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दरभंगा के तौसीफ ने किया कमाल, लाखों की नौकरी छोड़ बना दी ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन - बिहार सरकार

दरभंगा के तौसीफ है ने महज 800 रुपये की लागत से ऐसी ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन बनाई है. इस मशीन में सेंसर लगे हुए है. लाखों की नौकरी छोड़कर अपने गांव वापस आए तौसीफ कोरोना को हराने के लिए आगे भी लगे हुए हैं.

दरभंगा से विजय कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट
दरभंगा से विजय कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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Published : May 16, 2020, 1:54 PM IST

Updated : May 16, 2020, 3:29 PM IST

दरभंगा: दरभंगा के जाले ब्लॉक के रेवढ़ा गांव के रहने वाले इंजीनियर मो. तौसीफ ने अपने गांव को कोरोना मुक्त रखने के लिए एक ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन बनायी है. लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़ अपने गांव लौटे तौसीफ ने इस मशीन को बनाने के लिए कबाड़ के सामान का यूज किया है.

महज 800 रुपये की लागत से तौसीफ ने कोरोना से बचाने वाली मशीन बना दी. तौसीफ ने इस मशीन को उसी रेवढ़ा मिडिल स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर पर लगाया गया है, जहां से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हासिल की थी. इस मशीन से क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रह रहे मजदूरों को काफी राहत मिल रही है.

दरभंगा से विजय कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट

नहीं मिल रहा था सामान
तौसीफ ने ओडिशा के एक कॉलेज से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है और कुछ दिनों पहले तक महाराष्ट्र की एक पाइप कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे. कोरोना की एंट्री होते ही, वो अपने गांव चले आए और कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के बारे में सोचने लगे. तौसीफ बताते हैं कि उन्हें ये सैनिटाइजर मशीन बनाने में काफी दिक्कतें आईं, जो सामान उन्हें चाहिए था.वह दुकानें बंद होने की वजह से नहीं मिला. लेकिन वे निराश नहीं हुए.

क्वॉरेंटाइन सेंटर पर लगायी मशीन
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर लगायी मशीन

सिर्फ 12 वोल्ट से चलती है मशीन
उन्होंने मशीनों और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के कबाड़ से अपनी जरूरत का सामान निकाल लिया. तौसीफ ने महज 800 रुपये में ये मशीन बना डाली. अब वे ऐसी और मशीनें बना कर दूसरे क्वॉरेंटाइन सेंटर और अस्पतालों में देना चाहते हैं, ताकि कोरोना का मुकाबला किया जा सके. तौसीफ ने बताया कि ये मशीन बेहद कम बिजली खर्च करती हैं. इसे बिजली के अलावा डीसी बैट्री और सोलर प्लेट से भी चलाया जा सकता है. ये मशीन फुली ऑटोमेटिक है. इसके सेंसर खुद-ब-खुद मशीन को जरूरत के अनुसार स्टार्ट और फिर बंद कर सकते हैं.

ग्रामीणों को मिली काफी राहत
ग्रामीणों को मिली काफी राहत

गांव को हुआ गर्व
तौसीफ की इस उपलब्धि पर गांव के मो. फहद, मो. तौकीर आलम, मो. सैफ जीशान आदि बेहद खुश हैं. रेवढ़ा मिडिल स्कूल के हेडमास्टर और तौसीफ के बड़े भाई मो. खालिद जौहर ने कहा कि तौसीफ बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज थे. आज उन्होंने कबाड़ से बेहद काम की और सस्ती सैनिटाइजर मशीन बना कर इस स्कूल के क्वॉरेंटाइन सेंटर पर लगाया है. इससे प्रवासी मजदूरों को काफी सुविधा हो रही है. उन्होंने सरकार से तौसीफ जैसे युवाओं को प्रोत्साहित करने की मांग की.

'पीएम मोदी के आह्वान को सफल किया'
वहीं, पंचायत के मुखिया मिथिलेश प्रसाद ने कहा कि तौसीफ ने इतना बड़ा काम किया है. जिससे गांव, समाज, जिले और देश का नाम रोशन हुआ है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जिस मेक इन इंडिया और लोकल को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया है, उसे तौसीफ ने पूरा कर दिखाया है. उन्होंने तौसीफ की सफलता के लिए कामना की.

Last Updated : May 16, 2020, 3:29 PM IST

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