पटना: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा है कि कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला नहीं सुनाया है. कोर्ट के फैसले की कॉपी को वो देखेंगे, उसके बाद एक बार फिर से उसका रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे.
राज्य सरकार ने खटखटाया था SC का दरवाजा
संघ के प्रवक्ता ने कहा कि पहले पटना हाईकोर्ट से उनके पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के पास चली गई. कोर्ट में कई बार जजों द्वारा उनके पक्ष में बातें कही गई. लेकिन अचानक राज्य सरकार की दलीलों को सही मानते हुए आज कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि वो अभी हार नहीं मानेंगे. अपनी 'समान काम, समान वेतन' की मांग को पहले की तरह ही जारी रखेंगे.
कोर्ट ने निरस्त किया फैसला
बता दें कि बिहार के लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर 2009 से लड़ाई लड़ रहे हैं. पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगों को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुनाया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने माध्यमिक नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है.