बक्सर: दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के मुताबिक दहेज लेना या देना दोनों अपराध है. लेकिन परंपरा और रीति-रिवाजों के चलते ये प्रथा आज भी जीवित है. इसका विरोध करने पर परिणाम क्या हो सकते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण बक्सर में देखने को मिला. यहां एक दूल्हे को दुल्हन पक्ष के लोगों ने महज इसलिए पीट दिया, क्योंकि उसने दहेज लेने से मना कर दिया. दोनों पक्षों में हुई हिंसक झड़प में तकरीबन आधा दर्जन लोग घायल हो गए.
मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करहसी गांव का है, जहां शादी के मंडप पर दहेज लेने से इनकार करते ही दुल्हन पक्ष के लोगों ने दूल्हे और उसके रिश्तेदारों की पिटाई कर दी. इस मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें से एक की हालत गंभीर है.
नहीं लिए पैसे तो कर दी गई पिटाई
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, सिकरौल थाना क्षेत्र के जिगना गांव के रहने वाले सुरेन्द्र मिश्रा के पुत्र अनिल मिश्रा की बारात, मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करहसी गांव में उपेंद्र मिश्रा के दरवाजे पर पहुंची. शादी समारोह की सभी रस्में खत्म होने के बाद दूल्हे और उसके रिश्तेदार खाना खाने लगे. इसी दौरान दुल्हन के पिता उपेंद्र मिश्रा दूल्हे को बार-बार पैसे देने की कोशिश करने लगे. लेकिन दूल्हे ने जब इनकार किया तो दोनों तरफ से कहासुनी बढ़ गई, देखते ही देखते ये बहस हिंसा में बदल गई.
दूल्हे ने लगाया गम्भीर आरोप
मारपीट में घायल अनिल मिश्रा ने बताया कि दुल्हन पक्ष के लोग बार-बार पैसे देने की कोशिश कर रहे थे. लिहाजा, मैं उन्हें समझा रहा था कि मैं खुद नौकरी करता हूं, मुझे आपकी बेटी के सिवाय कुछ नहीं चाहिए. मैं अपने पैसे से 6 लाख 50 हजार का गहना लड़की के लिए लाया हूं. मुझे पैसा नहीं चाहिए. लेकिन शराब के नशे में चूर दुल्हन पक्ष के लोगों ने मारपीट शुरू कर दी.
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दुल्हन का भाई भी घायल
इस मारपीट में दुल्हन पक्ष के कई लोग भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सदर अस्पताल में इलाजरत दुल्हन के भाई ने बताया कि पैसे को लेकर ही कहासुनी हुई, जिसके बाद दूल्हे पक्ष के लोग बदतमीजी करने लगे. इसके बाद मारपीट शुरू हो गई.
बहरहाल, इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई के बाद दूल्हे और दुल्हन की विदाई कर दी गई है. हालात काबू में हैं. ग्रामीण और पुलिसकर्मी दूल्हे की तारीफ कर रहे हैं.