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बिहार ऐसे पाएगा 'कोविड-19' पर काबू? DMCH में कोरोना जांच की रफ्तार हुई धीमी - corona patient in darbhanga

दरभंगा के डीमसीएच में कोरोना मरीजों की जांच की रफ्तार कम हो गई है. इसको लेकर डीएमसीएच के प्राचार्य ने कहा है कि अगर काम में कोताही पाई गई तो स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी जाएगी.

डीएमसीएच
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Published : Apr 28, 2020, 3:59 PM IST

दरभंगा: बिहार में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस संक्रमण की गिरफ्त में नए-नए जिले आ रहे हैं. इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिले के अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को और अधिक अलर्ट रहने को कहा है. इन आदेशों के बावजूद दरभंगा मेडिकल कॉलेज में जांच की रफ्तार बढ़ने की बजाए घट गई है.

darbhanga
कोरोना आइसोलेशन वार्ड

दरअसल, तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्टों में ही जांच की जा रही है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में 2 अप्रैल से कोरोना की जांच शुरू हुई थी. दो सप्ताह पहले जांच संख्या बढ़ाने के लिए तीन शिफ्ट में काम होने लगा. इसके लिए डॉक्टर, टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों को मिलाकर 40 लोगों की ड्यूटी लगाई गई. इस कारण 9 जिलों से आए नमूनों की जांच रिपोर्ट उसी दिन मिल जाती थी. लेकिन, बाद में तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्ट में काम किया जाने लगा. जिससे रिपोर्ट आने में देरी होने लगी.

darbhanga
माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग

'जांच में नहीं बरती जाएगी कोताही'
बता दें कि शुरुआती दौर में एक दिन में 36 सैंपल की जांच होती थी. इसके बाद इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए 24 घंटे में 72 कर दी गई. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्ट में काम किया जाने लगा. रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक काम नहीं होता है. अब तक माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में करीब 1600 मरीजों के सैंपल की जांच हुई. वहीं, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएन झा ने जांच की रफ्तार बढ़ाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर काम में कोताही हुई तो कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा जाएगा.

दरभंगा: बिहार में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस संक्रमण की गिरफ्त में नए-नए जिले आ रहे हैं. इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिले के अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को और अधिक अलर्ट रहने को कहा है. इन आदेशों के बावजूद दरभंगा मेडिकल कॉलेज में जांच की रफ्तार बढ़ने की बजाए घट गई है.

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कोरोना आइसोलेशन वार्ड

दरअसल, तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्टों में ही जांच की जा रही है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में 2 अप्रैल से कोरोना की जांच शुरू हुई थी. दो सप्ताह पहले जांच संख्या बढ़ाने के लिए तीन शिफ्ट में काम होने लगा. इसके लिए डॉक्टर, टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों को मिलाकर 40 लोगों की ड्यूटी लगाई गई. इस कारण 9 जिलों से आए नमूनों की जांच रिपोर्ट उसी दिन मिल जाती थी. लेकिन, बाद में तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्ट में काम किया जाने लगा. जिससे रिपोर्ट आने में देरी होने लगी.

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माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग

'जांच में नहीं बरती जाएगी कोताही'
बता दें कि शुरुआती दौर में एक दिन में 36 सैंपल की जांच होती थी. इसके बाद इसकी क्षमता को बढ़ाते हुए 24 घंटे में 72 कर दी गई. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण तीन शिफ्ट की जगह दो शिफ्ट में काम किया जाने लगा. रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक काम नहीं होता है. अब तक माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में करीब 1600 मरीजों के सैंपल की जांच हुई. वहीं, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एचएन झा ने जांच की रफ्तार बढ़ाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अगर काम में कोताही हुई तो कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा जाएगा.

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