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9 जून तक सड़क को होना था तैयार, एक छटांक मिट्टी तक नहीं पड़ा तो ग्रामीणों ने की धान की रोपनी

बिहार के दरभंगा के ग्रामीणों ने विरोध का अनोखा स्वर अख्तियार किया. सड़क नहीं बनने से नाराज ग्रामीणों ने उक्त सड़क पर धान की रोपाई कर दी. जिसके बाद स्थानीय बीडीओ मौके पर पहुंचे. पढ़ें पूरी खबर...

दरभंगा
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Published : Jun 14, 2021, 6:21 PM IST

दरभंगा: बिहार (Bihar) में विकास की बयार बहाने की बात करने वाली सुशासन सरकार (Good Governance) के सामने यह तस्वरी हकीकत बयान कर रही है. सड़क को चुनावी मुद्दा बनाकर विधायकी का चुनाव जीते जदयू के शशिभूषण हजारी (JDU Shashibhushan Hajari) की कुशेश्वरस्थान (Kusheshwarsthan) के ग्रामीणों ने पोल खोल कर रख दी है. सड़क नहीं बनने से नाराज ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप भरडीहा-खलासीन सड़क पर धान की रोपाई कर दी.

यह भी पढ़ें: यही विकास है? आजादी के बाद से बिहार के इस गांव में नहीं बनी पक्की सड़क, कंधे पर दूल्हे को बैठा कर ले जाते हैं लोग

9 जून तक बन जानी थी सड़क
दरअसल, आजादी के बाद से आज तक इस इलाके में सड़क नहीं बन सकी है. विधानसभा चुनाव के पहले स्थानीय विधायक शशिभूषण हजारी ने 10 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत इस सड़क का शिलान्यास किया था. कागज पर 10 जून 2020 से 1 करोड़ 11 लाख 36 हजार 98 रुपये की लागत से इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो गया था. जिसे 9 जून 2021 को बन कर तैयार हो जाना था. इससे संबंधित एक बोर्ड भी सड़क पर लगा है, जो लोगों समयावधि बीते जाने पर लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है.

देखें रिपोर्ट

बरसात के मौसम में पैदल चलना तक हो जाता दूभर
स्थानीय देवराज पासवान ने कहा कि इस इलाके में आजादी से लेकर अब तक कोई सड़क नहीं बनी है. भरडीहा और खलासीन गांवों की आबादी करीब 3 हजार है. इन गांवों के लिए यही मुख्य मार्ग है. अगर बारिश हो जाती है तो इस कच्ची सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.

'यहां किसी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर मरीज को चारपाई पर लाद कर अस्पताल ले जाते हैं. सड़क नहीं होने की वजह मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा और दम तोड़ देता है'.-देवराज पासवान, स्थानीय

'सांसद व विधायक पूरे निक्कमे'
वहीं, प्रदर्शन कर रहे एक और ग्रामीण ने कहा कि इस इलाके के विधायक और सांसद पूरी तरह से निकम्मे हैं. ये गांव अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों का है. इस सड़क की स्थिति इतनी बदतर है कि आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.

यह भी पढ़ें: बिहार का सबसे बड़ा अन्तर्राज्यीय बस अड्डा: हर तरफ फैला है कीचड़ ही कीचड़, सड़क पर खड़े रहते हैं यात्री

एक छटांक मिट्टी तक नहीं पड़ी है
सड़क का काम शुरू न होने पर ग्रामीण राजेंद्र पासवान कहते हैं कि इस सड़क का निर्माण एक साल पहले शुरू होना था. बोर्ड पर इसका काम पूरा हो चुका दिख रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि इस रोड पर एक छटांक मिट्टी तक नहीं पड़ी है. आज तक काम शुरू ही नहीं हुआ है.

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गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर की धान रोपाई

बाढ़ के वक्त कट जाता है संपर्क
उन्होंने कहा कि बाढ़ आनेवाली है. ऐसे में इन गांवों का रास्ता बंद हो जाएगा. वे लोग महीनों तक मुसीबत झेलेंगे. राजेंद्र पासवान कहते हैं कि वे लोग सड़क बनाने की मांग को लेकर यहां धानरोपनी कर रहे हैं. सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं.

हरकत में आया प्रशासन
वहीं, जब इस बात की जानकारी प्रशासनिक अमले को हुई तो वे फौरन हरकत में आया. कुशेश्वर स्थान पूर्वी के बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम खत्म कराया.

दरभंगा: बिहार (Bihar) में विकास की बयार बहाने की बात करने वाली सुशासन सरकार (Good Governance) के सामने यह तस्वरी हकीकत बयान कर रही है. सड़क को चुनावी मुद्दा बनाकर विधायकी का चुनाव जीते जदयू के शशिभूषण हजारी (JDU Shashibhushan Hajari) की कुशेश्वरस्थान (Kusheshwarsthan) के ग्रामीणों ने पोल खोल कर रख दी है. सड़क नहीं बनने से नाराज ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप भरडीहा-खलासीन सड़क पर धान की रोपाई कर दी.

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9 जून तक बन जानी थी सड़क
दरअसल, आजादी के बाद से आज तक इस इलाके में सड़क नहीं बन सकी है. विधानसभा चुनाव के पहले स्थानीय विधायक शशिभूषण हजारी ने 10 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत इस सड़क का शिलान्यास किया था. कागज पर 10 जून 2020 से 1 करोड़ 11 लाख 36 हजार 98 रुपये की लागत से इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो गया था. जिसे 9 जून 2021 को बन कर तैयार हो जाना था. इससे संबंधित एक बोर्ड भी सड़क पर लगा है, जो लोगों समयावधि बीते जाने पर लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है.

देखें रिपोर्ट

बरसात के मौसम में पैदल चलना तक हो जाता दूभर
स्थानीय देवराज पासवान ने कहा कि इस इलाके में आजादी से लेकर अब तक कोई सड़क नहीं बनी है. भरडीहा और खलासीन गांवों की आबादी करीब 3 हजार है. इन गांवों के लिए यही मुख्य मार्ग है. अगर बारिश हो जाती है तो इस कच्ची सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है.

'यहां किसी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर मरीज को चारपाई पर लाद कर अस्पताल ले जाते हैं. सड़क नहीं होने की वजह मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा और दम तोड़ देता है'.-देवराज पासवान, स्थानीय

'सांसद व विधायक पूरे निक्कमे'
वहीं, प्रदर्शन कर रहे एक और ग्रामीण ने कहा कि इस इलाके के विधायक और सांसद पूरी तरह से निकम्मे हैं. ये गांव अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों का है. इस सड़क की स्थिति इतनी बदतर है कि आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे.

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एक छटांक मिट्टी तक नहीं पड़ी है
सड़क का काम शुरू न होने पर ग्रामीण राजेंद्र पासवान कहते हैं कि इस सड़क का निर्माण एक साल पहले शुरू होना था. बोर्ड पर इसका काम पूरा हो चुका दिख रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि इस रोड पर एक छटांक मिट्टी तक नहीं पड़ी है. आज तक काम शुरू ही नहीं हुआ है.

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गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर की धान रोपाई

बाढ़ के वक्त कट जाता है संपर्क
उन्होंने कहा कि बाढ़ आनेवाली है. ऐसे में इन गांवों का रास्ता बंद हो जाएगा. वे लोग महीनों तक मुसीबत झेलेंगे. राजेंद्र पासवान कहते हैं कि वे लोग सड़क बनाने की मांग को लेकर यहां धानरोपनी कर रहे हैं. सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं.

हरकत में आया प्रशासन
वहीं, जब इस बात की जानकारी प्रशासनिक अमले को हुई तो वे फौरन हरकत में आया. कुशेश्वर स्थान पूर्वी के बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम खत्म कराया.

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