दरभंगा: बिहार (Bihar) के दरभंगा (Darbhanga) जिले के राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (Darbhanga Ayurveda College) बीते 18 सालों से बंद पड़ा हुआ है. अब इस कॉलेज में एक बार फिर से पढ़ाई शुरू होगी. इसको लेकर बिहार सरकार (Bihar Government) ने तैयारियां शुरू कर दी है. राज्यपाल के आदेश से सरकार के विशेष सचिव अरविंदर सिंह ने बुधवार को इससे संबंधित एक अधिसूचना जारी की है.
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जारी अधिसूचना के तहत दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल में पढ़ाई और बेहतर चिकित्सा सेवा शुरू करने के लिए 12 शिक्षकों और चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसके साथ ही अन्य संस्थानों में प्रतिनियुक्त कॉलेज के शिक्षकों और चिकित्सकों को वापस दरभंगा बुलाया गया है.
सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल में बंद पड़े विभागों और सेवाओं को फिर से शुरू किया जा रहा है. दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि नए सत्र 2022 से नामांकन शुरू करने और पढ़ाई आरंभ करने की योजना है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से शिक्षकों और चिकित्सकों की कमी पूरी की जा रही है.
आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि सरकार ने कॉलेज और अस्पताल में 12 शिक्षकों और चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त किया है. अब कॉलेज और अस्पताल को मानक के अनुरूप तैयार किया जा रहा है. उसके बाद कॉलेज की मान्यता बहाल करने के लिए आवेदन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कॉलेज का स्थापना दिवस 15 सितंबर को मनाया जाएगा. स्थापना दिवस कार्यक्रम में बिहार सरकार के कई मंत्री, स्थानीय सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे. उसी कार्यक्रम में पूरी योजना की जानकारी दी जाएगी.
बता दें कि दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज का उद्घाटन 2 अक्टूबर 1975 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने किया था. हालांकि इसके कई साल पहले से ये कॉलेज दरभंगा राज की ओर से चलाया जा रहा था. इस कॉलेज का परिसर 22 एकड़ में फैला हुआ है और अस्पताल 10 एकड़ में फैला है.
जानकारी के मुताबिक कभी इस अस्पताल को बिहार का सबसे समृद्ध आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल माना जाता था. दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज में वर्ष 2004 तक 30 सीटों पर बीएएमएस पाठ्यक्रम में नामांकन होता था. बाद में मानक पूरा नहीं करने की वजह से सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) ने इस कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी. जिसके बाद यहां पढ़ाई बंद हो गई.
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