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SC के फैसले से नाराज शिक्षक संघ ने कहा- पुनर्विचार याचिका दाखिल कर जाएंगे थर्ड बेंच

2009 से अपनी मांग के लिए लड़ाई लड़ रहे नियोजित शिक्षकों को शुक्रवार को निराशा हाथ लगी. सुप्रीम कोर्ट ने समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है.

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Published : May 10, 2019, 2:08 PM IST

पटना: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा है कि कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला नहीं सुनाया है. कोर्ट के फैसले की कॉपी को वो देखेंगे, उसके बाद एक बार फिर से उसका रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे.

राज्य सरकार ने खटखटाया था SC का दरवाजा
संघ के प्रवक्ता ने कहा कि पहले पटना हाईकोर्ट से उनके पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के पास चली गई. कोर्ट में कई बार जजों द्वारा उनके पक्ष में बातें कही गई. लेकिन अचानक राज्य सरकार की दलीलों को सही मानते हुए आज कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि वो अभी हार नहीं मानेंगे. अपनी 'समान काम, समान वेतन' की मांग को पहले की तरह ही जारी रखेंगे.

कोर्ट ने निरस्त किया फैसला
बता दें कि बिहार के लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर 2009 से लड़ाई लड़ रहे हैं. पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगों को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुनाया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने माध्यमिक नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है.

अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, शिक्षक संघ

पटना: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा है कि कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला नहीं सुनाया है. कोर्ट के फैसले की कॉपी को वो देखेंगे, उसके बाद एक बार फिर से उसका रिव्यू पिटीशन फाइल करेंगे.

राज्य सरकार ने खटखटाया था SC का दरवाजा
संघ के प्रवक्ता ने कहा कि पहले पटना हाईकोर्ट से उनके पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के पास चली गई. कोर्ट में कई बार जजों द्वारा उनके पक्ष में बातें कही गई. लेकिन अचानक राज्य सरकार की दलीलों को सही मानते हुए आज कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि वो अभी हार नहीं मानेंगे. अपनी 'समान काम, समान वेतन' की मांग को पहले की तरह ही जारी रखेंगे.

कोर्ट ने निरस्त किया फैसला
बता दें कि बिहार के लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर 2009 से लड़ाई लड़ रहे हैं. पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगों को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुनाया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने माध्यमिक नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन की मांग को निरस्त कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है.

अभिषेक कुमार, प्रवक्ता, शिक्षक संघ
Intro:बिहार के माध्यमिक नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट आज बड़ा झटका लगा है...कोर्ट ने समान काम समान वेतन की मांग कर रहे शिक्षकों विरोध में सुनाया फैसला।


Body:बिहार में लगभग चार लाख से अधिक माध्यमिक नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भले ही निराश हो लेकिन हार नही माने है...शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा भले ही कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला नही आया हो..इससे हम निराश भले ही है...लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी..उन्होंने कहा कोर्ट के फैसले की कॉपी देखेंगे.. उनके बाद हम फिर से रिव्यू पिटीशन फिर से फाइल करेगें।

वही उन्होंने कहा पटना हाईकोर्ट से हमारे पक्ष में फैसला दिया गया था..उनके बाद इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय चली गई..कोर्ट में कई बार जजो द्वारा हमारे पक्ष में बाते कही गई..लेकिन आचनक राज्य सरकार के दलीलों को सही मानते हुए हमारे खिलाफ में फैसला सुना दिया.वही उन्होंने कहा समान काम समान वेतन की मांग को पहले की तरह हमारी लड़ाई सड़क पर भी चलती रहेंगी।


आपको बाबते चले लगभग चार लाख माध्यमिक नियोजित शिक्षक अपने समान काम समान वेतन की मांग को लेकर पिछले 2009 से लड़ाई लड़ रहे है..जिससे पटना हाइकोर्ट ने इनकी मांगो को सही मानते हुए अक्टूबर 2017 में फैसला सुना था..इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी..।


Conclusion:
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