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हाल-ए-दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज: गले में टाई हाथ में जूता, टॉप करके आए हैं, क्लास तक जाना है - Bihar Education Department

आंखों में भविष्य के सुनहरे सपने लिए दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज (Darbhanga Polytechnic college) विद्यार्थी आते हैं. लेकिन उनको अपने सपनों को पूरा करने के लिए हाथों में किताब की जगह जूते लेकर जाना पड़ रहा है. दरअसल संस्थान के मुख्य भवन से लेकर छात्रावास तक जलजमाव का आलम है. इसके कारण छात्रों और शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है.

Government Polytechnic Darbhanga
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Published : Jul 24, 2021, 5:11 PM IST

दरभंगा: राजकीय पॉलिटेक्निक दरभंगा (Government Polytechnic Darbhanga) में जलजमाव (Water Logging) से छात्र-छात्राओं को स्टडी करने में परेशानी हो रही है. बारिश के कारण संस्थान के मुख्य भवन से लेकर छात्रावास और छात्रों के वर्कशॉप तक जलभराव है. पिछले कई माह से संस्थान के कैंपस में ऐसे ही जलजमाव है. बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher Educational Institution) को जब से खोलने का आदेश मिला है, तब से संस्थान में छात्रों की रौनक देखी जा रही है. लेकिन कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच जलजमाव की स्थिति के कारण छात्रों को जूता-मोजा खोलकर, पैंट घुटनों तक चढ़ाकर कक्षा तक जाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- Bihar Education: बिहार के स्कूल और कॉलेज गेस्ट टीचर्स के भरोसे, नियमित शिक्षकों का टोटा

चमचमाते यूनिफार्म पहने और गले में टाई बांधे छात्रों को नंगे पांव, जूता-मोजा हाथ में लेकर कक्षा में प्रवेश करना पड़ रहा है. पैंट को घुटनों तक मोड़े गंदे पानी को पार कर दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र ज्ञान अर्जित करने जाते हैं. छात्र यहां से इंजीनियर बनकर बिहार और देश की तस्वीर संवारने का सपना लेकर आए हैं. दरभंगा पॉलिटेक्निक का ये दृश्य बिहार में तकनीकी शिक्षण संस्थानों की दुर्दशा और राज्य की शिक्षा (Bihar Education Department) की स्थिति की पोल खोल रहा है.

'कॉलेज परिसर में जलजमाव काफी समय से लगा हुआ है. इसकी वजह से छात्रों को जूता खोलकर हाथ में लेकर नंगे पांव गंदे पानी में आना पड़ता है. जलजमाव को दूर करने को लेकर यहां के प्रिंसिपल और विभाग से कई बार गुहार लगाई गई लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता है. सरकार इस समस्या को जल्द से जल्द दूरे करे.'- सौरभ मिश्रा, छात्र, दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज

दरअसल दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में महीनों से जलजमाव है. इसकी वजह से यहां के छात्र अपनी वर्कशॉप की क्लास नहीं कर पा रहे हैं. वर्कशॉप क्लास जाने के रास्ते में पानी भरा हुआ है. इसी रास्ते से चलकर छात्र अपनी वर्कशॉप की क्लास में पहुंचते हैं. छात्रों का कहना है कि उनकी परीक्षाएं नजदीक हैं और वर्कशॉप की प्रैक्टिकल क्लास नहीं चल रही है. इसकी वजह से उन्हें परीक्षा में फेल होने की चिंता सता रही है.

'छात्र जूते हाथ में लेकर नंगे पांव पानी में चल कर आते हैं जिससे कई बार उनके पांव में कंकड़-पत्थर चुभ जाते हैं और वे जख्मी हो जाते हैं.ों जिस रास्ते में वर्कशॉप की क्लास है उसी रास्ते में यह पानी लगा हुआ है जिससे क्लास नहीं हो पा रही है. परीक्षाएं नजदीक है और ऐसे में क्लास नहीं चलने से हमें अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही है.'- आदित्य मिश्रा,छात्र, दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज

वहीं कॉलेज के प्रिंसिपल केके पांडेय ने स्वीकार किया कि परिसर में जलजमाव की समस्या काफी समय से है. इसके लिए कई बार नगर निगम को पत्र भी लिखा गया लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है.

'पानी निकाला जाता है लेकिन फिर बारिश हो जाती है जिसकी वजह से जलजमाव रहता है. आसपास के मकान और सड़कें ऊंची हो चुकी हैं जिसकी वजह से कैंपस में पानी लगता है. इस समस्या को दूर करने के लिए दरभंगा नगर निगम और पीडब्ल्यूडी समेत अपने विभाग से लगातार पत्राचार कर रहे हैं लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है.'- केके पांडेय, प्रिंसिपल, दरभंगा पॉलिटेक्निक

बता दें कि राजकीय पॉलिटेक्निक दरभंगा की स्थापना 1959 में हुई थी. यह मिथिलांचल के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में शुमार है. यहां राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा पास कर न सिर्फ बिहार बल्कि आसपास के कई राज्यों के छात्र पढ़ने आते हैं. कॉलेज में एडमिशन लेने के साथ ही उन्हें कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है.

राजकीय पॉलिटेक्निक कैंपस में जलजमाव को लेकर दरभंगा नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है. संस्थान के द्वारा नगर निगम को सालाना लाखों रुपये विभिन्न टैक्स के रूप में दिए जाते हैं. इसके बाद भी निगम प्रशासन संवेदनशील नहीं है. दो-दो बार जलनिकासी के लिए नगर निगम प्रशासन को पत्र लिखा गया है, इसके बाद भी निगम प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है.

दरभंगा: राजकीय पॉलिटेक्निक दरभंगा (Government Polytechnic Darbhanga) में जलजमाव (Water Logging) से छात्र-छात्राओं को स्टडी करने में परेशानी हो रही है. बारिश के कारण संस्थान के मुख्य भवन से लेकर छात्रावास और छात्रों के वर्कशॉप तक जलभराव है. पिछले कई माह से संस्थान के कैंपस में ऐसे ही जलजमाव है. बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher Educational Institution) को जब से खोलने का आदेश मिला है, तब से संस्थान में छात्रों की रौनक देखी जा रही है. लेकिन कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच जलजमाव की स्थिति के कारण छात्रों को जूता-मोजा खोलकर, पैंट घुटनों तक चढ़ाकर कक्षा तक जाना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- Bihar Education: बिहार के स्कूल और कॉलेज गेस्ट टीचर्स के भरोसे, नियमित शिक्षकों का टोटा

चमचमाते यूनिफार्म पहने और गले में टाई बांधे छात्रों को नंगे पांव, जूता-मोजा हाथ में लेकर कक्षा में प्रवेश करना पड़ रहा है. पैंट को घुटनों तक मोड़े गंदे पानी को पार कर दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र ज्ञान अर्जित करने जाते हैं. छात्र यहां से इंजीनियर बनकर बिहार और देश की तस्वीर संवारने का सपना लेकर आए हैं. दरभंगा पॉलिटेक्निक का ये दृश्य बिहार में तकनीकी शिक्षण संस्थानों की दुर्दशा और राज्य की शिक्षा (Bihar Education Department) की स्थिति की पोल खोल रहा है.

'कॉलेज परिसर में जलजमाव काफी समय से लगा हुआ है. इसकी वजह से छात्रों को जूता खोलकर हाथ में लेकर नंगे पांव गंदे पानी में आना पड़ता है. जलजमाव को दूर करने को लेकर यहां के प्रिंसिपल और विभाग से कई बार गुहार लगाई गई लेकिन हमारी कोई नहीं सुनता है. सरकार इस समस्या को जल्द से जल्द दूरे करे.'- सौरभ मिश्रा, छात्र, दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज

दरअसल दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में महीनों से जलजमाव है. इसकी वजह से यहां के छात्र अपनी वर्कशॉप की क्लास नहीं कर पा रहे हैं. वर्कशॉप क्लास जाने के रास्ते में पानी भरा हुआ है. इसी रास्ते से चलकर छात्र अपनी वर्कशॉप की क्लास में पहुंचते हैं. छात्रों का कहना है कि उनकी परीक्षाएं नजदीक हैं और वर्कशॉप की प्रैक्टिकल क्लास नहीं चल रही है. इसकी वजह से उन्हें परीक्षा में फेल होने की चिंता सता रही है.

'छात्र जूते हाथ में लेकर नंगे पांव पानी में चल कर आते हैं जिससे कई बार उनके पांव में कंकड़-पत्थर चुभ जाते हैं और वे जख्मी हो जाते हैं.ों जिस रास्ते में वर्कशॉप की क्लास है उसी रास्ते में यह पानी लगा हुआ है जिससे क्लास नहीं हो पा रही है. परीक्षाएं नजदीक है और ऐसे में क्लास नहीं चलने से हमें अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही है.'- आदित्य मिश्रा,छात्र, दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज

वहीं कॉलेज के प्रिंसिपल केके पांडेय ने स्वीकार किया कि परिसर में जलजमाव की समस्या काफी समय से है. इसके लिए कई बार नगर निगम को पत्र भी लिखा गया लेकिन आज तक इस समस्या का समाधान नहीं निकल पाया है.

'पानी निकाला जाता है लेकिन फिर बारिश हो जाती है जिसकी वजह से जलजमाव रहता है. आसपास के मकान और सड़कें ऊंची हो चुकी हैं जिसकी वजह से कैंपस में पानी लगता है. इस समस्या को दूर करने के लिए दरभंगा नगर निगम और पीडब्ल्यूडी समेत अपने विभाग से लगातार पत्राचार कर रहे हैं लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है.'- केके पांडेय, प्रिंसिपल, दरभंगा पॉलिटेक्निक

बता दें कि राजकीय पॉलिटेक्निक दरभंगा की स्थापना 1959 में हुई थी. यह मिथिलांचल के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों में शुमार है. यहां राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा पास कर न सिर्फ बिहार बल्कि आसपास के कई राज्यों के छात्र पढ़ने आते हैं. कॉलेज में एडमिशन लेने के साथ ही उन्हें कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है.

राजकीय पॉलिटेक्निक कैंपस में जलजमाव को लेकर दरभंगा नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है. संस्थान के द्वारा नगर निगम को सालाना लाखों रुपये विभिन्न टैक्स के रूप में दिए जाते हैं. इसके बाद भी निगम प्रशासन संवेदनशील नहीं है. दो-दो बार जलनिकासी के लिए नगर निगम प्रशासन को पत्र लिखा गया है, इसके बाद भी निगम प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है.

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