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दरभंगा: RECP समझौते के खिलाफ किसानों ने पीएम मोदी का फूंका पुतला

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Published : Nov 4, 2019, 5:28 PM IST

किसान महासभा के जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि आरईसीपी समझौते के बाद देश के 80 फीसदी किसान भूखमरी के शिकार हो जाएंगे. समझौते के बाद कृषि उत्पादन के सभी उद्योग चौपट हो जाएंगे. मोदी सरकार की नीति फिर से हिंदुस्तान को गुलाम बनाने की एक साजिश है.

आरईसीपी समझौते का किसानो ने किया विरोध

दरभंगा: अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर क्षेत्रीय सर्वांगीण आर्थिक समझौता आरईसीपी के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में जिले के किसानों ने भी सोमवार को विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला. बता दें कि दरभंगा समाहरणालय स्थित धरना स्थल से विरोध मार्च लहेरियासराय टावर चौक तक निकाला गया. जहां लहेरियासराय टावर चौक पर किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.

दरभंगा
अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन

'कृषि उत्पादन के सभी उद्योग हो जाएंगे चौपट'
वहीं, किसान महासभा के जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि दरभंगा के तमाम किसान संगठन प्रधानमंत्री की ओर से किए जा रहे किसान विरोधी समझौते के खिलाफ विरोध प्रकट कर रहे हैं. मौके पर उन्होंने बताया कि आज कृषि उत्पादन समान और कृषि जमीनों पर 34 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. वहीं, समझौते के बाद टैक्स समाप्त होने से विदेशी पूंजीपतियों का भारतीय जमीनों को कौड़ियों के भाव खरीदने का रास्ता साफ हो जाएगा.

किसानों ने प्रधानमंत्री का किया पुतला दहन

'समझौता रद्द नहीं होने पर होगा जन आंदोलन'
उन्होंने कहा कि आरईसीपी समझौते के बाद देश के 80 फीसदी किसान भूखमरी के शिकार हो जाएंगे. समझौते के बाद कृषि उत्पादन के सभी उद्योग चौपट हो जाएंगे. मोदी सरकार की नीति फिर से हिंदुस्तान को गुलाम बनाने की एक साजिश है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आरईसीपी के विरोध में आज हमलोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर रहे हैं. अगर आरईसीपी समझौता रद्द नहीं होता है तो आगे जन आंदोलन भी किया जाएगा. जिसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार होगी.

दरभंगा: अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर क्षेत्रीय सर्वांगीण आर्थिक समझौता आरईसीपी के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसी क्रम में जिले के किसानों ने भी सोमवार को विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला. बता दें कि दरभंगा समाहरणालय स्थित धरना स्थल से विरोध मार्च लहेरियासराय टावर चौक तक निकाला गया. जहां लहेरियासराय टावर चौक पर किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.

दरभंगा
अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन

'कृषि उत्पादन के सभी उद्योग हो जाएंगे चौपट'
वहीं, किसान महासभा के जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि दरभंगा के तमाम किसान संगठन प्रधानमंत्री की ओर से किए जा रहे किसान विरोधी समझौते के खिलाफ विरोध प्रकट कर रहे हैं. मौके पर उन्होंने बताया कि आज कृषि उत्पादन समान और कृषि जमीनों पर 34 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. वहीं, समझौते के बाद टैक्स समाप्त होने से विदेशी पूंजीपतियों का भारतीय जमीनों को कौड़ियों के भाव खरीदने का रास्ता साफ हो जाएगा.

किसानों ने प्रधानमंत्री का किया पुतला दहन

'समझौता रद्द नहीं होने पर होगा जन आंदोलन'
उन्होंने कहा कि आरईसीपी समझौते के बाद देश के 80 फीसदी किसान भूखमरी के शिकार हो जाएंगे. समझौते के बाद कृषि उत्पादन के सभी उद्योग चौपट हो जाएंगे. मोदी सरकार की नीति फिर से हिंदुस्तान को गुलाम बनाने की एक साजिश है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आरईसीपी के विरोध में आज हमलोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर रहे हैं. अगर आरईसीपी समझौता रद्द नहीं होता है तो आगे जन आंदोलन भी किया जाएगा. जिसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार होगी.

Intro:अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर क्षेत्रीय स्वागिण आर्थिक समझौता आरईसीपी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहद दरभंगा जिला के किसानों ने भी
विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला। प्रदर्शन दरभंगा समाहरणालय स्थित धरना स्थल से निकलकर, समाहरणालय होते हुए लहेरियासराय टावर चौक पहुंचा। जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया। इस दौरान आंदोलकारी आरईसीपी बिल समझौते वापस लो सहित अन्य नारों के साथ अपनी आवाज को बुलंद कर रहे थे।


Body:वही किसान महासभा के जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी ने कहा कि दरभंगा का तमाम किसान संगठन आज जो नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री जो आज किसान विरोधी समझौता करने जा रहे हैं। उसके विरोध में आज यहां हम लोग यहां पर विरोध प्रकट कर रहे हैं। आरईसीपी समझौते के बाद देश का किसान जो 80 फ़ीसदी किसान एक मवेशी पाल के अपना 40 रुपया से लेकर 50 रुपया लीटर दूध बेचकर किसी तरह अपना जीवन बसर करते हैं। इस आरईसीपी समझौते के बाद यहां के 10 करोड़ से ज्यादा ऐसे किसान हैं जो इस समझौते के बाद विदेशी दूध इंडिया में आने के बाद भूखमरी के शिकार होंगे।


Conclusion:साथ ही उन्होंने कहा कि इस आरईसीपी समझौते के बाद कृषि उत्पादन से जितने भी उद्योग हैं वह चौपट हो जाएगा। आज कृषि उत्पादन समान पर 34 फीसदी का प्रावधान है। इस समझौते के बाद यह टेक्स समाप्त हो जाएगा और हिंदुस्तान के किसान भुखमरी के कगार पर चले जाएंगे और विदेशी पूंजीपति आकर इंडिया में किसानों के जमीन को कौड़ी के भाव में खरीदेंगे और यह सरकार की नीति फिर से हिंदुस्तान को गुलाम बनाने की साजिश है। इसके विरोध में आज हमलोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फुके हैं। अगर आरईसीपी समझौता रद्द नहीं होता है तो आगे जन आंदोलन होगा, इसकी जवाबदेही सरकार की होगी।



Byte -------------------- राजीव चौधरी, जिलाध्यक्ष किसान महासभा दरभंगा
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