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दरभंगा: वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर एंबुलेंस ड्राइवर, मरीजों के लिए एंबुलेंस सेवा ठप

102 एंबुलेंस के ड्राइवर व ईएमटी कर्मियों अनिश्चितकालीन धरना पर हैं. मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मरिजो को हो रही परेशानी
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Published : Aug 13, 2019, 9:53 AM IST

दरभंगा: बिहार एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले 102 एंबुलेंस के चालक व ईएमटी कर्मीयों अनिश्चितकालीन धरना पर हैं. जिसके कारण मरीज निजी एंबुलेंस के सहारे मनमानी रुपया देकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं.

दरअसल डीएमसीएच सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की 102 एंबुलेंस चालक और ईएमटी के कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

darbhanga
102 एंबुलेंस सेवा थप

गरीब लोगों हो रही काफी परेशानी

जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 50 एंबुलेंस की गाड़ियां कार्यरत है. जिसमें 169 चालक व ईएमटी कर्मी कार्यरत है. अधिकांश 102 एंबुलेंस सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में खड़ी है. जिसके कारण खास कर गरीब लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

एंबुलेंस चालक का धरणा

'एंबुलेंस चालक का होता है शोषण'

वहीं कर्मियों का कहना है कि एंबुलेंस का परिचालन करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी उनका शोषण कर रही है. समय पर मजदूरी का भुगतान नही करना, 12 घंटे प्रतिदिन काम लेना और संबधित मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहें है. उनका कहना है कि जब तक हमारी मागें पूरी नहीं की जाएगी. तब तक धरणा प्रदर्शन जारी रहेगा.

'समस्या का निष्पादन राज्य स्तर पर हो'
वहीं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि 102 एंबुलेंस जो कंपनियां चलाती है वहीं कर्मियों का भुगतान भी करती है. हम लोगो के स्तर से कंपनी को भुगतान किया जा चुका है, साथ ही उन्होंने कहा कि इन लोगों का कुछ अन्य मांगे भी है. जिसका निष्पादन राज्य स्तर पर किया जाना है और जिसकी सूचना ने विभाग को दे दी गई है.

दरभंगा: बिहार एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले 102 एंबुलेंस के चालक व ईएमटी कर्मीयों अनिश्चितकालीन धरना पर हैं. जिसके कारण मरीज निजी एंबुलेंस के सहारे मनमानी रुपया देकर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं.

दरअसल डीएमसीएच सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की 102 एंबुलेंस चालक और ईएमटी के कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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102 एंबुलेंस सेवा थप

गरीब लोगों हो रही काफी परेशानी

जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 50 एंबुलेंस की गाड़ियां कार्यरत है. जिसमें 169 चालक व ईएमटी कर्मी कार्यरत है. अधिकांश 102 एंबुलेंस सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में खड़ी है. जिसके कारण खास कर गरीब लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

एंबुलेंस चालक का धरणा

'एंबुलेंस चालक का होता है शोषण'

वहीं कर्मियों का कहना है कि एंबुलेंस का परिचालन करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी उनका शोषण कर रही है. समय पर मजदूरी का भुगतान नही करना, 12 घंटे प्रतिदिन काम लेना और संबधित मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहें है. उनका कहना है कि जब तक हमारी मागें पूरी नहीं की जाएगी. तब तक धरणा प्रदर्शन जारी रहेगा.

'समस्या का निष्पादन राज्य स्तर पर हो'
वहीं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि 102 एंबुलेंस जो कंपनियां चलाती है वहीं कर्मियों का भुगतान भी करती है. हम लोगो के स्तर से कंपनी को भुगतान किया जा चुका है, साथ ही उन्होंने कहा कि इन लोगों का कुछ अन्य मांगे भी है. जिसका निष्पादन राज्य स्तर पर किया जाना है और जिसकी सूचना ने विभाग को दे दी गई है.

Intro:बिहार एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में 102 एंबुलेंस के चालक व ईएमटी कर्मियों ने कंपनियों द्वारा श्रम अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी का भुगतान नही करना, 12 घंटे प्रतिदिन काम लेना और समय पर वेतन भुगतान संबंधित मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करते हुए अनिश्चितकालीन धरना दी है। जिसके कारण दूरदराज से इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। परिजन सरकारी एंबुलेंस की जगह ऑटो, रिक्शा या फिर निजी एंबुलेंस के सहारे मनमानी रुपया देकर अस्पताल पहुंच रहे है।


Body:दरअसल डीएमसीए सहित जिले के स्वास्थ्य केंद्रों की 102 एंबुलेंस के चालक व ईएमटी के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। सरकारी एंबुलेंस सेवा ठप हो जाने से निजी एंबुलेंस संचालकों की चांदी हो रही है। अनाप-शनाप भाड़ा देकर मरीज को निजी एंबुलेंस की सुविधा लेनी पड़ रही है। आपको बताते चलू की जिले में 102 एम्बुलेंस के 39 गाड़ियां कार्यरत है। जिसपे 169 चालक व ईएमटी कर्मी कार्यरत है। जिनमे से अधिकांश 102 एंबुलेंस सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में खड़ी है। जिसके चलते गरीब लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।


Conclusion:वही आंदोलन कर रहे कर्मियों का कहना है कि एंबुलेंस का परिचालन करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी पिछले दो सालों से उन लोगों का शोषण कर रही है। एंबुलेंस चालकों का ट्रांसफर एक जगह से दूसरी जगह कर दिया जा रहा है। उन लोगों पर झूठे मुकदमे भी लादे जा रहे हैं। उन लोगों ने आउटसोर्सिंग कंपनी पर बिना वजह उनके वेतन में कटौती करने का भी आरोप लगाया। साथ ही उन लोगों ने कहा कि हमलोगों को न्यूनतम मजदूरी से कम वेतन देने के साथ ही पिछले 5 माह से वेतन नही दिया जा रहा है। ड्राइवर को 7 हजार तथा ईएमटी को 8 हजार रुपया प्रति माह दिया जा रहा है। वही उन्होंने कहा की हमलोगों की मांग है कि सभी एंबुलेंस पर आवश्यक दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की जाये। वही उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों की मांग पूरी नहीं होती है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि 102 एंबुलेंस जो कंपनियां चलाती है उसके द्वारा ही इसके कर्मियों का भुगतान किया जाता है हम लोगों के असर से कंपनियों को भुगतान किया जा चुका है साथ ही उन्होंने कहा कि इन लोगों का कुछ अन्य मांगे भी है जिसका निष्पादन राज्य स्तर पर किया जाना है जिसकी सूचना हम लोगों ने विभाग को दे दी है।

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प्रेम नारायण झा, परिजन
भोगेन्द्र कुमार मिश्रा, आंदोलनकारी
दिलीप कुमार, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी
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