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8वें दरभंगा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत, 45 देसी-विदेशी भाषाओं की फिल्मों का होगा प्रदर्शन

8वें दरभंगा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत शुक्रवार को हुई. इसका उद्घाटन कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने किया.

Film Festival begins in Darbhanga
Film Festival begins in Darbhanga
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Published : Feb 26, 2021, 8:29 PM IST

दरभंगा: 8वें दरभंगा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत शुक्रवार को हुई. इसका उद्घाटन कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने किया. 3 दिनों तक चलनेवाले इस फिल्म फेस्टिवल में देसी और विदेशी कुल 45 फिल्मों का प्रदर्शन होगा.

यह भी पढ़ें:- रांची में लालू प्रसाद के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में टली सुनवाई, 5 मार्च को अगली सुनवाई

उद्घाटन के अवसर पर कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि फिल्में न सिर्फ मनोरंजन बल्कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और सकारात्मक संदेश देने का सशक्त माध्यम हैं. उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन समय से ही नाट्यशास्त्र की परंपरा रही है. फिल्में इसी प्राचीन परंपरा का आधुनिक रूप हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र विशेष की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने में फिल्मों की बड़ी भूमिका होती है.

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कई देशों और कई भाषाओं की फिल्मों का होगा प्रदर्शन
वहीं, दरभंगा इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के फाउंडर चेयरमैन मेराज सिद्दीकी ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में ईरान, लेबनान, इंडोनेशिया समेत कई देशों के भाषाओं की फिल्में दिखाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में कन्नड़, मलयालम और बांग्ला समेत कई क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्में भी प्रदर्शित की जा रही हैं. मेराज सिद्दीकी ने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल का समापन 28 फरवरी को होगा. साथ ही उसी दिन विभिन्न कैटेगरी में चयनित फिल्मों को पुरस्कृत भी किया जाएगा.

दरभंगा: 8वें दरभंगा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत शुक्रवार को हुई. इसका उद्घाटन कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने किया. 3 दिनों तक चलनेवाले इस फिल्म फेस्टिवल में देसी और विदेशी कुल 45 फिल्मों का प्रदर्शन होगा.

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उद्घाटन के अवसर पर कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि फिल्में न सिर्फ मनोरंजन बल्कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और सकारात्मक संदेश देने का सशक्त माध्यम हैं. उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन समय से ही नाट्यशास्त्र की परंपरा रही है. फिल्में इसी प्राचीन परंपरा का आधुनिक रूप हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र विशेष की कला-संस्कृति को बढ़ावा देने में फिल्मों की बड़ी भूमिका होती है.

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कई देशों और कई भाषाओं की फिल्मों का होगा प्रदर्शन
वहीं, दरभंगा इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के फाउंडर चेयरमैन मेराज सिद्दीकी ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में ईरान, लेबनान, इंडोनेशिया समेत कई देशों के भाषाओं की फिल्में दिखाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में कन्नड़, मलयालम और बांग्ला समेत कई क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्में भी प्रदर्शित की जा रही हैं. मेराज सिद्दीकी ने कहा कि इस फिल्म फेस्टिवल का समापन 28 फरवरी को होगा. साथ ही उसी दिन विभिन्न कैटेगरी में चयनित फिल्मों को पुरस्कृत भी किया जाएगा.

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