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किसान काउंसिल ने किसानों के सवालों पर समाहरणालय पर किया प्रदर्शन

अखिल भारतीय किसान मोर्चा के आह्वान पर विश्वासघात दिवस (Vishwasghat Diwas) को लेकर दरभंगा में भी केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने कहा कि सरकार की नियत ठीक नहीं है, उनसे किए गए वादे को अब तक केंद्र सरकार ने पूरा नहीं किया है.

किसानों का दरभंगा में प्रदर्शन
किसानों का दरभंगा में प्रदर्शन
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Published : Jan 31, 2022, 5:25 PM IST

दरभंगाः अखिल भारतीय किसान मोर्चा (All India Kisan Morcha) के आह्वान पर विश्वासघात दिवस को लेकर दरभंगा के किसानों ने भी जिला समाहरणालय पर प्रदर्शन (farmers protest in Darbhanga) किया. प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन में हुए समझौते लागू करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे. किसानों का कहना है कि सरकार की नियत ठीक नहीं है, उनसे किए गए वादे को अब तक केंद्र सरकार ने पूरा नहीं किया है.

ये भी पढ़ेंः बड़ी खबर: पटना में महिला से दिनदहाड़े 17 लाख की लूट, पैसा जमा करने जा रही थी बैंक

देखें वीडियो

बिहार राज्य किसान काउंसिल के अध्यक्ष ललन चौधरी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज पूरे देश में विश्वासघात दिवस मनाया जा रहा है. कारपोरेट प्रेमी नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसान आंदोलन में हुए समझौते को लागू नहीं कर देश के किसानों के साथ गद्दारी कर रहे हैं. सरकार का किसान विरोधी रुख अभी भी जारी है. आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए फर्जी मुकदमें को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवार को मुआवजा देने के वादे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

जिला किसान काउंसिल के जिला सचिव श्याम भारती ने कहा कि पूरे राज्य में यूरिया खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. रवि बुवाई के समय डीएपी खाद की किल्लत हुई और अब सिंचाई के वक्त किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिले में जितने खाद की आवश्यकता है, उस अनुकूल खाद जिले को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर खाद की धड़ल्ले से कालाबाजारी हो रही है और जिला प्रशासन एंव कृषि पदाधिकारी कालाबाजारी करने वाले पर कार्रवाई नहीं करते.

ये भी पढ़ेंः जेडीयू सांसद की मांग- 'आम बजट में हो बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे का ऐलान'

श्याम भारती ने ये भी कहा कि एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी गठन करने की कोई घोषणा अभी तक नहीं की. केंद्र सरकार अजय मिश्रा टोनी को अभी तक अपने मंत्रिमंडल में बनाए रखा है. सरकार ने किसानों से आमदनी दोगुनी करने, कर्जे माफ करने और फसल की लागत के हिसाब से डेढ़ गुना कीमत देने के अपने वादे से मुकर रही है. सरकार के गलत नीतियों के चलते किसान खेती बर्बाद हो रही है.

बता दें कि किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीते रविवार को दावा किया था कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन सभी वादे अब तक अधूरे हैं. इससे नाराज किसान 31 जनवरी सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाएंगे. उनके इस आह्वान पर बिहार में भी किसान मोर्चा से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया. किसानों की मांग है कि सरकार किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस ले, शहीद परिवार को मुआवजा दे, एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाए, फसल क्षति अनुदान भुगतान में हुए अनियमितता की जांच करे.

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दरभंगाः अखिल भारतीय किसान मोर्चा (All India Kisan Morcha) के आह्वान पर विश्वासघात दिवस को लेकर दरभंगा के किसानों ने भी जिला समाहरणालय पर प्रदर्शन (farmers protest in Darbhanga) किया. प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन में हुए समझौते लागू करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे. किसानों का कहना है कि सरकार की नियत ठीक नहीं है, उनसे किए गए वादे को अब तक केंद्र सरकार ने पूरा नहीं किया है.

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बिहार राज्य किसान काउंसिल के अध्यक्ष ललन चौधरी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज पूरे देश में विश्वासघात दिवस मनाया जा रहा है. कारपोरेट प्रेमी नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसान आंदोलन में हुए समझौते को लागू नहीं कर देश के किसानों के साथ गद्दारी कर रहे हैं. सरकार का किसान विरोधी रुख अभी भी जारी है. आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए फर्जी मुकदमें को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवार को मुआवजा देने के वादे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

जिला किसान काउंसिल के जिला सचिव श्याम भारती ने कहा कि पूरे राज्य में यूरिया खाद के लिए हाहाकार मचा हुआ है. रवि बुवाई के समय डीएपी खाद की किल्लत हुई और अब सिंचाई के वक्त किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिले में जितने खाद की आवश्यकता है, उस अनुकूल खाद जिले को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर खाद की धड़ल्ले से कालाबाजारी हो रही है और जिला प्रशासन एंव कृषि पदाधिकारी कालाबाजारी करने वाले पर कार्रवाई नहीं करते.

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श्याम भारती ने ये भी कहा कि एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी गठन करने की कोई घोषणा अभी तक नहीं की. केंद्र सरकार अजय मिश्रा टोनी को अभी तक अपने मंत्रिमंडल में बनाए रखा है. सरकार ने किसानों से आमदनी दोगुनी करने, कर्जे माफ करने और फसल की लागत के हिसाब से डेढ़ गुना कीमत देने के अपने वादे से मुकर रही है. सरकार के गलत नीतियों के चलते किसान खेती बर्बाद हो रही है.

बता दें कि किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीते रविवार को दावा किया था कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन सभी वादे अब तक अधूरे हैं. इससे नाराज किसान 31 जनवरी सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाएंगे. उनके इस आह्वान पर बिहार में भी किसान मोर्चा से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया. किसानों की मांग है कि सरकार किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस ले, शहीद परिवार को मुआवजा दे, एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाए, फसल क्षति अनुदान भुगतान में हुए अनियमितता की जांच करे.

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