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Darbhanga Flood: चचरी पुल के सहारे चलती थी 10 गावों की जिंदगी, इस बाढ़ ने वो भी खत्म कर दी

दरभंगा जिले में एक चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. इस पुल के ध्वस्त हो जाने से 10 गांवों के लोगों को परेशानी बढ़ गई है. जिले लेकर स्थानीय पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं.

पुल ध्वस्त
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Published : Jun 29, 2021, 6:32 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो यहां के विकास की असली हकीकत को बयां कर रही है. केवटी प्रखंड के टेकटार बाजार, रेलवे स्टेशन और अस्पताल के आसपास की बड़ी आबादी को जोड़ने वाला चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. जिसे लेकर गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ें: कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि से आस-पास के इलाकों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा

उफान पर बागमती नदी
दरभंगा जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से बागमती नदी उफान पर है. जिसकी वजह से बड़ी आबादी को जोड़नेवाला चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. ग्रामीणों ने इसे बचाने की काफी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके.

ये भी पढ़ें: Darbhanga Flood: किरतपुर प्रखंड के कई गांव टापू में तब्दील, सीओ ने कहा- स्थिति सामान्य

आवागमन में परेशानी
पुल के ध्वस्त हो जाने से सिर्फ दरभंगा ही नहीं बल्कि सीमावर्ती मधुबनी जिले के कई इलाके के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. इस चचरी पुल से बाजीतपुर, मंगरथू, कोठिया, सिंधिया समेत कई गांव के लोग आते-जाते हैं.

देखें रिपोर्ट.

10 गांव को लोगों की बढ़ी परेशानी
स्थानीय दुलारे ने बताया कि उन लोगों का मुख्य बाजार टिकटार है. इस पुल के ध्वस्त हो जाने से कम से कम 10 गांवों के लोगों को परेशानी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इसी चचरी पुल से होकर वे लोग टेकटार बाजार, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अस्पताल की ओर जाते हैं. यदि कोई बीमार पड़ता है तो उसे लंबी दूरी तय कर डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है.

तत्काल नाव उपलब्ध कराने की मांग
दुलारे ने जिला प्रशासन से तत्काल नाव उपलब्ध कराने और पुल बनवाने की मांग की है. इसके साथ ही स्थानीय गीता देवी ने कहा कि यह पुल लोगों के आवागमन का सहारा था. अब वो भी टूट चुका है, जिससे हर काम में परेशानी हो रही है. महिला ने जिला प्रशासन से जल्द नाव दिए जाने की गुहार लगाई है.

बाढ़ से बढ़ी मुश्किलें
बता दें कि दरभभंगा जिले में बाढ़ आने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है. लोगों का कहना है कि घर से कहीं भी निकलने में पानी से गुजरना पड़ता है. सामानों को लेकर किसी ऊंचे स्थान, सड़क या स्कूल की छत पर शरण लेना पड़ता है. इसके साथ ही साथ बाढ़ से फसलों को भी काफी नुकसान होता है. नदी के तेज बहाव के कारण कटाव इतना तेज हो जाता है कि खेत नदी में समा जाता है.

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो यहां के विकास की असली हकीकत को बयां कर रही है. केवटी प्रखंड के टेकटार बाजार, रेलवे स्टेशन और अस्पताल के आसपास की बड़ी आबादी को जोड़ने वाला चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. जिसे लेकर गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

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उफान पर बागमती नदी
दरभंगा जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से बागमती नदी उफान पर है. जिसकी वजह से बड़ी आबादी को जोड़नेवाला चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. ग्रामीणों ने इसे बचाने की काफी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके.

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आवागमन में परेशानी
पुल के ध्वस्त हो जाने से सिर्फ दरभंगा ही नहीं बल्कि सीमावर्ती मधुबनी जिले के कई इलाके के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. इस चचरी पुल से बाजीतपुर, मंगरथू, कोठिया, सिंधिया समेत कई गांव के लोग आते-जाते हैं.

देखें रिपोर्ट.

10 गांव को लोगों की बढ़ी परेशानी
स्थानीय दुलारे ने बताया कि उन लोगों का मुख्य बाजार टिकटार है. इस पुल के ध्वस्त हो जाने से कम से कम 10 गांवों के लोगों को परेशानी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इसी चचरी पुल से होकर वे लोग टेकटार बाजार, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अस्पताल की ओर जाते हैं. यदि कोई बीमार पड़ता है तो उसे लंबी दूरी तय कर डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है.

तत्काल नाव उपलब्ध कराने की मांग
दुलारे ने जिला प्रशासन से तत्काल नाव उपलब्ध कराने और पुल बनवाने की मांग की है. इसके साथ ही स्थानीय गीता देवी ने कहा कि यह पुल लोगों के आवागमन का सहारा था. अब वो भी टूट चुका है, जिससे हर काम में परेशानी हो रही है. महिला ने जिला प्रशासन से जल्द नाव दिए जाने की गुहार लगाई है.

बाढ़ से बढ़ी मुश्किलें
बता दें कि दरभभंगा जिले में बाढ़ आने से लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है. लोगों का कहना है कि घर से कहीं भी निकलने में पानी से गुजरना पड़ता है. सामानों को लेकर किसी ऊंचे स्थान, सड़क या स्कूल की छत पर शरण लेना पड़ता है. इसके साथ ही साथ बाढ़ से फसलों को भी काफी नुकसान होता है. नदी के तेज बहाव के कारण कटाव इतना तेज हो जाता है कि खेत नदी में समा जाता है.

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