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मनरेगा में 600 रुपये दैनिक मजदूरी, साल में 200 दिन के काम की मांग

बिहार में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने और इस योजना में भ्रष्टाचार के खिलाफ मजदूर संगठन आंदोलन करेगा. इसको लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन की तैयारी की जा रही है.

दो दिवसीय सयुंक्त अधिवेशन
दो दिवसीय सयुंक्त अधिवेशन
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Published : Dec 24, 2021, 9:46 PM IST

दरभंगाः मनरेगा मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए मजदूर संगठन राज्यव्यापी आंदोलन करेगा. अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा (ममस) ने यह निर्णय लिया है. यह निर्णय पण्डासराय स्थित पार्टी कार्यालय में बिहार राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय संयुक्त अधिवेशन के दौरान दोनों संगठनों की ओर से लिया गया है. उनकी मांगों में मनरेगा में दैनिक मजदूरी 600 रुपये (Demand to Increase Wages in MNREGA) करने और साल में 200 दिन काम देना (Demand to Increase Working Days) शामिल है.

इन्हें भी पढ़ें- गिरिराज का दावा- मनरेगा में फंड की कोई कमी नहीं, लेकिन वित्तीय अनुशासन का पालन करें राज्य

सयुंक्त अधिवेशन के बाद खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने संवाददाता सम्मेलन कर आंदोलन के बारे में जानकारी दी. धीरेंद्र झा ने आरोप लगाया कि बिहार में भाजपा-जदयू की नीतीश सरकार मजदूर-किसानों और छात्र-नौजवानों के सवालों से भाग रही है. बिहार के किसानों की बदहाली के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुई है. खाद उपलब्धता और धान खरीद की गारंटी नहीं कर रही है.

मनरेगा में 600 रुपये दैनिक मजदूरी का मांग

बिहार सबसे गरीब राज्यों की सूची में इसलिये आया है, क्योंकि यहां मनरेगा को लूट के हवाले कर दिया गया है. खेतिहर आबादी और मजदूरों के लिये कल्याणकारी योजनाओं में लूट मची है. मनरेगा मजदूरी सबसे कम है और मजदूरों की जगह फर्जी नाम पर लूट मची है. इस दौरान भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए मनरेगा मजदूरों को कार्यस्थल पर ही भुगतान करने की मांग की गई.

इन्हें भी पढ़ें- मिलिए सुपौल की शिक्षिका स्मिता ठाकुर से... पढ़ाई के अनोखे अंदाज ने कर दिया फेमस

वहीं, विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम ने कहा कि दलित गरीबों पर बढ़ते हमले के प्रति सरकार उदासीन बनी हुई है. रामसेवक राम की बर्बर हत्या हुई है लेकिन हत्यारों के खिलाफ केस नहीं लिया जा रहा है. और न ही पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जा रहा है. गरीबों को उजाड़ने के लिए सरकारी अभियान के खिलाफ प्रतिरोध खड़ा किया जाएगा. आगामी विधानसभा सत्र में घर, घरारी और जमीन के लिये बड़ा आंदोलन किया जायेगा. इस अवसर पर नेता विधायक दल महबूब आलम, खेग्रामस वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, गोपाल रविदास सहित कई नेता उपस्थित थे.

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दरभंगाः मनरेगा मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए मजदूर संगठन राज्यव्यापी आंदोलन करेगा. अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा (ममस) ने यह निर्णय लिया है. यह निर्णय पण्डासराय स्थित पार्टी कार्यालय में बिहार राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय संयुक्त अधिवेशन के दौरान दोनों संगठनों की ओर से लिया गया है. उनकी मांगों में मनरेगा में दैनिक मजदूरी 600 रुपये (Demand to Increase Wages in MNREGA) करने और साल में 200 दिन काम देना (Demand to Increase Working Days) शामिल है.

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सयुंक्त अधिवेशन के बाद खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने संवाददाता सम्मेलन कर आंदोलन के बारे में जानकारी दी. धीरेंद्र झा ने आरोप लगाया कि बिहार में भाजपा-जदयू की नीतीश सरकार मजदूर-किसानों और छात्र-नौजवानों के सवालों से भाग रही है. बिहार के किसानों की बदहाली के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुई है. खाद उपलब्धता और धान खरीद की गारंटी नहीं कर रही है.

मनरेगा में 600 रुपये दैनिक मजदूरी का मांग

बिहार सबसे गरीब राज्यों की सूची में इसलिये आया है, क्योंकि यहां मनरेगा को लूट के हवाले कर दिया गया है. खेतिहर आबादी और मजदूरों के लिये कल्याणकारी योजनाओं में लूट मची है. मनरेगा मजदूरी सबसे कम है और मजदूरों की जगह फर्जी नाम पर लूट मची है. इस दौरान भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए मनरेगा मजदूरों को कार्यस्थल पर ही भुगतान करने की मांग की गई.

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वहीं, विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम ने कहा कि दलित गरीबों पर बढ़ते हमले के प्रति सरकार उदासीन बनी हुई है. रामसेवक राम की बर्बर हत्या हुई है लेकिन हत्यारों के खिलाफ केस नहीं लिया जा रहा है. और न ही पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जा रहा है. गरीबों को उजाड़ने के लिए सरकारी अभियान के खिलाफ प्रतिरोध खड़ा किया जाएगा. आगामी विधानसभा सत्र में घर, घरारी और जमीन के लिये बड़ा आंदोलन किया जायेगा. इस अवसर पर नेता विधायक दल महबूब आलम, खेग्रामस वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, गोपाल रविदास सहित कई नेता उपस्थित थे.

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