दरभंगा: महागठबंधन में दरभंगा सीट को लेकर मामला सुलझता नहीं दिख रहा है. राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी इस सीट से मैदान में हैं. लेकिन इस सीट को लेकर कीर्ति आज़ाद और मो अली अशरफ फातमी महागठबंधन से नाराज हैं. अब्दुल बारी सिद्दीकी को इस सीट पर भितरघात का सामना करना पड़ सकता है.
कीर्ति आज़ाद दरभंगा सीट के लिए ही एनडीए का साथ छोड़ दिया था. इसके बाद भी महागठबंधन ने उन्हे वहां से प्रत्याशी नहीं बनाया. इससे नाराज कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष जमाल हसन ने सिद्दीकी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. वहीं, अली अशरफ फातमी ने अपने टिकट काटे जाने का जिम्मेवार सिद्दीकी को ही मानते हैं. फातमी के समर्थक भी सिद्दीकी के नुकसान पहुंचा सकते हैं.
कमज़ोर प्रत्याशी समझने की भूल ना करें -सिद्दीकी
हालांकि अब्दुल बारी सिद्दीकी सीधी लड़ाई में एनडीए के गोपालजी ठाकुर से है. अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि लोग उन्हें कमज़ोर प्रत्याशी समझने की भूल कर रहे हैं. अर्जुन की तरह उनकी नजर चिड़िया की आंख के पुतली पर है. वे संविधान तोड़क तत्वों को हराएंगे. अपार बहुमत से चुनाव जीतेंगे. सिद्दीकी फातमी का टिकट कटवाने के बात को इंकार कर रहे हैं.
सिद्दीकी के लिए हैं कई मुश्किलें
अब्दुल बारी सिद्दीकी की लड़ाई एनडीए के गोपालजी ठाकुर से है. इसके साथ ही महागठबंधन में बागी नेताओं के वजह से यह लड़ाई मुश्किल हो गयी है. सिद्दीकी को भितरघात खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. हालांकि यह 23 मई को ही तय हो सकेगा.