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दरभंगा के बेनीपुर और अलीनगर में चुनाव प्रचार का आखिरी दिन, प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत

दूसरे चरण का मतदान 29 सितंबर को होना है. सोमवार को ही चुनाव प्रचार का आखिरी दिन भी है. आखिरी दिन प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्याशियों ने पूरा ताकत झोंक दी है. रिक्शे और लाउडस्पीकर लगाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में मत देने की अपील कर रहे हैं.

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Published : Sep 27, 2021, 7:08 PM IST

दरभंगाः पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के दूसरे चरण में दरभंगा जिले के बेनीपुर और अलीनगर में 29 सितंबर को मतदान होना है. इसको लेकर सोमवार से ही चुनाव प्रचार समाप्त हो रहा है. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रत्याशी रिक्शे और ऑटो पर लाउडस्पीकर लगाकर अपने-अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं. साथ ही गांव की गलियों की खाक छानकर मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं.

यह भी पढ़ें- मतदाताओं को संदेश- 'सुनो रे भाई.. सुनो रे बहना.. नव संदेश बताना है.. अच्छे को जिताना है'

निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधि गांव में पक्की सड़क, पक्की नाली-गली और हर घर नल का जल योजना पूरी करने को अपनी उपलब्धि के रूप में गिना रहे हैं. इसी आधार पर मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ नए प्रत्याशी लोगों को विकास के रोड मैप दिखा कर वोट मांग रहे हैं.

देखें वीडियो

हालांकि मतदाताओं का कहना है कि गांव में विकास के काम तो हुए हैं, लेकिन अभी भी बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ी समस्या है. मतदाताओं ने कहा कि जो प्रत्याशी पंचायत में उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने को अपना एजेंडा बनाएंगे और पलायन रोकने की बात करेंगे, वे उन्हीं को वोट देंगे.

अलीनगर की नरमा-नवानगर पंचायत की मुखिया प्रत्याशी अनुराधा सिंह ने कहा कि उन्होंने गांव में महिलाओं और लड़कियों के लिए काफी काम किए हैं. उन्होंने कहा कि घर-घर शौचालय बनाए गए हैं. गांव में अस्पताल और स्कूल खोले गए हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को गांव से बाहर नहीं जाना पड़े. इसी के आधार पर उन्हें भरोसा है कि जनता उन्हें चुनेगी.

एक महिला मतदाता श्यामा देवी ने कहा कि गांव में स्कूल और अस्पताल बने हैं. पक्की सड़क भी बन गई है और उनके घर में नल के जल का कनेक्शन भी मिल गया है. लेकिन सबसे बड़ी मांग रोजगार देने की है. उन्होंने कहा कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर बेरोजगार हैं और गांव में रह रहे हैं. अगर उन्हें यहां रोजगार नहीं मिलेगा तो वे पलायन करेंगे. उन्हें रहने के लिए एक घर नहीं है और न ही सरकार की तरफ से 2 डिसमिल जमीन ही उन्हें अब तक मिल पाई है.

मतदाता शिवजी पासवान ने कहा कि गांव में सरकार ने रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की है. कोरोना से रोजी-रोटी पर आफत आ गई है. अब लोगों को दिल्ली, पंजाब, भदोही मजदूरी करने जाना पड़ रहा है. अगर सरकार ने उनके पंचायत में ही रोजगार की व्यवस्था की होती तो ऐसी स्थिति नहीं आती. वे ऐसे प्रत्याशी को मतदान करेंगे जो उनकी पंचायत में विकास का काम करेगा.

यह भी पढ़ें- मधेपुरा में दूसरे चरण में होगा पंचायत चुनाव, पोलिंग पार्टी की ज्वाइनिंग और डिस्पैच का काम पूरा

दरभंगाः पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के दूसरे चरण में दरभंगा जिले के बेनीपुर और अलीनगर में 29 सितंबर को मतदान होना है. इसको लेकर सोमवार से ही चुनाव प्रचार समाप्त हो रहा है. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रत्याशी रिक्शे और ऑटो पर लाउडस्पीकर लगाकर अपने-अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं. साथ ही गांव की गलियों की खाक छानकर मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं.

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निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधि गांव में पक्की सड़क, पक्की नाली-गली और हर घर नल का जल योजना पूरी करने को अपनी उपलब्धि के रूप में गिना रहे हैं. इसी आधार पर मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ नए प्रत्याशी लोगों को विकास के रोड मैप दिखा कर वोट मांग रहे हैं.

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हालांकि मतदाताओं का कहना है कि गांव में विकास के काम तो हुए हैं, लेकिन अभी भी बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ी समस्या है. मतदाताओं ने कहा कि जो प्रत्याशी पंचायत में उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करने को अपना एजेंडा बनाएंगे और पलायन रोकने की बात करेंगे, वे उन्हीं को वोट देंगे.

अलीनगर की नरमा-नवानगर पंचायत की मुखिया प्रत्याशी अनुराधा सिंह ने कहा कि उन्होंने गांव में महिलाओं और लड़कियों के लिए काफी काम किए हैं. उन्होंने कहा कि घर-घर शौचालय बनाए गए हैं. गांव में अस्पताल और स्कूल खोले गए हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को गांव से बाहर नहीं जाना पड़े. इसी के आधार पर उन्हें भरोसा है कि जनता उन्हें चुनेगी.

एक महिला मतदाता श्यामा देवी ने कहा कि गांव में स्कूल और अस्पताल बने हैं. पक्की सड़क भी बन गई है और उनके घर में नल के जल का कनेक्शन भी मिल गया है. लेकिन सबसे बड़ी मांग रोजगार देने की है. उन्होंने कहा कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर बेरोजगार हैं और गांव में रह रहे हैं. अगर उन्हें यहां रोजगार नहीं मिलेगा तो वे पलायन करेंगे. उन्हें रहने के लिए एक घर नहीं है और न ही सरकार की तरफ से 2 डिसमिल जमीन ही उन्हें अब तक मिल पाई है.

मतदाता शिवजी पासवान ने कहा कि गांव में सरकार ने रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की है. कोरोना से रोजी-रोटी पर आफत आ गई है. अब लोगों को दिल्ली, पंजाब, भदोही मजदूरी करने जाना पड़ रहा है. अगर सरकार ने उनके पंचायत में ही रोजगार की व्यवस्था की होती तो ऐसी स्थिति नहीं आती. वे ऐसे प्रत्याशी को मतदान करेंगे जो उनकी पंचायत में विकास का काम करेगा.

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