ETV Bharat / state

छठ पूजा 2019: आज तक नहीं देखा होगा इतना बड़ा ठेकुआ, अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में होगा दर्ज! - बिहार की खबर

छठ महापर्व में ठेकुआ प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है. चार दिवसीय पूजा में ठेकुआ का अलग ही महत्व है. वहीं, दरभंगा में 91 किलो का ठेकुआ लोगों को आकर्षित कर रहा है.

पकने के बाद कुछ यूं दिखता है ठेकुआ
author img

By

Published : Nov 2, 2019, 9:54 PM IST

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. चार दिवसीय छठ पूजा में प्रसाद रूपी ठेकुआ अपना अलग ही महत्व रखता है. वहीं, दरभंगा से ठेकुआ को लेकर एक खबर सामने आ रही है. जिले में 91 किलो का ठेकुआ बनाया गया है. इस ठेकुआ को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा.

दरभंगा के कर्ण कायस्थ महासभा ने इस ठेकुआ को बनवाया है. समाज के लोगों ने जिले में आयोजित किए गए कर्ण कुंभ में इस ठेकुआ को रखा. 11 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा ठेकुआ कर्ण कुंभ में आकर्षण का केंद्र बना रहा. ठेकुआ को बनाने में 30 घंटे का समय लगा है, जिसे 16 लोगों की देख रेख में तैयार किया गया.

पकने के बाद कुछ यूं दिखता है ठेकुआ
पकने के बाद कुछ यूं दिखता है ठेकुआ

कैसे बनता है ठेकुआ
बिना कीट नाशक-प्रयोग वाले गेहूं को पानी से अच्छी तरह धोकर सूखाते हैं. इसके बाद इस गेहूं को हाथ चक्की में पीसते हैं. गेहूं से पीसा चोकर युक्त आटे को खूब टाइट गूंधते हैं. आटा गूंथते वक्त इसमें गुड़, सौंफ, सूखे मेवे को मिलाया जाता है. इसके बाद इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर मिट्टी के चूल्हे में कढ़ाई में घी डालकर पकाया जाता है.

ऐसे बनाया जाता है ठेकुआ
ऐसे बनाया जाता है ठेकुआ

क्यों कहा जाता है ठेकुआ...
आटा गूंथने के बाद जो छोटे - छोटे टुकड़े किये जाते हैं. उन टुकड़ों को हाथ से ठोककर छोटी और मोटी पूरी का रूप देते हैं. हाथ से ठोककर बनाये जाने के कारण इसे ठेकुआ कहा जाता है. प्रसाद के लिए बने इस ठेकुए का अपूर्व स्वाद होता है. एक बार का बना ठेकुआ दस-बारह दिन मजे में चलता है.

घी में तला जाता है ठेकुआ
घी में तला जाता है ठेकुआ

पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. चार दिवसीय छठ पूजा में प्रसाद रूपी ठेकुआ अपना अलग ही महत्व रखता है. वहीं, दरभंगा से ठेकुआ को लेकर एक खबर सामने आ रही है. जिले में 91 किलो का ठेकुआ बनाया गया है. इस ठेकुआ को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा.

दरभंगा के कर्ण कायस्थ महासभा ने इस ठेकुआ को बनवाया है. समाज के लोगों ने जिले में आयोजित किए गए कर्ण कुंभ में इस ठेकुआ को रखा. 11 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा ठेकुआ कर्ण कुंभ में आकर्षण का केंद्र बना रहा. ठेकुआ को बनाने में 30 घंटे का समय लगा है, जिसे 16 लोगों की देख रेख में तैयार किया गया.

पकने के बाद कुछ यूं दिखता है ठेकुआ
पकने के बाद कुछ यूं दिखता है ठेकुआ

कैसे बनता है ठेकुआ
बिना कीट नाशक-प्रयोग वाले गेहूं को पानी से अच्छी तरह धोकर सूखाते हैं. इसके बाद इस गेहूं को हाथ चक्की में पीसते हैं. गेहूं से पीसा चोकर युक्त आटे को खूब टाइट गूंधते हैं. आटा गूंथते वक्त इसमें गुड़, सौंफ, सूखे मेवे को मिलाया जाता है. इसके बाद इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर मिट्टी के चूल्हे में कढ़ाई में घी डालकर पकाया जाता है.

ऐसे बनाया जाता है ठेकुआ
ऐसे बनाया जाता है ठेकुआ

क्यों कहा जाता है ठेकुआ...
आटा गूंथने के बाद जो छोटे - छोटे टुकड़े किये जाते हैं. उन टुकड़ों को हाथ से ठोककर छोटी और मोटी पूरी का रूप देते हैं. हाथ से ठोककर बनाये जाने के कारण इसे ठेकुआ कहा जाता है. प्रसाद के लिए बने इस ठेकुए का अपूर्व स्वाद होता है. एक बार का बना ठेकुआ दस-बारह दिन मजे में चलता है.

घी में तला जाता है ठेकुआ
घी में तला जाता है ठेकुआ
Intro:Body:

ठछे


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.