दरभंगाः बिहार के विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह (VC Pro. Surendra Pratap Singh) पर उत्तर पुस्तिका जांच के नाम पर लाखों रुपये की अनियमितता का मामला सामने आया है. इसके बावजूद प्रो. एसपी सिंह को बेस्ट वीसी के रूप में राजभवन से सम्मानित किया गया. इससे नाराज आइसा के छात्रों ने वीसी का पुतला फूंका और अवार्ड देने का विरोध किया.
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मंगलवार को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के छात्रों ने एलएनएमयू विवि के वीसी प्रो. एसपी सिंह का पुतला फूंका और उन्हें राजभवन से बेस्ट वीसी का अवार्ड दिए जाने का विरोध किया. आइसा के जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में लगातार घोटाले उजागर हो रहे हैं. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी सिंह पर 7 रुपये की कॉपी जांच को लखनऊ से 16 रुपये में कराए जाने का लाखों का गबन उजागर हुआ है.
प्रिंस राज ने कहा कि ये घोटाला उनके मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय का कुलपति रहने के दौरान का है. उन्होंने कहा कि राजभवन ऐसे घोटालेबाज लोगों को कपलपति नियुक्त करता है, यह शर्म की बात है. उन्होंने कहा कि वे मांग करते हैं कि अरबी फारसी विश्वविद्यालय में कॉपी जांच घोटाले की जांच हो. साथ ही विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति के मामले की भी जांच की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो आइसा आनेवाले दिनों में राज्य भर में आंदोलन तेज करेगा.
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बता दें कि मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति ने खुद इस मामले को सामने लाते हुए इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. ये मामला तब का है जब ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह पटना के मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति थे. राजभवन ने प्रो. एसपी सिंह को एक साथ चार विश्विद्यालयों एलएनएमयू विश्वविद्यालय, मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बना दिया था.