्बर इसके साथ जुड़े हुए हैं. इसका ग्रुप आइकन एवं मैसेज देश विरोधी सम्प्रदाय विरोधी, भड़काऊ, आपत्तिजनक तथा गैरकानूनी एवं असंवैधानिक है. इसमें भारत, पाकिस्तान और यमन के लोगों के मोबाइल नंबर नम्बर जुड़े हैं. जांच के बाद साफ हुआ कि इसके यूट्यूब पर भी फेसबुक प्रोफाइल से उन्मादी और भड़काऊ भाषण और तस्वीर अपलोड किया जाता रहा है.
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