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संस्कृत विवि की पहल, कॉलेज के शिक्षक गांवों में जाकर लोगों को देंगे संस्कृत की शिक्षा - संस्कृत का प्रचार-प्रसार

विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि संस्कृत कॉलेजों के शिक्षक अपने आसपास के गांवों में जाकर इससे संबंधित कार्यक्रम आयोजित करेंगे. शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत के प्रति रुचि जगाएंगे और उन्हें विधिवत संस्कृत की शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे.

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Published : Feb 5, 2020, 4:47 AM IST

दरभंगाः कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि पूरे बिहार में स्थित अपने कॉलेजों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत का प्रचार-प्रसार करेगा. कॉलेज के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को संस्कृत की विधिवत शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे. इसका उद्देश्य संस्कृत भाषा के पुराने गौरव को वापस लाना है.

'संस्कृत पढ़ने के लिए लोगों को करेंगे प्रेरित'
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि संस्कृत कॉलेजों के शिक्षक अपने आसपास के गांवों में जाकर इससे संबंधित कार्यक्रम आयोजित करेंगे. शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत के प्रति रुचि जगाएंगे और उन्हें विधिवत संस्कृत की शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे. सर्व नारायण झा ने कहा कि जल्द ही इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा.

कॉलेज के शिक्षक गांवों में जाकर लोगों को देंगे संस्कृत की शिक्षा

1961 में हुई थी स्थापना
बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 में हुई थी. दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने अपने महल लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस को दान में देकर इसकी स्थापना की थी. विवि की गिनती भारत में प्राच्य विद्या के प्रतिष्ठित संस्थानों में होती है. यह संयुक्त बिहार का एकमात्र संस्कृत विवि रहा है.

दरभंगाः कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि पूरे बिहार में स्थित अपने कॉलेजों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत का प्रचार-प्रसार करेगा. कॉलेज के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को संस्कृत की विधिवत शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे. इसका उद्देश्य संस्कृत भाषा के पुराने गौरव को वापस लाना है.

'संस्कृत पढ़ने के लिए लोगों को करेंगे प्रेरित'
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि संस्कृत कॉलेजों के शिक्षक अपने आसपास के गांवों में जाकर इससे संबंधित कार्यक्रम आयोजित करेंगे. शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत के प्रति रुचि जगाएंगे और उन्हें विधिवत संस्कृत की शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे. सर्व नारायण झा ने कहा कि जल्द ही इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा.

कॉलेज के शिक्षक गांवों में जाकर लोगों को देंगे संस्कृत की शिक्षा

1961 में हुई थी स्थापना
बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 में हुई थी. दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने अपने महल लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस को दान में देकर इसकी स्थापना की थी. विवि की गिनती भारत में प्राच्य विद्या के प्रतिष्ठित संस्थानों में होती है. यह संयुक्त बिहार का एकमात्र संस्कृत विवि रहा है.

Intro:दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि बिहार भर में फैले अपने कॉलेजों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत का प्रचार-प्रसार करेगा। कॉलेजों के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को संस्कृत की विधिवत शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे। इसका उद्देश्य संस्कृत भाषा के पुराने गौरव को वापस लाना है।


Body:विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने कहा कि विवि और संस्कृत कॉलेजों के शिक्षक अपने आसपास के गांवों में जाकर इससे संबंधित कार्यक्रम आयोजित करेंगे। शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में संस्कृत के प्रति रुचि जगाएंगे और उन्हें विधिवत संस्कृत की शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करेंगे। जल्द ही इस योजना पर काम शुरू होगा।


Conclusion:बता दें कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि की स्थापना 26 जनवरी 1961 को दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने अपने महल लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस को दान में देकर की थी। इसकी गिनती भारत मे प्राच्य विद्या के प्रतिष्ठित संस्थानों में होती है। यह संयुक्त बिहार का एकमात्र संस्कृर विवि रहा है।

बाइट 1- प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति, केएसडीएसयू.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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