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बोले अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन- 'CAA और NRC को जोड़ना होगा घातक' - नेताओं के बयान से हो रहा विवाद पैदा

सोमवार को अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम दरभंगा पहुंचे. जहां उन्होंने केंद्र सरकार के सीएए का समर्थन किया. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि सीएए को एनआरसी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

दरभंगा पहुंचे अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम
दरभंगा पहुंचे अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम
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Published : Feb 10, 2020, 4:55 PM IST

दरभंगा: बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम सोमवार को दरभंगा पहुंचे. जहां उन्होंने परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए सीएए और एनआरसी पर अपनी प्रतिक्रिया दी. यूनिस हकीम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून सही है. जानकारी के अभाव में इसका विरोध हो रहा है. लेकिन, अगर इस कानून को एनआरसी से जोड़ा जाता है तो यह देश के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा.

अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का बयान कुछ और होता है फिर उनके मंत्री कुछ और बोलते हैं. ऐसे में लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है. सीएए में कुछ भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. सीएए कानून के अनुसार जो लोग प्रताड़ित होकर यहां आए हैं, उन्हें नागरिकता देने की बात कही गई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'नेताओं के बयान से हो रहा विवाद पैदा'
वहीं, यूनिस हकीम ने कहा कि कुछ नेताओं ने धर्म पर खतरा बताकर ऐसा भाषण दिया कि लोग डर गए. एनआरसी की कोई चर्चा अभी नहीं है, इसलिए अभी उसपर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट को निर्णय लेना है कि यह कानून सही है या गलत है.

दरभंगा: बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम सोमवार को दरभंगा पहुंचे. जहां उन्होंने परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए सीएए और एनआरसी पर अपनी प्रतिक्रिया दी. यूनिस हकीम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून सही है. जानकारी के अभाव में इसका विरोध हो रहा है. लेकिन, अगर इस कानून को एनआरसी से जोड़ा जाता है तो यह देश के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा.

अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम ने केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का बयान कुछ और होता है फिर उनके मंत्री कुछ और बोलते हैं. ऐसे में लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है. सीएए में कुछ भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. सीएए कानून के अनुसार जो लोग प्रताड़ित होकर यहां आए हैं, उन्हें नागरिकता देने की बात कही गई है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'नेताओं के बयान से हो रहा विवाद पैदा'
वहीं, यूनिस हकीम ने कहा कि कुछ नेताओं ने धर्म पर खतरा बताकर ऐसा भाषण दिया कि लोग डर गए. एनआरसी की कोई चर्चा अभी नहीं है, इसलिए अभी उसपर बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट को निर्णय लेना है कि यह कानून सही है या गलत है.

Intro:दरभंगा पहुंचे बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन यूनिस हकीम ने परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सीएए को अगर एनआरसी को जोड़ा जाता है तो यह देश के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होगा। वही उन्होंने केंद्र सरकार को कटघड़े में खड़े करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का बयान कुछ और होता है उनके मंत्री कुछ और बोलते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि सीएए में कुछ भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। अगर आप गजट पढ़ेंगे तो, उसमे ऐसा कुछ भी नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि सीएए कानून के अनुसार जो लोग प्रताड़ित होकर यहां आए हैं। ऐसे लोगो को नागरिकता दी जाने की बात है।


Body:प्रधानमंत्री कुछ बोलते है, उनके मंत्री कुछ और

वही यूनिस हकीम ने कहा कि कुछ लोगों ने ऐसा भाषण दिया कि हिंदू घबराओ मत, तुमको हम इसके अंदर एनआरसी में जो फंस गए हैं लोग उसको ले लेंगे। उनके किसी मंत्री ने यह कर दिया। वहीं उन्होंने कहा कि कुछ लोग कुछ ऐसे लोग हैं दूसरे पार्टी के जिन्होंने ऐसा बयान दिया कि एनआरसी अभी आ रहा है। जबकि प्रधानमंत्री ने कहा कि एनआरसी की अभी कोई चर्चा नहीं है, कोई बात नहीं है। वही उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने इन तीनों मुद्दे पर खुलकर भाषण दिया है और सीएए का खुलकर समर्थन किया है। कोई हिंदू प्रताड़ित होकर यहां आएगा तो हम उन्हें यहां रहने नहीं देंगे। हमारा धर्म बनता है कि उनको कहे कि वे यहां रहे। लेकिन उन्होंने यह काम अधूरा काम किया है।


Conclusion:सुप्रीम कोर्ट सही गलत का जल्द लेगी निर्णय

वहीं यूनिस हकीम ने कहा कि सीएए नियम तो सही था। लेकिन उसको एनआरसी से जोड़ देगा तो, यह बहुत ही खतरनाक हो जाएगा। आप हिंदू को लीजिएगा और मुसलमान को नहीं लीजिएगा, तब तो बड़ा जुल्म हो जाएगा। हमारा इंसाफ का देश है, न्याय का देश है। अन्याय तो हमारा संविधान भी नहीं कहता है। वहीं उन्होंने कहा कि मामला है सुप्रीम कोर्ट में, सुप्रीम कोर्ट को निर्णय लेना है की यह कानून सही है या गलत है। वहीं उन्होंने कहा कि हमारा संविधान कहता है कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। लेकिन जो कानून बना है धर्म के आधार पर बना है।

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यूनिस हकीम, चेयरमैन बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग
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