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दरभंगा : ट्रेन भर-भरकर धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर, जगह नहीं पर बैठते हैं शौचालय में

इन दिनों सीट के लिये उनके बीच हाथापाई और मारपीट तक की नौबत आ जाती है. धनरोपनी  मजदूर अमृतसर जाने वाली जननायक एक्सप्रेस और लुधियाना जाने वाली साप्ताहिक अंत्योदय एक्सप्रेस से यात्रा करते हैं. ट्रेन में जगह नहीं होने के कारण मजदूरों को ट्रेनों के डब्बों की फर्श से लेकर शौचालय तक में बैठ कर सफर करना पड़ता है.

धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर
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Published : Jun 11, 2019, 9:39 AM IST

दरभंगा: मिथिलांचल से पंजाब और हरियाणा में धनरोपनी के लिये बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. इसकी वजह से रेलवे की आय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ट्रेन में जगह नहीं होने के कारण मजदूरों को ट्रेनों के डब्बों की फर्श से लेकर शौचालय तक में बैठ कर सफर करना पड़ता है.

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धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर

इन दिनों सीट के लिये उनके बीच हाथापाई और मारपीट तक की नौबत आ जाती है. बता दें कि धनरोपनी के लिए मजदूर अमृतसर जाने वाली जननायक एक्सप्रेस और लुधियाना जाने वाली साप्ताहिक अंत्योदय एक्सप्रेस से यात्रा करते हैं. यहां हर दिन सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सुपौल समेत कई जिलों से मजदूर दरभंगा स्टेशन पहुंचते हैं और 8-10 घंटे पहले ही सफाई के लिये वाशिंग पिट में लगी ट्रेन में ही बैठ जाते हैं. इसकी वजह से सफाई और मेंटेनेंस की समस्या भी होती है.

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धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर

रेलवे मेंटेनेंस बाधित
रेलवे के मेंटेनेंस कर्मी रामनारायण ने बताया कि मजदूर सुबह से ही आकर ट्रेनों पर कब्जा कर लेते हैं. इसकी वजह से सफाई और मेंटेनेंस नहीं हो पाती है. कई बार मजदूर शौचालय में भी बैठ जाते हैं. वहीं, मजदूर अर्जुन कुमार यादव ने बताया कि वे पंजाब मजदूरी करने जा रहे हैं. सफाई के बाद जब दरभंगा स्टेशन पर ट्रेन पहुंचती है तो वहां सीट नहीं मिल पाती. मजदूर ने बताया कि जननायक एक्सप्रेस हर दिन शाम 5 बजे दरभंगा से खुलती है. लेकिन वे सुबह 7 बजे से ही आकर वाशिंग पिट में लगी ट्रेन में बैठ जाते हैं. इसके बावजूद यहां भी भीड़ इतनी होती है की मारपीट की नौबत आ जाती है.

धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर

क्या कहते हैं स्टेशन प्रबंधक
इस मामले में दरभंगा के स्टेशन प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हर साल पंजाब में धनरोपनी के सीजन में यहां से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन करते हैं. इस साल भी अमृतसर और लुधियाना जाने वाली जननायक और अंत्योदय एक्सप्रेस में मजदूरों की बड़ी भीड़ है. इससे रेलवे की आय में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है. वाशिंग पिट में ही ट्रेनों के भर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह खतरनाक है. इससे सफाई और मेंटेनेंस भी प्रभावित होता है. वे हर बार आरपीएफ की सहायता से यात्रियों को वाशिंग पिट से हटाने का प्रयास करते हैं, लेकिन मजदूर नहीं मानते हैं. हालांकि, उन्होंने जल्द कार्रवाई करने की बात कही.

दरभंगा: मिथिलांचल से पंजाब और हरियाणा में धनरोपनी के लिये बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. इसकी वजह से रेलवे की आय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ट्रेन में जगह नहीं होने के कारण मजदूरों को ट्रेनों के डब्बों की फर्श से लेकर शौचालय तक में बैठ कर सफर करना पड़ता है.

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धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर

इन दिनों सीट के लिये उनके बीच हाथापाई और मारपीट तक की नौबत आ जाती है. बता दें कि धनरोपनी के लिए मजदूर अमृतसर जाने वाली जननायक एक्सप्रेस और लुधियाना जाने वाली साप्ताहिक अंत्योदय एक्सप्रेस से यात्रा करते हैं. यहां हर दिन सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सुपौल समेत कई जिलों से मजदूर दरभंगा स्टेशन पहुंचते हैं और 8-10 घंटे पहले ही सफाई के लिये वाशिंग पिट में लगी ट्रेन में ही बैठ जाते हैं. इसकी वजह से सफाई और मेंटेनेंस की समस्या भी होती है.

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धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर

रेलवे मेंटेनेंस बाधित
रेलवे के मेंटेनेंस कर्मी रामनारायण ने बताया कि मजदूर सुबह से ही आकर ट्रेनों पर कब्जा कर लेते हैं. इसकी वजह से सफाई और मेंटेनेंस नहीं हो पाती है. कई बार मजदूर शौचालय में भी बैठ जाते हैं. वहीं, मजदूर अर्जुन कुमार यादव ने बताया कि वे पंजाब मजदूरी करने जा रहे हैं. सफाई के बाद जब दरभंगा स्टेशन पर ट्रेन पहुंचती है तो वहां सीट नहीं मिल पाती. मजदूर ने बताया कि जननायक एक्सप्रेस हर दिन शाम 5 बजे दरभंगा से खुलती है. लेकिन वे सुबह 7 बजे से ही आकर वाशिंग पिट में लगी ट्रेन में बैठ जाते हैं. इसके बावजूद यहां भी भीड़ इतनी होती है की मारपीट की नौबत आ जाती है.

धनरोपनी के लिये पंजाब जा रहे मजदूर

क्या कहते हैं स्टेशन प्रबंधक
इस मामले में दरभंगा के स्टेशन प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हर साल पंजाब में धनरोपनी के सीजन में यहां से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन करते हैं. इस साल भी अमृतसर और लुधियाना जाने वाली जननायक और अंत्योदय एक्सप्रेस में मजदूरों की बड़ी भीड़ है. इससे रेलवे की आय में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है. वाशिंग पिट में ही ट्रेनों के भर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह खतरनाक है. इससे सफाई और मेंटेनेंस भी प्रभावित होता है. वे हर बार आरपीएफ की सहायता से यात्रियों को वाशिंग पिट से हटाने का प्रयास करते हैं, लेकिन मजदूर नहीं मानते हैं. हालांकि, उन्होंने जल्द कार्रवाई करने की बात कही.

Intro:दरभंगा। मिथिलांचल से पंजाब-हरियाणा में धनरोपनी के लिये बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है। इसकी वजह से रेलवे की आय में फिलहाल 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मज़दूर ट्रेनों के डब्बों की फर्श से लेकर शौचालय तक में बैठ कर सफर कर रहे हैं। सीट के लिये उनके बीच हाथापाई और मारपीट तक की नौबत आती है। हर दिन अमृतसर जाने वाली जननायक एक्सप्रेस और लुधियाना जाने वाली साप्ताहिक अंत्योदय एक्सप्रेस से यात्रा करने के लिये सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सुपौल समेत कई जिलों से मज़दूर दरभंगा स्टेशन पहुंचते हैं और 8-10 घंटे पहले ही सफाई के लिये वाशिंग पिट में लगी ट्रेन में ही बैठ जाते हैं। इसकी वजह से सफाई और मेंटेनेंस की समस्या होती है।


Body:रेलवे के मेंटेनेंस कर्मी रामनारायण ने बताया कि मज़दूर सुबह से ही आकर ट्रेनों पर कब्ज़ा कर लेते हैं। इसकी वजह सफ़ाई और मेंटेनेंस नहीं हो पाता है। मज़दूर शौचालय में भी बैठ जाते हैं। वहीं, मज़दूर अर्जुन कुमार यादव ने बताया कि वे पंजाब मज़दूरी करने जा रहे हैं। सफाई के बाद जब दरभंगा स्टेशन पर ट्रेन पहुंचती है तो वहां सीट नहीं मिल पाती। जननायक एक्सप्रेस हर दिन शाम 5 बजे दरभंगा से खुलती है लेकिन वे सुबह 7 बजे से ही आकर वाशिंग पिट में लगी ट्रेन में बैठे हैं। यहां भी भीड़ इतनी है कि मारपीट की नौबत है।


Conclusion:इस मामले में बात करने पर दरभंगा स्टेशन प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हर साल पंजाब में धनरोपनी के सीजन में यहां से बड़ी संख्या में मज़दूर पलायन करते हैं। इस साल भी अमृतसर और लुधियाना जाने वाली जननायक और अंत्योदय एक्सप्रेस में मजदूरों की बड़ी भीड़ है। इससे रेलवे की आय में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। वाशिंग पिट में ही ट्रेनों के भर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह खतरनाक है। इससे सफाई और मेंटेनेंस प्रभावित होता है। वे आरपीएफ की सहायता से यात्रियों को वाशिंग पिट से हटाने का प्रयास करते हैं, लेकिन मज़दूर नहीं मानते हैं।


बाइट 1- रामनारायण , रेलकर्मी
बाइट 2- अर्जुन कुमार यादव, मज़दूर
बाइट 3- अशोक कुमार सिंह, स्टेशन प्रबंधक, दरभंगा


ptc के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा

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