दरभंगा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को चंदन पट्टी स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी और शिक्षा के विकास में मौलाना अबुल कलाम आजाद की महत्वपूर्ण भूमिका है. जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
नीतीश कुमार ने कहा कि अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन को वर्ष 2007 से ही हमलोगों ने शिक्षा दिवस के रूप में मनाना शुरू किया. जिसके अगले वर्ष 2008 से केंद्रीय स्तर पर उनके जन्मदिवस को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
शिक्षा विभाग ने तैयार की पुस्तक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद देश के विभाजन के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को विभाजन के वक्त यहां रहने के लिए प्रेरित किया था. इसलिए बापू की तरह ही इस मुल्क में मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब को भी याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित पुस्तक तैयार की गई है. जिसका पठन-पाठन विद्यालयों में कराया जाएगा.
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जल जीवन हरियाली अभियान पर चर्चा
नीतीश कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण उभरे पर्यावरण संकट को देखते हुए महीने के पहले मंगलवार को सभी विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में जल जीवन हरियाली अभियान पर चर्चा होगी. ताकि अधिक से अधिक लोगों में जागृति आ सके.